साहित्य मार्फत सद्भाव प्रवाह

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २८ चैत । टीकापुर साहित्य समाजके उपाध्यक्ष एवं एनआरएनएके केन्द्रीय पूर्व कोषाध्यक्ष हिक्मत थापा टीकापुर घट्नापाछे समाजमे परल नकारात्मक छापहे मेटैना टीकापुर साहित्य महोत्सवसे महत्वपूर्ण भूमिका खेलल् बटैले बाटै ।
साहित्य महोत्सवके समापन कार्यक्रमहे सम्बोधन कैटी उहाँ ओइसीन बटाइल हुइट । टीकापुर सरोकार समूहके संस्थापक थापा साहित्य मार्फत आशा, उर्जा, सद्भाव ओ सकारात्मक सोच प्रवाह कैना ढेर हदसम्म सफल हुइल बटैलै ।
उहाँ पहिलचो आयोजना करल महोत्सवमे ढेर कमिकमजोरी हुइल ओरसे आगामि दिनमे उ कमिकमजोरीहे सच्याके आघे बह्रना बटैलै । उहाँ टीकापुर महोत्सव आयोजना कैना सहयोग करुइया संघसंस्था ओ व्यक्तिहुक्रन प्रति आभार फेन व्यक्त करल रहिट ।
टीकापुरमे शनिच्चरसे शुरु हुइल टीकापुर साहित्य महोत्सव सोम्मारके संगीत सन्ध्या कार्यक्रमसहित समापन हुइल रहे । चर्चीत गजल ‘के लत बस्यो मलाई’ के गायक तिलकसिंह पेला सहितके कलाकारके प्रस्तुतीसँगे साहित्य महोत्सवके समापन हुइल रहे ।
२०७२ सालमे हुइल घट्नापाछे सुस्ताइल टीकापुरमे टीकापुर साहित्य समाजसे साहित्य मार्फत आशा, उर्जा, सद्भाव ओ सकारात्मक सोच प्रवाह कैना उद्देश्यसे पहिलचो आयोजना करल तीन दिने साहित्य महोत्सवमे टीकापुरहे केन्द्रमे राखके साहित्य, शिक्षा ओ सुदूर पश्चिमके विकासमे बहस करल रहे ।
महोत्सवके पहिल दिन लेखक सीके लाल ‘साहित्यमार्फत सामाजिक सद्भाव’ शीर्षकउपर विद्वत प्रवचन डेहल रहिट । डुसरा सत्रमे साहित्य काहे लिख्ना ? काहे पह्रना कना विषयमे चलल् रहे । डुसरा सत्रमे साहित्यकार केशव दाहाल, बुद्धिसागर ओ शिवानी सिंह थारु ओ सहजीकरण दीपक सापकोटा करल रहिट ।
महोत्सवमे टिसरा सत्रमे बैकिनीके आँसुमे डुबठ्, सुदूरपश्चिमके धर्ती विषयमे उमा बादी, उन्नति चौधरी ओ कल्पना भट्ट बीच छलफल हुइल रहे । ओकर सहजीकरण बरिष्ठ पत्रकार आरती चटौत करल रही ।
चौथो सत्र नयनराज पाण्डे, अमर न्यौपाने ओ उमा सुवेदीबीच यज्ञशके सहजीकरणमे पाठकके रोजइमे उपन्यास काहे ? कना विषयमे केन्द्रती रहल रहे ।

अन्तिम दिन सबल स्थानीय सरकार ः विकासके मुलआधार, नेपाली नाटक मञ्चन ः विगत ओ वर्तमान, स्थानीय विकासमे समुदायके परिचालन, बदलिँदो स्थानीय समाज सहज कि असहज, कौन सबल ? थारु लेखक कि थारु पात्र, सुदूरपश्चिम विकासमे काहे पाछे ? नेपाली साहित्यमे सुदूरपश्चिम कहाँ बा ? आदि विषयमे चर्चा परिचर्चा हुइल रहे ।
नेपाली साहित्यमे सुदूरपश्चिम कहाँ बा ? कना विषयमे सुदूरपश्चिम प्राज्ञ प्रतिष्ठानके उपकुलपति डा.टी. एन. जोशी, उपान्यासकार विवेक ओझा ओ जनक रसिकबीच बहस हुइल रहे ।
सुदूरपश्चिम विकासमे काहे पाछे कना विषयमे राष्ट्रिय योजना आयोगके पूर्व सदस्य डाक्टर जनकराज शाह ओ नेपाल सरकारके पूर्व सचिव अनुप उपाध्यायसे पत्रकार प्रशान्त अर्याल बहस करल रहिट ।
कौन सबल ? थारु लेखक कि थारु पात्र उपर साहित्यकार डा. कृष्णराज सर्वहारी, लेखक बालिका चौधरीसँग लेखक शेखर खरेल बहस करल रहिट । बदलिँदो स्थानीय समाज सहज कि असहज ? विषयउपर सुदूरपश्चिम प्रदेश योजना आयोगके सदस्य माननीय दीपिका भट्ट, टीकापुर बहुमुखी क्याम्पसके क्याम्पस प्रमुख केशर कुँवर, सामाजिक अभियन्ता रामबहादुर चौधरीसे पत्रकार एकेन्द्र तिमिल्सेना बहस करल रहिट ।
ओस्टके स्थानीय विकासमे समुदायके परिचालन शीर्षकउपर सुदूरपश्चिम प्रदेशके पूर्व आन्तरिक मामिला मन्त्री डाक्टर रणबहादुर रावलसँग पत्रकार सम थापा बहस करल रहिट ।
महोत्सवके महत्वपूर्ण सत्रके रुपममे रहल नेपाली नाटक मञ्चन ः विगत ओ वर्तमान शीर्षकमे नेपाल संगीत नाट्य प्रज्ञा प्रतिष्ठानके कुलपति तथा सुप्रसिद्ध कलाकार निशा शर्मा, सुप्रसिद्ध नाटककार अशेष मल्ल तथा कलाकार सरिता गिरीसँग कलाकार सरस्वती चौधरी बहस करल रही ।
ओस्टके सबल स्थानीय सरकार, विकासके मुल आधार विषयमे टीकापुर नगरपालिकाके नगर प्रमुख रामलाल डगौरा थारु ओ जानकी गाउँपालिकाके अध्यक्ष गणेश चौधरीसँग पत्रकार रमा चन्द बहस करल रही ।
महोत्सवमे नेपाली भाषा, साहित्यके साथे सुदूरपश्चिम प्रदेशके कला, संस्कृति, पर्यटन, इतिहास, दर्शन, पुरातत्व, सम्पदा ओ सामाजिक विकासके समग्र पक्षबारे हरेक दिन सातठो सहित २१ सत्र सञ्चालन हुइल समाजके अध्यक्ष समेत रहल साहित्यकार महेशविक्रम शाह जानकारी डेलै ।
