कानूनी ज्ञान नैहुके महिला समस्या भोग्ठै

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ बैशाख । प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार विशेष करके सुरक्षित गर्भपतन सेवा सम्बन्धी प्रदेशस्तरीय अन्तरक्रियात्मक छलफल कार्यक्रम शुकके धनगढीमे हुइल बा ।
आईपास नेपालके सहयोग तथा महिला, कानुन र विकास मञ्चके आयोजनामे हुइल कार्यक्रममे सहभागि सरोकारवालाहुक्रे कानुनबारे पर्याप्त जानकारी नइहुके अब्बेफे महिलाहुक्रे टमान समस्या भोग्न बाँध्य रहल बटैले बटै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा सदस्य मेखराज खडका प्रजनन सम्बन्धी विगतके सभासदहुक्रे मेहनत करके कानून निर्माण करलेसेफे टमान कारणसे कार्यान्वयन नइहुइल आम नागरिकसे महसुश करल बटैलै । ‘कानुन बनठ, उ अनुसार बजेट विनियोजन नइहुके कार्यान्वयनमे समस्या डेखजाइठ’ उहाँ कहलै–‘प्रदेश सरकारसे फे टमान ऐन, कानुन निर्माण करले बा । मने उ फे कार्यान्वयन हुई नइसेकल हो ।’ उहाँ सुदूरपश्चिमके पहाडी क्षेत्रमे अभिनफे महिला टमान स्वास्थ्य समस्या झेल्टी आइल बटैलै ।
नेकपा माओवादी केन्द्रके प्रदेश सभा सदस्य रमेशबहादुर धामी प्रजनन सम्बन्धि कानूनमे टमान अधिकारके व्यवस्था हुइलेसेफे जानकारी नइहुइना, दक्ष जनशक्ति, स्रोत साधन अभाव लगायतके कारण नागरिक लाभ लेहे नइपाइल बटैलै ।
कार्यक्रममे प्रदेश सभा सदस्य गिता चौधरी, सन्तोषीकुमारी शर्मा, खेमा विष्ट लगायतसे प्रदेशमे महिलासे भोग्टी आइल स्वास्थ्य समस्या लगायतबारेमे धारणा रख्टी प्रदेशमे प्रजनन स्वास्थ्यहे थप परिस्कृत करैना भुमिका निर्वाह कैना बटैले रहिट ।
गर्भपतनके कानूनी अवस्थाबारे प्रस्तुती करटी आइपास नेपालके माधवी बर्जाचार्य २०६० सालसे कानूनीरुपमे गर्भपतन करे पैना सुविधा रहल बटैली । मने उ बारे पर्याप्त जानकारी नइहुके अनिच्छित गर्भधारणके असुरक्षित तरिकासे गर्भपतन करैना कार्यसेफे ढेर महिला असुरक्षितके सामाना करे परल बटैली ।
उहाँ गर्भपतन कैना मान्यता कौन संस्थासे पैले बा ? गर्भपतन करैना प्राविधिकसे आवश्यक तालिम लेहल बा वा नइहो ?, कति हप्तासमके गर्भपतन कराई मिलठ ? गर्भपतनके औषधि खाईबेर कटरा मात्रा खैना ? आदिबारे जानकारी नइहुकेफे गर्भवतीके मृत्यु हुइना करल बटैली । नेपालमे अब्बेफे गर्भवतिमन्से सात प्रतिशत महिलाके गर्भपतनके कारण मृत्यु हुइना करल बा ।
कार्यक्रममे स्वास्थ्य निर्देशनालय दीपायलके निर्देशक डाक्टर जगदिश जोशी प्रजनन स्वास्थ्य सेवा विशेष करके गर्भपतन सम्बन्धि सेवाके सन्दर्भमे स्वास्थ्य निर्देशनालयसे हुइल कार्य ओ आइपास नेपालके अधिवक्ता नविनकुमार श्रेष्ठ सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन अधिकार ऐन, २०७५ अन्र्तगत रहिके प्रदान कैना सेवा सम्बन्धी कानूनी व्यवस्था ओ लैङिक हिँसाबिचके अन्तरसम्बन्धबारे प्रस्तुतीकरण करल रहिट । कार्यक्रमके सहजीकरण अधिवक्ता रेणुप्रधान श्रेष्ठ करल रहिट । सुरक्षित गर्भपतन सेवा सम्बन्धी कानूनी ५१ प्रतिशत महिलाहे पत्ता नइरहल उहाँ बटैली ।
