थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०६ कुँवार २६४९, सोम्मार ]
[ वि.सं ६ आश्विन २०८२, सोमबार ]
[ 22 Sep 2025, Monday ]

सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण कैना राजनीतिक दलसे प्रतिवद्धता

पहुरा | २३ चैत्र २०७९, बिहीबार
सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण कैना राजनीतिक दलसे प्रतिवद्धता

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २३ चैत ।
सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण कैना राजनीतिकसे प्रतिवद्धता जनैले बटै ।

शिक्षा अधिकार अनुगमन समुहके आयोजनामे बुधके रोज धनगढीमे ‘सार्वजनिक शिक्षा सुद्धढीकरणमे राजनितिक उत्तरदायित्व’ विषयक सुदूरपश्चिम प्रदेश स्तरीय अन्तर सवांद कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा सदस्य रमेशसिंह धामी सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरणके लाग सामुदयिक विद्यालयमे पब्लिक जनसहभागिता बह्राई पर्ना बटैलै । सामुदायिक विद्यालय सक्कु जानेक हो कना चेतनाके विकास करेक लाग बहस कैना जरुरी बा,’ उहाँ कहलै, ‘समुदायिक विद्यालयहे समुदायफे खासे डेहल ध्यान डेहल नइहो । सामुदायिक विद्यालयमे प्रयाप्त भवन, भौतिक पूर्वाधार रहल मने विद्यार्थीके संख्या न्यून हुइटी गैल बा । विद्यालय, चर्पी सरसफाई नइहो ।’ सरकार सामुदयिक विद्यालयमे लगानी करल मने, अभिभावकके ध्यान संस्थागत विद्यालय ओर जैनाके कारण खोजे पर्ना उहाँ बटैलै ।

सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरणके लाग अपने प्रतिवद्ध रहल कहटी सामुदायिक विद्यालयके शिक्षा सुधारके लाग सदनफे आवाज उठैना ओ आवश्यक नीति सुधारके लाग पहल कैना बटैलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा सदस्य धर्मराज पाठक सार्वजनिक शिक्षा सुधार करे नइसेकटसम सामाजिक परिवर्तन नइहुइना बटैलै । उहाँ कहलै, ‘हम्रे परिवर्तन केल खोज्ठी मने समस्या कहाँ ओकर निराकरण नइखोज्ठी ।’ शिक्षा क्षेत्रमे हुइना राजनितिके अन्त्य नइकरटसम सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण बनाई नइसेक्ना बटैलै ।

नेपाली काँग्रेस कैलालीके सदस्य टपेन्द्र भुसाल सरकारी विद्यालय ओ संस्थागत विच द्वन्द रहल बटैलै । विद्यालयमे हुइना राजनीतिकरणके कारण पढाईके गुणस्तर खस्टी गैल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘शिक्षक भर्नामे राजनिति, व्यवस्थापन समिति गठनमे राजनिति डेखजाइठ । यकर अन्त्य कैना जरुरी बा ।’

नागरिक उन्मुक्ती पार्टीके श्रीराम चौधरी विद्यालयमे व्यवस्थापन समिति गठन करल मने ओइनके भूमिका सक्रिय नइडेखल बटैलै । नेता, कर्मचारी, शिक्षकहुकनके लर्का सामुदायिक विद्यालयमे नइपह्राइटसम सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण बनाई नइसेक्ना बटैलै । सामुदायिक विद्यालयमे राजनितिक कार्यक्रममे बन्देज लगाई पर्नाफे उहाँ बटैलै ।

राष्ट्रिय जनमोर्चा पार्टीके प्रदेश संयोजक नन्दराज भट्ट ठुलावडाके लर्का महंगा संस्थागत विद्यालय ओ विदेशमे पह्रना करल मने आर्थिक रुपमे कम्जोर सर्वसाधारणके लर्का सामुदायिक विद्यालयमे पह्रना करल बटैलै । सार्वजनिक शिक्षा सुदृढीकरण बनैना आब नीति बनाके आघे बह्रनाके विकल्प नइरहल उहाँ बटैलै ।

कार्यक्रममे मिलन खरेल सार्वजनिक शिक्षा सुद्धढीकरणमे राजनितिक उत्तरदायित्व विषयमे कार्यपत्र प्रस्तुत करटी सामुदायिक विद्यालयके शिक्षा खस्टकी गैल बटैलै । गैल बर्ष १०५१ सामुदायिक विद्यालय बन्द हुईबेर १८८ नयाँ नीजि विद्यालय स्थापना हुइलपाछे राज्यके शैक्षिक नीति समाजवादी हुइटी रहल बा की बजारमुखी कहटी उहाँ प्रश्न करलै ।

राजनितिक दलके उत्तरदायित्व स्थानीय तह, प्रदेश ओ संघीय तहके अइना बजेटमे शिक्षा (विद्यालय शिक्षाके बजेट) ममे वृद्धि ओ अइना ५ बर्षमे कुल बजेटके २० प्रतिशत हिस्सा, प्राविधिक शिक्षालय ओ स्थानीयस्तरमे १२ कक्षा समके माध्यमिक विद्यालयके विस्तार, न्युनतम एक वडा एक माध्यमिक विद्यालय लागु करे आवश्यक रहल बटैलै ।

विद्यालयमे शैक्षिक दरबन्दी वृद्धिके लाग राजनीतिक पहल ओ स्थायी शिक्षकके अनुपात अइना ५ वर्षमे न्यूनतम ८० प्रतिशत ओ महिला शिक्षकके अनुपात सक्कु तहमे न्यूनतम ४० प्रतिशत पुगाई पर्ना, सक्कु विद्यालयमे पुस्तकालय, कम्प्युटर ओ सूचना प्रविधि तथा विद्युतके पहुँच बिस्तार करे पर्ना उहाँ कहलै ।

बालिकामैत्री, अपाँगतामैत्री, समावेशी विद्यालयके प्रवद्र्धन कैना, प्रत्येक विद्यालयमे जोखिममे रहल विद्यार्थीके शैक्षिक निरन्तरताके लाग शैक्षिक सहायता कोष स्थापना कैना, नीजि विद्यालयहे नाफारहित ओ सहकारी तथा सामुदायिक स्वामित्वमे रुपान्तरण करेक लाग प्रोत्साहनमुलक कार्यक्रम लागु कैना, नीजी विद्यालय विस्तारहे स्थगन कैना नीति लेना राजनितिक दलसे अपेक्ष करल उहाँ बटैलै ।

इन्सेक प्रलेख अधिकृत कृष्ण विक विद्यालयहे शान्ति क्षेत्र बनैना राजनितिक हस्तक्षेप बन्द करटी सार्वजानिक शिक्षा गुणस्तरीय बनैना कमी कम्जोरी खोजे पर्ना बटैलै ।

राष्ट्रिय प्याब्सनके अध्यक्ष राजेन्द्र चापागाई सार्वजनिक शिक्षा सुद्धढीकरण नइहुइना राजनीति मुल जर रहल बटैलै । सार्वजनिक शिक्षामे मकरा जाल लगासेकल बटैलै । उहाँ कहलै, संस्थागतके विद्यालय ८० प्रतिशत ओ सामुदायिक विद्यालयके २० प्रतिशतमे रहल बटैलै । सामुदायिक ओ संस्थागत विद्यालयविच अन्तरक्रिया जरुरी रहल उहाँ बटैलै ।

फियान नेपालके प्रदेश संयोजक मुकुन्द राना सामुदायिक विद्यालयके विद्यार्थी भारतमे ओ संस्थागत विद्यालयके विद्यार्थी विदेशमे रोजगारी पैना आम मनैनके धारण रहल बटैलै । उहाँ कहलै, सामुदयिक विद्यालयके संस्कार संस्कृति सिखाजाइठ । कहु कहु टे संस्थागत विद्यालयसे मजा करल भेटजाइठ । मने गुणस्तरीय शिक्षाके लाग सक्कु ओरसे ध्यान डेना जरुरी रहठ ।
सोम अधिकारी सरकारी विद्यालय सक्कु जानेक साझा प्लेटफर्म रहल बटैलै । सामुदायिक विद्यालय पाठयपुस्तकके समस्या झेल्टी रहल बटैलै ।

कार्यक्रममे प्याब्सन कैलालीके अध्यक्ष तोपेन्द्र शाह, याक नेपालके विनोद सिंह, फाया नेपालके लालबहादुर महरा, गुड नेवर्सके देवेन्द्र भण्डारी, नेकपा एमालेके अम्बिका विष्ट, पत्रकार प्रकाश विक्रम शाह, सिविन नेपालके हरिलाल चौधरी, डब्लुएचआरके इन्द्र दानपालीलगायत सार्वजनिक शिक्षा सुद्धढीकरणमे आ अपन सुझाव डेहल रहिट । खुला छलफलमे सहजीकरण किरन थापा करले रहिट ।

शिक्षा अधिकार अनुगमन समुहके संस्थापक संयोजक नरेन्द्र डंगोलके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे संचालन ज्ञानभक्त महर्जन करले रहिट ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू