थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १५ बैशाख २६४८, शनिच्चर ]
[ वि.सं १५ बैशाख २०८१, शनिबार ]
[ 27 Apr 2024, Saturday ]

महिलाके पक्षमे बनल ऐन कानून आप्रयाप्तः प्रदेश प्रमुख जोशी

पहुरा | ७ चैत्र २०७९, मंगलवार
महिलाके पक्षमे बनल ऐन कानून आप्रयाप्तः प्रदेश प्रमुख जोशी

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ७ चैत ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रमुख देवराज जोशी महिलाके पक्षमे बनल ऐन कानून अभिन प्रयाप्त नइरहल बटैले बटै ।
धनगढीमे सोम्मार हुइल सयुक्त राष्ट्र संघीय महिला विरुद्ध हुइना सक्कु मेरिक भेदभाव उन्मुलन कैना महासन्धी आवधिक प्रतिवेदन सम्बन्धी प्रादेशिक सरोकारवालाहुकनके परामर्श गोष्ठीमे बोल्टी उहाँ यैसिन धारणा राखल हुइट ।

उहाँ महिला विरुद्ध हुइना भेदभाव उन्मुलनके लाग टमान ऐन, नियम, कानुन ओ संविधानमे प्रावधान धरलेसेफे पर्याप्त नइरहल बटैलै । उ विषयमे थप छलफल, सहभागिता तथा सरोकारवालाके राय, सुझाव सल्लाहसहित थप व्यवस्था करके कार्यान्वयन करे पर्ना उहाँ बटैलै । जिम्मेवार निकायसे अपने अनुकूल कार्य कैना हुइल ओरसे कानुन कार्यान्वयन हुई नइसेकल उहाँक कहाई बा ।
परम्परा, धर्म संस्कृति ओ राजनीतिहे अलग धारके संविधानके निष्पक्ष रूपमे कार्यान्वयन हुई सेक्ना उहाँ बटैलै । विगतमे परम्परा, धर्म संस्कृति प्रभावित रहल ओरसे कानून कार्यान्वयनमे समस्या रहलमे अब्बे राजनीतिसे समस्या नन्टी रहल प्रदेश प्रमुख बटैलै ।

संविधानके कार्यान्वयन कैना जिम्मेवार निकायहुकनहे सहयोग ओ सरोकारवाला निकायसे ओम्ने निष्पक्ष रूपमे आघे बह्रलेसे केल संविधानके इमानदारीपूर्वक कार्यान्वयन हुइना ओ थप प्रावधान समावेश करे सेक्ना उहाँ विश्वास व्यक्त करलै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके उपसभामुख कोइलीदेवी चौधरी महिलाहुकनके न्यायके लाग कानून बन्लेसेफे कार्यान्वयन नइहुके महिलाहुक्रे हिंसामे परटी गैल बटैली । महिला पुरुषमे विभेद नइहुके सम्मानजनक रूपसे आघे बह्रना आवश्यक रहल उहाँ बटैली । जिविका चलैना महिलाहुक्रे बाहेर रोजगारीमे जैना मने ंिहंसा परलफे उहाँ बटैली ।

कार्यक्रममे बोल्टी राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग नेपालके माननीय सदस्य लिली थापा अभिनफे महिलाउप्पर विभेद हुइटी रहल बटैली । उहाँ कहली ‘महिला विरुद्ध भेदभाव उन्मुलन हुई नइसेकल हो । सोचाई तथा संवैधानिक, कानूनी ढाँचा तथा विभेदकारी कानूनके कारण महिला उप्पर भेदभाव बा ।’

उहाँ महिलाउप्पर घरेलु तथा लैङिक हिंसा, परम्परागत सोच, न्यायमे पहुँच नइहुइना, अधिकारसे बञ्चित, बेचबिखन तथा शारीरिक शोषण, राजनीतिक तथा सामाजिक क्षेत्रमे स्थान नइपैना लगायतसे यी समस्या हटे नइसेकल बटैली ।
पिछरल महिलाहुकनके विषयमे सक्कु सोच्न आवश्यक रहल कहटी उहाँ राज्यसे कानून बनाके केल नाही कार्यान्वयनमेफे जोड डेना आवश्यक रहल बटैली ।

राष्ट्रिय महिला आयोगके माननीय सदस्य सावित्रा कुमारी शर्मा संविधानमे उल्लेख हुइना अधिकार महिलाहुक्रे उपभोग करे नइपाइल बटैली ।

कार्यक्रममे मुख्यमन्त्री तथा मन्त्री परिषद कार्यालय सुदूरपश्चिम प्रदेशके सचिव गंगा आचार्य, कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी यूवराज कट्टेल, युएनएफपीएके कमला विष्टलगायत सयुक्त राष्ट्र संघीय महिला विरुद्ध हुइना सक्कु मेरिक भेदभाव उन्मुलन कैना महासन्धी आवधिक प्रतिवेदनमे समेटे पर्ना सुझाव डेहल रहिट ।

राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके माननीय सदस्य मनोज दुवाडीके अध्यत्यतामे हुइल कार्यक्रमके संचालन आयोगके सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख हरिप्रसाद ज्ञवाली करल रहिट । ओस्टेक सीडा प्रतिवेदनमे समेट पर्ना सुझावबारे समुहगत छलफल कैगिल बा । कार्यक्रममे प्रदेशके सचिव, मानव अधिकारकर्मी, महिला अधिकारकर्मी, सुरक्षा निकायके सहभागिता रहे ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू