थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ 26 Apr 2025, Saturday ]

प्राविधिक शिक्षा आजके आवश्यकता

पहुरा | ७ श्रावण २०८०, आईतवार
प्राविधिक शिक्षा आजके आवश्यकता

हम्रे विकासशील देशके नागरिक हुइटि । हम्रे यी देशमे पुरातनवादी, बुर्जुवा शिक्षाके कारण पाछे परल बटि । हम्रे राजनीतिके अनुत्पादक ओ फाल्तु बाट कैके अपन महत्वपूर्ण समय खेर फालल अप्नही बुझ्ले बटि । अपन व्यवसाय करना ओ अपन कमाइ कैके खैना संस्कृतिके विकास नैहुइलमे हम्रे अभिनसम पैटि आइल अनुत्पादक औपचारिक शिक्षा हो । हमार अवस्थाके जिम्मेवार अब्बेक शिक्षा हुइल मोर बुझाइ बा । प्राविधिक शिक्षा ओ उत्पादनमुखी शिक्षा नैहुइल कारण हमार देश विकासमे पाछे फेन परल बा । प्राविधिक ज्ञान रहल कोइ फेन बेरोजगार बने नैपरठ । टबेमारे, आजके प्रमुख आवश्यकता रहल व्यावहारिक, व्यावसायिक ओ सीपमूलक शिक्षा डेना हो ।

पाछेक समय विद्यार्थी व्यावहारिक तथा व्यावसायिक शिक्षा आर्जन करना उत्साहित डेखाइल बटैं । यिहिनसे देश हलि आर्थिक तथा सामाजिक विकास करे सेक्ना विश्वास फेन लेहल बा । गाउँ–गाउँमे प्राविधिक शिक्षालय फेन खुलल बा । मेहनत कैके नेपालमे पर्याप्त कमाइ करे सेक्ना उदाहरण फेन यहैं बा । व्यवसायिक तारिकासे जौनफेन काम करलेसे फेन सफल हुइ सेक्ना कना उदाहरण नयाँ पुस्ताके युवा डेहे लागल बटैं । नेपाली युवा जनशक्ति खाडी मुलुकमे तल्लो स्तरके कामके लाग ढेर मूल्य तिरके न्यून पारिश्रमिकमे श्रम बेच्न बाध्य हुइल बटैं । यहाँ भर कपडा सिना, कपाल कट्ना ओ होटल व्यवसाय सञ्चालन करनासमेत विदेशीके वर्चस्व डेखाइल बा । भारतीयलगायतके नागरिक यहाँके अर्थतन्त्र बाहेर लैगिलेसे फेन हम्रे नेपालीहे अइसिन सीप सिखाइ सेक्ले नैहुइटि ।

यी विषयमे ध्यान डेना जरुरी डेखाइठ । हम्रे अपन काम अप्नही करे नैसेक्के परनिर्भर ओ गरिब हुइटि बटि । पाछेक समय प्राविधिक कलेज खुल्ना क्रमसँगे विद्यार्थी तथा अभिभावकके ध्यान प्राविधिक शिक्षाओर केन्द्रित हुइ लागल बटैं । विद्यार्थीके लाग ‘आइरन गेट’ मन्ना एसईई परीक्षा उत्तीर्णसँगे भविष्यमे का करना कना मार्गचित्र तयार कैके व्यावसायिक तथा प्राविधिक शिक्षा आर्जन करे सेक्ना कोइ फेन बेरोजगार बनके बैठे नैपरठ ।

अभिभावक फेन अपन छाइछावाके इच्छानुसार कौन विषय पह्रैना उपयुक्त रहि ओहेअनुसार निर्णय करेपरठ । हमार यहाँ अभिन फेन विद्यार्थीके इच्छा एकओर ओ अभिभावकके इच्छा औरे रना अवस्था बा । आब दबाबमे नैहाके, अपन क्षमता ओ इच्छानुसार विद्यार्थी अपन अध्ययनहे आघे बह्राइ परठ । अब्बेक सन्दर्भमे प्राविधिक शिक्षाहे श्रमसँग गाँसके हेरना अत्यावश्यक होसेकल बा । जोन विषय अध्ययन करजाइठ, उ सिर्जनात्मक श्रमशक्तिके उत्पादक बने सेकेपरल । देश विकासके मुख्य आधार शिक्षा प्रणाली हो । टबेमारे, आब सरकार प्रत्येक जिल्लामे बहुप्राविधिक शिक्षालय स्थापना कैके युवाके विदेश पलायनके वर्तमान अवस्था अन्त्य करना जरूरी होसेकल बा । देश बनैना युवाहुकनके सक्रिय ओ रचनात्मक भूमिका रहना करठ । तसर्थ, उहाँहुकनहे प्राविधिक शिक्षामे दक्ष बनाइ सेक्लेसे परनिर्भरता अन्त्य हुइनाके साथे देश विकासके महाअभियान फेन सफल हुइ । देशहे आर्थिक विकासमे समृद्धि बनैना जोन सपना बा, उहिनहे मूर्तरूप डेना राज्यके उत्तरदायित्व हो ।

अब्बेक शिक्षा प्रणाली परिमार्जन कैके प्राविधिक विषयहे अनिवार्य करे सेक्लेसे मुलुकमे प्राविधिक जनशक्तिके उत्पादन बह्रनाके साथे युवाशक्ति विदेश पलायन हुइना क्रम फेन न्यूनीकरण हुइना डेखाइठ । मुलुकभित्रे बेरोजगारी ओ अवसरके कमीसे उच्च शिक्षा हासिल करल मजा विद्यार्थी विदेश पलायन हुइल बटैं । यी राज्यके लाग भारी क्षति हो । टबेमारे, हमार शिक्षा उत्पादनमुखी बनेपरठ । व्यावहारिक ओ आत्मनिर्भर उन्मुख जनशक्तिस किल मुलुक रूपान्तरण हुइना हुइ ओरसे प्राविधिक शिक्षा अति आवश्यक डेखाइल बा । नेपाल सरकार रोजगारीमूलक शिक्षा डेना जरुरी बा । नीतिगत रूपमे शिक्षा सुधार हुइना जरुरी डेखाइल बा ।

abhimanyuchaudhary277@gmail.com

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