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विस्तापित परिवारके पीडा के सुन्डेना ?

पहुरा | १३ चैत्र २०७९, सोमबार
विस्तापित परिवारके पीडा के सुन्डेना ?

सिँचाई कुलुवा बनाइक लाग १८ वर्षसे दौडधुपमे विस्तापित परिवार

नरी बडु,
बैतडी, १३ चैत ।
अपने हलगोरुसे मनग्य अन्न फराइल मुद्रे स्याल्तडीके वर्षमे तीन खेती पक्ना खेत झाडीमे परिणत हुईबेर मेलौलीनगरपालिका–१ मुद्रे स्याल्तडीके लालमणी भट्टके आँखी रसैठै । आँमके रुखुवाके छायामे बैठके उहे रुखुवाके आँम आनन्दके साथ खैटी उहाँ सम्झठै । अन्न ओ फलफूल बेच्न लालमनीहुक्रे अब्बे गिट्ी फोरुके लालाबाला पल्टी रहल बटै । कारण हो ०६२ आइल बाढसे सिँचाई कुलुवा भत्काईबेर ओइनके खेत उराठ बनल ।

१–२ वर्ष आकासे पानीके भरमे बिउ छिटल ओइनके खेती सफल नइहुइल । न कोई सिँचाई कुलुवा बनाडेहल । सिँचाई कुलुवा निर्माणके माग करटी तात्काली नगरविकास, जिल्ला विकास समिति ओ अब्बेक नगरपालिका, प्रदेश ओ संघ सरकार धाइल वषौँ हुइल । मने ओइनके समस्या अभिनसम फे समाधान हुई नइसेकल हो ।

मेलौली नगरपालिकासे समेत ४ घण्टाके पैदल दुरीमे रहल मुद्रे, स्याल्तडी गाउँ राज्यकानीकाय समेत जैना अल्छी करठै, नेताहुक्रे फे भोट मागे केल पुग्ठै । सिँचाई कुलुवा भत्कके विस्तापित बनल ५० परिवार मेलौलीनगरपालिका–६ मे वैठटी आइल बटै कलेसे ५ परिवार मुद्रे, स्याल्तडीमे वैठटी रहल बटै । ‘विस्तापित हुके बसाई सरलपाछे हमार घर भत्कटसेकल, घरक अवषेस समेत मेटना अवस्थामे बटै । खेतुवा झाडीमे परिणत हुसेकल मने हमार पीडा के सुनडेना ’विस्तापित लालमनी भट्ट कहठै ।

संचारके पहुँचसे समेत दुर रहल स्थानीयहुकनहे धनगढी स्थित खाद्यअधिकारके क्षेत्रममे काम कैना संस्थायाक नेपालसे सम्बन्धित निकायसंग जोरना काम करल । पीडितहुकनके पक्षमे टमान वकालत, वहस ओ पैरवी समेत हुइल फलस्वरुप सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे आर्थिक वर्ष ०७५÷७६ मे एक करोड २० लाख बजेट विनियोजन समेत करल । उ बजेटसे खुसी हुइल मुद्रे, स्याल्तडीवासी नागरिकहुकनके खुसी सिँचाई डिभिजन कार्यालयके प्रमुखसे टिके नइडेलै । कारण योजनाके सम्झौता नइकरडेहल ।

मुद्रे स्याल्तडीके विषयमे याक नेपालसे स्थानीय, प्रदेश ओ संघ सरकारसम विस्तापित नागरिकहुकनहे जोरना काम करल बटैठै । याक नेपाल धनगढीके प्रतिनिधि देवी खनाल । उहाँ कहलै, ‘हम्रे स्थानीयसे प्रदेश सरकारसम ओइनके पुगाके तत्कालीन मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्ट समहे भेटैना काम करल रही, योजनाफे आइल मने सिँचाई डिभिजनके लापर्वाहीके कारण काम नइहुइल ।’ मन्त्रालयके प्राविधिक टोली उ क्षेत्रमे सिँचाई कुलुवा आवश्यक रहल ओ कुलुवा निर्माण समेत सम्भव हुइल प्रतिवेदन बुझाइल रहे । सरकारी प्रतिवेदन अनुसार उ क्षेत्रमे वर्षेनी उत्पादन हुइटी आइल ३६ हजार ८ सय ३४ किलो खाद्यान्न ह्रास हुइल बा । अब्बेसमके हिसाब करेबेर अन्न केल ६ लाख २६ हजार ढेर किलो खाद्यान्न ह्रास हुसेकल याक नेपालके देवी खनालके कहाई बा ।

आइल बजेट सम्झौताके लाग उपभोक्ता समिति समेत गठन करल यहाँके नागरिकहुकनहे तत्कालीन सिँचाई डिभिजन कार्यालयके प्रमुख तेजप्रसाद दहालसे अलमलमे पारके सम्झौता नइकरडेहल ओइनके आरोप बा । ‘सम्झौताके लाग बार बार आग्रह करेबर समेत कबु इन्जिनियर नइहो, कबु मै बाहर बटु, टाइम नइहो कहलै, जेठ सम यैसिक अल्मल्याके पाछे अब्बे नइसेक्जाई दुसर वर्ष नयाँ योजना डारे लगाडेना कहिके ठग्लै’ स्थानीय जयदत्त भट्ट दुखेसो करलै ।

दुई वर्ष कोभिडके संक्रमणसे यहाँके स्थानीयहुक्रे सरकारी कार्यालय धाई नइसेक्लै । फेर अब्बे ओइन सिँचाई कुलुवाके माग करटी सरकारी निकाय धाई लागल बटै । अब्बे सिँचाई डिभिजन कार्यालयके प्रमुख संदीप ढंगोल ओइनके कुलुवा निर्माणके लाग पहल कैना आश्वासन डेले बटै । ‘बुझेबेर यहाँके समस्या गम्भीर बा, पहिले हुई पर्ना काम नइहुइल अब प्रदेश सरकारसंग विषेश महत्वके साथ यहाँके सिँचाई कुलुवाके लाग माग करजाई ।’ डिभिजन प्रमुख डंगोल कहलै । बार बारके आश्वासनसे आजित बनल यहाँके सिँचाई कुलुवा प्रभावित नागरिकहुकनके समस्याके बारेमे सरकार गम्भीर बने पर्ना खाद्यअधिकार सम्बद्ध व्यक्तिहुकनके कहाई बा ।

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