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सेती लोकमार्ग ट्रयाक खोल्न १४ वर्ष

पहुरा | १८ बैशाख २०८०, सोमबार
सेती लोकमार्ग ट्रयाक खोल्न १४ वर्ष

परमानन्द पाण्डे
टीकापुर, १८ बैशाख ।
दक्षिणके छिमेकी भारत ओ उत्तरके चीनके ताक्लाकोट सीमा नाका जोरना त्रिदेशीय महत्वके सेती लोकमार्गके चर्चा २०४२ सालमे सुरु हुइल । सुदूरपश्चिम घर रहल तत्कालीन प्रधानमन्त्री लोकेन्द्रबहादुर चन्द पहिल चो प्रधानमन्त्री हुईबेर उत्तर–दक्षिण सीमा जोरना सेती लोकमार्गके आवधारणा नन्लै ।

चार चोसम प्रधानमन्त्री हुइल चन्दसे आघे सारल सेती लोकमार्गके अवधारणा नम्मा समय चर्चामे सीमित बनल । चन्द २०३९, २०४६, २०५३ ओ २०५८ करके चार चो प्रधानमन्त्री बन्लै ।

चन्दहे समेत उछिन्टी सुदूरपश्चिमसे शेरबहादुर देउवा पाँचौं चो प्रधानमन्त्री बन्लै । २०५१, २०५७, २०६१, ०७३ ओ ०७७ करके पाँचौं चो प्रधानमन्त्री बनल देउवाके कार्यकालमे समेत सेती लोकमार्गसे गति लेहे नइसेकल ।

चन्दसे आघे सारल सेती लोकमार्गके अवधारणा २४ वर्षपाछे अर्थात् २०६६ मे तत्कालीन प्रधानमन्त्री माधवकुमार नेपाल नेतृत्वके सरकारसे नीति तथा कार्यक्रममे समेटल ।

आर्थिक वर्ष २०६६/०६७ यहोर सेती लोकमार्ग सरकारके नीति तथा कार्यक्रममे छुटल नइहो । मने सेती लोकमार्ग निर्माण शुरु हुइल झण्डे १४ वर्ष ट्रयाक खोल्नमे सीमित बा ।

कैलालीके टीकापुरसे बझाङके उरै भञ्ज्याङ (ताक्लाकोट) सीमा नाकासम ३ सय ५९ किलोमिटर नम्मा सेती लोकमार्गके हालसम १ सय ८७ किलोमिटर ट्रयाक खोलल बा ।

सेती लोकमार्ग निर्माणहे तीव्रता डेना कहटी सरकारसे दक्षिणी खण्डके निर्माणके लाग अछामके साँफेबगर ओ उत्तरी खण्डके लाग बझाङके चैनपुरमे अलग अलग आयोजना कार्यालय सञ्चालन करले बा ।

टीकापुरसे चैनपुरसम दक्षिणी खण्डमे पर्ना २ सय ४२ किलोमिटर मध्ये १ सय ४७ किलोमिटर ओ चैनपुरसे ताक्लाकोटसम उत्तरी खण्डमे पर्ना १ सय १७ किलोमिटर मध्ये ४० किलोमिटर केल ट्रयाक खोलल बा ।

सेती लोकमार्ग दक्षिणी खण्ड सडक डिभिजन कार्यालय साँफेबगरके सूचना अधिकारी इञ्जिनियर केशव मिश्रसे डेहल जानकारी अनुसार दक्षिणी खण्डमे पर्ना टीकापुरसे बौनियाँसम १५ किलोमिटर, बौनियाँसे ठूलीगाडसम ३७ किलोमिटर ट्रयाक खोलल बा ।

ओस्टेक करके अछामके सेती बुढीगंगा दोभानसे साँफेबगरसम २४, साँफेबगर–घुघुरकोट–बिडासैनसम ३३ किलोमिटर ट्रयाक खोलल बा । दक्षिणी खण्ड अन्तर्गत पर्ना बझाङके रानागाउँसे तमिल हुइटी चैनपुरसम ३८ किलोमिटर सडकके ट्«याक खोलल बा ।

दक्षिणी खण्डमे पर्ना बौनियाँसे ठूलीगाडसम २० किलोमिटर, डोटीके ठूलीगाडसे सेती–बुढीगंगा दोभानसमके ४० किलोमिटर अभिन ट्रयाक खोल्न बाँकी बा ।

ओस्टेक करके अछामके सेती बुढीगंगा दोभानसे साँफेबगरसम ८ किलोमिटर, घुघुरकोट–बिडासैनसमके १५ किलोमिटर ओ बाजुरामे पर्ना बिडासैनसे रानागाउँसमके १२ किलोमिटर ट्रयाक खोल्न बाँकी बा ।

सेती लोकमार्ग उत्तरी खण्ड सडक डिभिजन कार्यालय चैनपुरके सूचना अधिकारी इञ्जिनियर पंखसिंह धामीसे डेहल जानकारी अनुसार बझाङके चैनपुरसे उरै भञ्ज्याङ ताक्लाकोटसम पर्ना १ सय १७ किलोमिटर उत्तरी खण्ड मध्ये चैनपुरसे पाल्ती भीरसम ४० किलोमिटर ट्रयाक खोलल बा । उ खण्डके ७७ किलोमिटर ट्रयाक खोल्न अभिन बाँकी बा ।

कैलालीके मोहन्यालके ७१ वर्षीय प्रजे मगरसे सेती लोकमार्गके चर्चा सुनल वर्षौं हुइल । उमेर ढल्के लागेबेर समेत लोकमार्गके ट्रयाक समेत नइखोललपाछे उहाँहे उ सडक चुनावी नारा केल रहलहस लागठ । ‘हम्रे जवान रहेबेर यी सडकके चर्चा सुनल हुई, अभिनसम ट्रयाक समेत खुलल नइहो’ निराश हुइटी उहाँ प्रश्न करलै‘ कब नेताहुकनके चुनावी एजेण्डा हो कि जस्टे लागल, चुनावके बेला बनथ कहठै, पाछे उही हालत, १२÷१३ वर्ष टे ट्रयाक खोल्न लागसेकल कब बनी ?’

कैलाली ओ डोटी जिल्लाके पूर्वी भाग, अछाम, बाजुरा ओ बझाङ जिल्लाके महत्वपूर्ण धार्मिक तथा पर्यटकीय गन्तव्य लोकमार्गसंग जोरल बा । विशेषतः हिन्दु धर्मावलम्बीके लाग आस्थाके केन्द्र मन्ना कैलाश मानसरोवरसम पुग्न सेती लोकमार्ग सबसे छोट ओ कम लागत लग्ना महत्वपूर्ण आयोजना हो ।

मान्यता अनुसार कैलाश मानसरोवर जान भारतके नैमिसारण्डसे सुरु करे परठ । सेती लोकमार्गसे नैमिसारण्डसे भारतके तिकुनियाँ हुइटी टीकापुर, डोटीके पूर्वी भाग, अछामके बैद्यधान धाम, बझाङके खप्तड हुइटी ताक्लाकोटसे कैशाल मानसरोवर जाई सेक्जाई ।

राष्ट्रिय योजना आयोगके पूर्व सदस्य डाक्टर जनकराज शाह सेती लोकमार्ग सुदूरपश्चिमके आर्थिक, धार्मिक ओ पर्यटकीय दृष्टिकोणसे लाइफलाइन रहल बटैठै ।

‘कैलालीके पूर्वी भाग, यातायात सुविधासे वञ्चित रहल डोटीके पूर्वी क्षेत्र, अछामके बैद्यनाथ धाम, बाजुरा ओ बझाङके खप्तड हुइटी उरैभञ्ज्याङसम जोरना यी सडक दुरी ओ लागतके हिसाबसे ढेर सहज आयोजना हो’ डा. शाह कहलै ‘उत्तर–दक्षिण जोरना यी सडक आर्थिक रणनीतिक मार्ग केल नइहुके सुदूरपश्चिमके लाइफलाइन हो, यी यहाँके जनजीवन एक ठो स्तरमे पुगाई ।’ डा. शाह राष्ट्रिय योजना आयोगके सदस्य रहेबेर निर्माण शुरु हुइल यी सडकके प्रगति सुस्त हुइना चिन्ताजनक विषय रहल बटैलै ।
आयोजनाके काम सुस्त हुई लागलपाछे अछाम क्षेत्र नं. १ से निर्वाचित प्रतिनिधि सभा सदस्य शेरबहादुर कुँवर बैशाख ५ गतेके प्रतिनिधि सभा बैठकमे बोल्टी सरकारके ध्यानाकर्षण करैलै ।

‘भारतके उत्तर प्रदेशके १८ करोड जनसंख्याके १० प्रतिशत केल पर्यटक मानसरोवरसम यिहे मार्ग हुके नाने सेक्ना विश्वासके साथ शुरु करल आयोजना हो’ सांसद कुँवर कहलै ‘सुदूरपश्चिमके पर्यटन विकास, पहाडी जिल्लाके बसाइँसराई रोक्न ओ यहाँके आर्थिक रुपान्तरणके लाग सेती लोकमार्ग महत्वपूर्ण बा । यम्ने कौनो प्रकारके बाहनाबाजी, आलटाल हमार लाग सैह्य नइहुई ।’

बारबार ध्यानाकर्षण कराईबेरफे अन्तर मन्त्रालय समन्वयके अभावमे आयोजना निर्माणमे ढिलाई हुइटी रहल उहाँ बटैलै । ‘चार वर्षसम वन मन्त्रालयके कारण रुखुवा कटान करे पर्ना कैलाली ओ डोटीमे वातावरणीय प्रभाव मुल्यांकन हुई नइसेकल’ पूर्व मन्त्री समेत रहल कँुवर कहलै ‘अब्बे कामसे कुछ गति लेले बा । कैलालीमे रुखुवा कटान शुरु हुँइटी बा, डोटीमे छपान कार्यके अनुमति आइल बा । करिब करिब यकर निर्माण रफतारमे बह्रटी रहल बा ।’

हाल धनगढीसे साँफेबगर पुग्न २ सय ७० किलोमिटरमे कम्तीमे दश घण्टा समय लागठ । टीकापुरसे सेती लोकमार्ग हुइटी साँफेबगरसमके दुरी १ सय ३५ किलोमिटर बा । सेती लोकमार्ग निर्माण हुइलेसे ३ घण्टामे साँफेबगर पुगे सेक्ना कुँवर बटैलै । ‘धनगढी, डडेल्धुरा, डोटी हुइटी जाईबेर हम्रहिनहे कम्तीमे १० घण्टा लागठ’ उहाँ कहलै ‘सेती लोकमार्ग निर्माण हुइलेसे जम्मा ३ घण्टा लागी, यकर ढुवानीके लागत समेत कम हुई जाइ कलेसे साँफेबगर पुग्न समयमे बझाङके चैनपुरसम सहजुले पुगे सेक्जाई ।’

बझाङके चैनपुरसे ताक्लाकोटसम पर्ना उत्तरी खण्डके निर्माण आर्थिक वर्ष २०८४/०८५ ममे सम्पन्न कैना करके उत्तरी खण्ड आयोजना प्रमुख तुलाराम शर्मा बटैलै ।

‘कडा चट्टान हुके ब्लास्ट करे पर्ना हुके निर्माणमे कुछ ढिला हुइलेसेफे निर्धारित समयमे आयोजना सम्पन्न कैना करके काम हुइटी रहल बा’ शर्मा कहलै ‘कुल १ सय १७ किलोमिटर ट्रयाकमध्ये ४० किलोमिटर ढेर ट्रयाक खोलसेकल बटी ।’ उहाँ कोरोनाके कारण समेत सडक निर्माणमे ढिलाई हुइल बटैलै ।

यहोर, बझाङके चैनपुरसे टीकापुरसम हेर्ना सेती लोकमार्ग दक्षिणी खण्ड सडक डिभिजन कार्यालय साँफेबगरके योजना प्रमुख रमेश भट्टराई वन मन्त्रालयले रुख कटान आदेश दिनमे समय लगाइल बटैलै । ‘चार वर्षसम रुख कटानके लाग वातावरणीय प्रभाव मुल्यांकन हुई नइसेकल’ उहाँ कहलै ‘अब्बे कैलालीमे रुख कटान शुरु हुइल बा कलेसे डोटीमे छपानके कार्य हुइटी रहल बा । अछाममे ५ किलोमिटर कालोपत्रे समेत हुसेकल बा, अब निर्माण गति लि ।’

कैलालीके धनगढीस्थित त्रिनगर नाकाके विकल्पके रुपमे भारतीय तिकुनियाँ हुँइटी खक्रौला नाकाहे उत्तरी सीमावर्ती चीनसँग जोरना छोट मार्गके रुपमे रहल सेती लोकमार्ग निर्माणमे ध्यान डेना जरुरी बा । त्रिदेशीय नाकासे हुई सेक्ना व्यापार, सुदूरपश्चिमके पर्यटन विकास, आर्थिक रुपान्तरण ओ देशके लाग चिन्ताके विषय बनल पहाडी जिल्लाके बसाइँसराई नियन्त्रणके लाग यी आयोजना कोशेढुंगा सावित हुई ।

साभारः हाम्रेपत्र डटकम

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