थारु पहिरन प्रवर्द्धनमे स्थानीय तहके भूमिका

दुई दशक यहोर थारु पहिरन हेरैटी गैलैसेफे स्थानीय तह लागु हुइलपाछे मागमे आधारिक यकर प्रवद्र्धनमे सहयोग पुग्ना मेरिक फेरसे बजेट विनियोजन करल विल्गाइल बा । कैलाली जिल्लाके धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ८ वडा कार्यालयसे सीप विकास तालिम केन्द्र्र धनगढीमार्फत दुई महिने लेहेंगा सिना तालिमके आयोजना करल रहे । जिहीसे करिब दुई दर्जन महिला लेहेंगा सिना तालिम पैलै । लेहेंगासंग्गे अंग्याफे महत्वपूर्ण रहल ओरसे दुसर बरस ओकरफे तालिम डेलेसे यिहीहे व्यावसयिक रुपमे आघे बह्राई सेक्ना सहभागी कहल रहिट । वडा नम्बर ८ के वडा अध्यक्ष जुगराम चौधरी अइना बरसफे थारु पहिरनके लाग बजेट विनियोजना कैना प्रतिबद्धता जनैले बटै । ‘अमूर्त साँस्कृतिक सम्पदा परम्परागत कला कौशलः पुस्तान्तरण ओ बजारीकरणसे संरक्षण, संवद्र्धन, प्रवद्र्धनः हमारे अभियान’ कना नारासहित दाङ हस्तकलाके आयोजना तथा स्किल अप नेपाल हस्तकला महासंघ, काठमाडौंके प्रायोजनम कैलालीक जानकी गाउँपालिका वडा नम्बर ४, कञ्चनपुरमे १ महिने थारु लेहेंगा÷अंग्या कटाई–कढाई–सिलाई तालिम डेगिल बा ।
पहिले पुर्खान थेन मेरमेराइक हस्ताकलाके ज्ञान रहे । उहीहे पुस्तान्तरण करे नइसेकलपाछे पुर्खनसंगे उ फे चलजैटी बा । हस्तकला कैलाली जिल्ला संयोजक राधा कठरिया थारु लेहेंगा/अंग्या एक ठो पहिचानके रुपमे रहल यिहीहे संरक्षण करे नइसेक्लेसे थारु समुदायके अस्तित्व हेरैना बटैठी । जानकी गाउँपालिका वडा नम्बर ८ के वडाध्यक्ष दीपेन्द्र कठरिया संस्कृति बचाइक लाग लेहेंगा÷अंग्याहे संरक्षण, सम्वद्र्धन प्रवद्र्धन कैना आवश्यकता महशुस हुइलपाछे बजेट विनियोजन करल ओ अइना बरस निररन्तता डेना बटैठै । केओटी युनिभरसिटी टोकियो जापानके मानवशास्त्री टासुनो फाजिकुरा विदेशमे लेहेंगा÷अंग्या बहुट महत्व रहल ओ पश्चिमा संस्कृतिमे लेहेंगा/अंग्याके माग ढेर रहल बटैठै । अइसिन मजा संस्कृतिके सहि पहिचान खोजेक अपने लगायत टमान विदेशी पर्यटक नेपाल आइल बटैठै । दाङ हस्तकला दाङके जिल्ला अध्यक्ष अशोक थारू अइसिन सीप ज्ञान लावा पुस्तामे नन्ना जरुरी रहल ओ लेहेंगा/अंग्या, चोलियाहे मूर्त रूप डेहेक लाग छोट्टेसे आइन कला संस्कृतिमे लागे परना बटैठै । ओस्टेक कैके कैैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरी थारु लेंंहेगाके प्रवद्र्धन बह्राइक लाग पालिकाके महिला तथा बालबालिका शाखामार्फत बजेट विनियोजन कैके महिलाहुकनहे दुई महिने तालिम डेटी रहल बटैठी ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली ओ कञ्चनपपुर थारु बाहुल बासोबास रहल जिल्ला हो । यहाँ थारु, रानाथारु ओ कठरियाथारुके बासोबास रहल बा । ओसिक हेरेबेर कञ्चनपुर जिल्लाके कुछ पालिकाके प्रमुख, उपप्रमुख, वडा अध्यक्षमे रानाथारु, थारु समुदायके व्यक्ति प्रतिनिधित्व करटी बटै । रानाथारु ओ थारु समुदायके परम्परागत पहिरन हेरैटी गैल बा । यहाँफे यैसिन तालिम जरुरी रहल बा । कैलाली जिल्लाके धनगढी उपपमहानगरपालिकाके उपप्रमुख लगायत टमान वडामे वडा अध्यक्षमे रानाथारु समुदायसे प्रतिनिधित्व कैगिल बा । थारु समुदायके पहिरनसंगे रानाथारु समुदायके पहिरनफे लोप हुइटी रहल बा । लौवा पिढी लेहेंगा अंग्या सिले नइजन्ठै । लौवा पिढीहे सिखायक लाग अपन वडासे लेहेंगा सिना तालिमके आयोजना हो की सोचे पर्ना जरुरी बा । कैलालीमे कठरिया थारु समुदायसे दुई पालिकामे उपाध्यक्ष प्रतिनिधित्व करटी बटै । ओटरा केल नाही टमान वडामे वडा अध्यक्षफे रहल बटै । उहाँहुक्रे यहोर सोचे पर्ना जरुरी बा । डगरघाट, भौतिक पूर्वाधार केल विकास नइहो । हमार पहिचान मौलिक संस्कृति नइरहलेसे हमार अस्तित्व का रना कना हो ।
