थारु राष्ट्रिय दैनिक
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महिलाके श्रम अधिकार सुनिश्चित करी

पहुरा | २७ फाल्गुन २०७९, शनिबार
महिलाके श्रम अधिकार सुनिश्चित करी

नेपालके संविधान कार्यान्वयनके चरणमे रहेबेर ओ अन्तर्राष्ट्रिय महासन्धिके पक्षराष्ट्र बन्टी रहेबेर उ महासन्धिहे अनुमोदन तथा कार्यान्वयन कैना चरण ओ प्रक्रियामे महिलाके श्रम अधिकारके क्षेत्रमे कुछ कानून तथा नीति निर्माण हुइल बटै । मने, महिलाके श्रमके मान्यता, पहिचान ओ श्रमिक महिलाके सुरक्षा सुनिश्चित हुई नइसेकल यथार्थ हमार ठेन रहल बा । अभिनफे समाजमे महिलाहे दुसरा दर्जाके रूपमे हेर्ना विभेदपूर्ण दृष्टिकोण, सामाजिक संरचना, मूल्यमान्यता ओ यिहीसे सिर्जित महिलाके कामहे उत्पादनमूलक कामके रूपमे नइहेर्ना हानिकारक अभ्यासके कारण महिलाके श्रम, पहिचान ओ नेतृत्व स्वीकार हुइना वातावरण बने नइसेकल हो । महिलाके सामाजिक, आर्थिक, साँस्कृतिक ओ राजनीतिक संघर्ष विश्वमे हुइल श्रमिक महिलाके अधिकारके लाग करल आन्दोलनके सम्झना ओ सम्मान स्वरुप अन्तर्राष्ट्रिय श्रमिक महिला दिवस मार्च ८ विश्वभर मनैटी आइल बा । “लैङ्गिक समानताके बल्गर आधारः सिर्जनात्मक प्रविधिमे महिला पहुँचके विस्तार” कना राष्ट्रिय नाराके साथ यी दिवस देशभर गैल फागुन २४ गते भर्खर मनाइल बा ।

महिलाके घरेलु श्रमफे श्रम हो, यिहीहे श्रमके दायरामे नन्ना आवश्यक बा कहटी आइएलओसे २०११ मे आघे नानल घरेलु श्रमिक सम्बन्धी महासन्धी १८९ मे नेपाल सरकारसे अभिनफे हस्ताक्षर करले नइहो । यी एकओर नेपाल सरकार घरेलु श्रमहे श्रम मन्ना तयार नइहो कना स्पष्ट पारठ कलेसे दुसर ओर विदेशमे घरेलु श्रमिकके रुपमे काम करे जैना महिला अपन श्रमके अधिकार खुलके उपभोग कैना ओ सामुहिक सौदाबाजी करे पैले नइहुइट । ओस्टेक करके समयक्रमसंगे बदलटी गैल आधुनिक जीवनशैली ओ विकसित प्रविधिसंगे हिंसाके स्वरूप ओ प्रारूपफे परिवर्तन हुइटी गैल बटै । यैसिन मेरिक परिवर्तित हिंसात्मक व्यवहार, साेंच ओ असमान शक्ति सम्बन्धके रुपान्तरणसे न्यायपूर्ण समाजके निर्माण, ओ राज्यके सक्कु क्षेत्र, तह ओ निकायमे लैङ्गिक मैत्री वातावरण निर्माण हुइलेसे केल प्रविधिमे महिलाके पँहुच विस्तार ओ लैगिंक समानता सम्भव बा ।

टबमारे महिलाके कामके पहिचान, सम्मान ओ मूल्यांकन करटी सक्कु सेवामुलक कामहे उत्पादनमुलक काममे रुपान्तरण करे परठ ओ महिलाके आर्थिक, सामाजिक ओ राजनैतिक अधिकार सुनिश्चित करेक लाग महिलाउप्पर हुइना सक्कु मेरिक विभेद ओ हिंसाके अन्त्य हुई परठ । जबसम महिलाके श्रम अधिकार सुनिश्चित नइहुई तवसम यी अभियान जारी रहना जरुरी बा ।

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