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सुदूरपश्चिममे १८ सय ३४ जाने क्षयरोगी फेला

पहुरा | ९ चैत्र २०७९, बिहीबार
सुदूरपश्चिममे १८ सय ३४ जाने क्षयरोगी फेला

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ चैत ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे गैल सावनसे फागुन मसान्तसम १ हजार ८३४ जाने लौव क्षयरोगी फेला परल बटै ।

क्षयरोग रोग दिवसके अवसरमे विफेक रोज स्वास्थ्य कार्यालय कैलाली ओ नेपाल क्षयरोग निवारण संस्थाके आयोजनामे क्षयरोग सम्बन्धी अन्तरक्रिया कार्यक्रममे उ जानकारी डेहल हो । सुदूरपश्चिम प्रदेशके स्वास्थ्य निर्देशनालयेके क्षय–कुष्ठरोग सुपरिवेक्षक मनोज ओझा आर्थिक बर्ष २०७८ सावनसे २०७९ असार मसान्तसम यी प्रदेशमे ३४ सय २४ जाने क्षयरोगके विमारी फेला परलमे यी बरसमे फागुनसम १ हजार ८३४ जाने लौवा क्षयरोगी फेला परल बटैलै ।

स्वास्थ्य निर्देशनालयेके क्षय–कुष्ठरोग सुपरिवेक्षकके अनुसार आर्थिक बर्ष २०७७ सावनसे २०७८ असार मसान्तसम २८ सय २६ जाने क्षयरोगी फेला परल रहिट । क्षयरोगीके जिल्ला तथ्याङक हेरेबेर यिहे आर्थिक बर्षके सावनसे फागुनसम कैलालीमे सबसे ढेर ७ सय ७३ जाने फेला परल बटै ।

आर्थिक बर्ष २०७८ सावनसे २०७९ असार मसान्तसम यहाँ १४ सय ३३ जाने क्षयरोगके विमारी फेला परलमे आर्थिक बर्ष २०७७ सावनसे २०७८ असार मसान्तसम १ हजार ८४ जाने क्षयरोगी फेला परल रहिट ।

ओस्टेक कञ्चनपुरमे यिहे आर्थिक बर्षके सावनसे फागुनसम ४ सय ४८ जाने, अछाममे ७८ जाने, डोटीमे १ सय १२ जाने, डडेल्धुरामे ७४ जाने, बैतडीमे १ सय १४ जाने, दार्चुलामे ८७ जाने, बझाङमे ७९ जाने ओ बाजुरामे ८९ जाने क्षयरोगके लौवा विमारी भेटल उहाँ बटैलै ।

चार बर्षके तथ्याङकहे केलाके हेरेबेर क्षयरोगसे ज्यान गुमुइयाके संख्याफे बृद्धि हुइल बा । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे आर्थिक बर्ष २०७६ सावनसे २०७७ असार मसान्तसम ११२ जाने, आर्थिक बर्ष २०७७ सावनसे २०७८ असार मसान्तसम ११५ जाने, आर्थिक बर्ष २०७८ सावनसे २०७९ असार ९० जाने केल डेखलमे आर्थिक बर्ष २०७९ सावनसे यिहे फागुन मसान्तसम ११३ जाने ज्यान गुमासेकल बटै ।

प्रदेशभरके तथ्याङक हेरेबेर क्षयरोगसे कैलालीमे सबसे ज्यान गुमैटी रहल बटै । आर्थिक बर्ष २०७९ सावनसे यिहे फागुन मसान्तसम ४३ जाने ज्यान गुमासेकल बटै । आर्थिक बर्ष २०७६ सावनसे २०७७ असार मसान्तसम ५० जाने, आर्थिक बर्ष २०७७ सावनसे २०७८ असार मसान्तसम ५४ जाने, आर्थिक बर्ष २०७८ सावनसे २०७९ असार २९ जाने ज्यान गुमाइल रहिट ।
ओस्टेक करके आर्थिक बर्ष २०७९ सावनसे यिहे फागुन मसान्तसम कञ्चनपुरमे २१, अछाम १३, डोटी ९, दार्चुला ६, डडेल्धुरा ४, बैतडी १०, बझाङ ५ ओ सबसे कम बाजुरामे १ जाने केल क्षयरोगसे ज्यान गुमाइल स्वास्थ्य निर्देशनालयेके क्षय–कुष्ठरोग सुपरिवेक्षक बटैलै ।

क्षयरोग एक सरुवा रोग हो । यी रोग माइक्रो व्याक्टेरियम टयूवरक्लोसिस नामक किटाणु हुइठ । यी हावाके माध्यमसे सर्ना रोग हो । क्षयरोग लागल व्यक्तिसे खोखेबेर, हाच्छिउं करेबेर, थुकेबेर ओ लग्गेसे बाट करेबेर और व्यक्तिमे सरे सेकठ ।
फोक्सामे लग्ना क्षयरोगके लक्षणमे २ हप्ता वा उहीसे ढेर समयसम लगातार खोकी लाग्ना, साँझके हल्का जुरी ओ पसिना अइना, खाना खैना मन नइलग्ना, तौल घटटी जैना, छाती बठैना ओ सास फेर्न गाह्रो हुइना, खकारमे रगत डेखा परे सेकठ ।
स्वास्थ्यकर्मीहुक्रे यी मध्ये कौनो वा सक्कु लक्षण रहल मनैनके खकार जाँच करके रोगके निदान करे पर्ना सुझाव डेले बटै ।

क्षयरोगके जोखिम धुम्रपान कैना व्यक्ति, लागु पदार्थ सेवन कैना व्यक्ति, श्वासप्रश्वासके दिर्घ रोगी, कुपोषण हुइल बालबालिका, गरिब अंग प्रत्यारोपण करल व्यक्ति, शरिरके प्रतिरक्षा शक्ति कम रहल व्यक्ति (एच.आई.भि संक्रमित, मधुमेह, क्यान्सर आदी), उमेर ढल्कल व्यक्ति, स्वास्थ्यकर्मीहुकन, सिमेन्ट, गलैचा कम्पनी तथा ढुङगा, गिटी फोरना मजदुरहे हुई सेक्ना बटागिल बा ।
नेपालमे प्रत्येक बरस ६९ हजार लौवा विमारी ठप्ना ओ १७ हजार ३ जानेक मृत्यु हुइना अनुमान करल बा । जेम्ने ५१ हजार १४ बरस टरेक, ६३ हजार ९ सय १४ बरससे उप्परके हुई सेक्ना बटागिल बा । ओम्नेसे महिला ३३ प्रतिशत ओ पुरुष ६७ प्रतिशत रहल जनागिल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ६४० डटस केन्द्र, १८० माइक्रोस्कोपी केन्द्र, ११ जिनएक्पर्ट, ५ ठो डिआर केन्द्र ओ २ डिआर सव सेन्टरसे क्षयरोग निदान तथा उपचार प्रदान कैना संस्था रहल स्वास्थ्य कार्यालय कैलालीके प्रमुख लालबहादुर धामी बटैलै ।
ओस्टेक कैलालीमे ६८ डटस केन्द्र, ४० माइक्रोस्कोपी केन्द्र, ३ जिनएक्पर्ट, २ ठो डिआर केन्द्र ओ १ डिआर सव सेन्टरसे क्षयरोग निदान तथा उपचार प्रदान कैना संस्था रहल उहाँ जनैलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश जिल्ला भारतसे जोरल ओरसे वहाँसे नेपाल प्रवेश करुइयामेफे क्षयरोग डेखल परल स्वास्थ्य कार्यालयके प्रमुख धामी बटैलै । उहाँ कहलै, भारतसे अउइयाके स्वास्थ्य जाँच करेबेर क्षयरोग पत्ता लागल डेखल बा । टमारे जनचेतना अभिबृद्धि आवश्यक डेखल बा ।

२०५० सम क्षयरोगहे निवारण कैना, क्षयरोगसे हुइना विमारी, मृत्युदरहे घटाके रोग सर्ना प्रक्रियाहे रोक्कके २०३५ सम क्षयरोगहे जनस्वास्थ्यके प्रमुख समस्याके रुपमे रहे नइडेना नेपालमे दीर्घकालिन लक्ष्य लेहल उहाँ बटैलै ।

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