नेपाल–भारतविच रानाथारु समुदायके भोजव्याहमे कमी
८० बरषके चार पुस्ते भल्मन्सा चन्दर राना कहठै कानूनी जटिलतासे दुई देशके रानाथारु समुदायके भोजव्याहमे कमी आइटा
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ चैत । नेपाल–भारतके थारु, कठरियाथारु ओ रानाथारु समुदायविच पहिले रोटी बेटीके सम्बन्ध रहे । भारतसे भोजव्याह कैके नन्ना ओ नेपालसे पठैना चलन रहे ।
यी सम्बन्ध करिब ३ पुस्तासम मजासे चलल कैलाली जिल्ला धनगढी उपमहानगरपालिका–१० जुगेरा गाउँक ७५ बर्षिय भल्मन्सा भिखराम राना बटैठै । उहाँ कहलै, ‘जुगेरा गाउँमे करिब ३ सय घरधुरी रानाथारु समुदायके बसोबास रहल बा । मोर पालासम भोज कैके नन्ना ओ यहाँसे पठैना मजा सम्बन्ध चलल । अब्बे कानूनी जटिलता बह्रलपाछे नेपाल–भारतके थारु समुदायके भोज विहामे कमी आइल बा ।’
भल्मन्सा भीखराम कहठै, ‘भोज करेबेर सीमामे टमान समस्या झेले परठ । भोज करके नानल चेली ओ पठाइल चेलिनके नागरिकता बनैनाफे टमान झन्झट बेहोरो पर्ना कारणसेफे जोर जैना सम्बन्ध जुरैटी गैलक हो ।’
पहिले छोटिमसे मंग्नी कैडेना चलनफे रहे । नेपाल–भारतविचके थारु समुदायविच मंग्नी करेबेर, भोज करेबेर कस्टो नइलागे । छाई पठैना ओ पटुहिया नन्ना सामान्य जैसिन रहे । यी गाउँमे केल करिब १ सय ३० ठो पुरान जोरी बटै । अब्बे कानूनी जटिलटा बह्रटी गैलक ओरसे सम्बन्धफे जुरैटी गैलक उहाँ कहठै ।
मोर नटिनी पटुहिया भर दुई बरस आघे भारतसे भजाही गाउँसे आइल । अब्बे कोई मन परालेहल वा भागके भोज करलेहल कलेसे केल हो नइटे भोजविहाके सम्बन्ध जुरैटी गैल भल्मन्सा भीखराम बटैठै ।
कैलाली जिल्ला धनगढी उपमहानगरपालिका–१० भुइयाँघाटके ८० बरषके भल्मन्सा चन्दर रानाफे नेपाल–भारतविचके थारु समुदायविच भोजहा सम्बन्धमे कमी हुइना कानूनी जटिलता हुइलक बाट बटैठै ।
भोज कैनासे लेके नागरिकता बनवाइटसमके झन्झट बेहोरे पर्ना समस्या अइटी रहल बा,’ उहाँ कहलै, ‘भारतसे भोज करके नानल चेलिनके नागरिकता तुरुन्ते बनाई नइमिल्ना ओ बनाईबेर सम्बन्धित ठाउँके सिफारिस पेश करे पर्ना ओ यहाँसे पठाइल चेलिनफे भारतमे नागरिकता बनैना कर्रा हुइल कारण आजकाल्ह भोज विहामे कमी आइलक हो ।’
पहिले रानाथारु ओ कठरियाथारुहुक्रे अपन समुदायविच केल भोज कैना, और समुदायके मनैनसे भोज हुइलेसे डेहुरार (डेउटा कोठ) जाइ नइमिल्ना चलन रहे, भल्मन्सा चन्दर राना कहठै ।
ओहोर नेपाल–भारतके थारु, कठरियाथारु ओ रानाथारु, कठरियाथारु समुदायविच रोटी वेटी (भोजविहाके) सम्बन्ध जुरैटी गैलसंगे अब्बे गैरथारु समुदायसेफे भोज विहा कैना प्रचलन बह्रल भल्मन्सा बटैठै ।
गाउँघरमे थारु समुदायसे अभिनफे ढेर जैसिन आगीमे भात पकैना, जार महिनामे आगी टप्ना चलन बा,’ भुइयाँघाटके सालिकराम राना कहठै, ‘हमार यहोर रहल बनुवा मासके काठी पैना छोरगिल बा । काठी नइमिलठ कहिके यहाँ अब्बे भारतसे भोज कैके आइ नइचाहठै । भारतमे ढेर गन्ना भौरे परठ, काटे परठ कहिके नेपालसे भारत जाई नइचाहल प्रतिक्रिया डेठै ।
नेपालसे भारतमे भोज–विहा करेबेर दुनु देशके भन्सार कार्यालयमे बरातीहुकनके सक्कु विवरण टिपाई पर्ना, अइना जैना समयफे टिपाई पर्ना झन्झट हुइटी रहल भुइयाँघाटके पूर्व शिक्षक रन्जित राना बटैठै । उहाँ कहलै, यहोरसे बरात लेके गैल गाडी ओहोर लैजाई नइमिलठ ओहोरसे अइना गारीफे सिधे नइनइमिलठ । दोहोरो खर्च करे पर्ना बाध्यता बा ।’
कैलाली, कञ्चनपुर, बाँके, बर्दियाके थारु, कठरियाथारु ओ रानाथारु समुदाय नेपाल–भारतके सीमा जोरल भारतके बनकटी, सरियापारो, भुरा, सुडा, अग्ला छेडिया, पिडला छेडिया, चिरौला, बजाही, ढकिया, विरिया, नझौटा, मसानखाम, जेनङरा, चन्दनचौकी, ढुस्कीहा, बेलापरसुवालगायत ठाउँसे भोज विहा चल्टी आइल बा । उ सीमासे जोरल गाउँमे आदिवासी जनजाति थारु, कठरियाथारु ओ रानाथारु समुदायके बसोबास रहल बा ।
नेपालके संविधानमे नेपाली नागरिकसंग वैवाहिक सम्बन्ध कायम करल विदेशी महिलासे चाहलेसे संघीय कानून बमोजिम नेपालके अंगीकृत नागरिकता लेहे सेक्ना व्यवस्था बा ।