थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८२, शनिबार ]
[ 26 Apr 2025, Saturday ]

धान बालीमे लग्ना मुख्य कीरा ओ ओइनके व्यवस्थापन

पहुरा | १७ श्रावण २०८०, बुधबार
धान बालीमे लग्ना मुख्य कीरा ओ ओइनके व्यवस्थापन

धान नेपालके प्रमुख खाद्यान्न बाली रनाके साथे देशके अर्थतन्त्रमे सबसे ढेर योदान करना एक बाली फेन हो । नेपालके कुल खेती योग्य जमिनमध्ये १५ लाख हेक्टरसे ढेर क्षेत्रफलमे खेती हुइना यी बालीके उत्पादकत्व भर अन्य देश तथा महादेशके तुलनामे एकडम कम रहल बा । विगत आधा शताव्दी से ढेर समयसे देशमे हुइटिरहल कृषि विकासके प्रयासमे फेन यी बाली मुख्य प्राथमिकता पैटि आइल बा । उ अलावा रोग कीरा नियन्त्रणके नाममे स्वास्थ्यमे समेत प्रतिकूल असर पुगैना मेरिक टमान खतरनाक विषादीके प्रयोग व्यापक मात्रामे हुइटि रहल बा ।

फोरेट, थिमेट फ्युराडन जैसिन माटिमे प्रयोग करना ढेर समयसम विषके असर रहना विषादीके प्रयोग ढेर रहल बा । ओइसिन विषादीके अव्यवस्थित प्रयोगसे एकओर माटिमे रहल फाइदाजनक कीरा तथा सुक्ष्मजिवाणु समाप्त हुइटि बा कलेसे औरसेओर बोटविरुवाहे हानी पुगैना कीरामे विष पचैना क्षमता लगातार बह्रल बा । जेकर कारणसे वातावरण सन्तुलनमे खलल परनाके साथे कृषकहुकनहे बाली संरक्षणके लाग और ढेर खर्च करेपरना हुइल बा । ओत्रे रटि रटि फेन उहाँहुक्रे प्राप्त करना उत्पादन भर बृद्धि हुइ सेकल नैहो ।

धान बालीमे लग्ना मुख्य मुख्य हानिकारक शत्रु जीव

धानमे लग्ना गवारो किरा

यी धान बालीमे लग्ना मुख्य किरा हो ओ धान बालीके जोन अवस्थामे फेन आक्रमण करठ । धान गाम्हार हुइनासे आगे गवारोसे क्षति करलमे धान क्षति करे सेकठ कलेसे धानके बाला पसैना ओ बाला निकरना अवस्थामे क्षति करलमे प्रत्यक्ष रुपमे उत्पादन घटठ । धानमे लग्ना गभारोके ढेर जाति बा ओ हमार यहाँ पैना प्रमुख जात पहेंलो गवारो, सेतो गवारो, धर्के गवारो ओ गुलावी गवारो हो । यीमध्ये पहेंलो गवारो ढेर हानिकार रहठ ।

क्षतिके लक्षण

फुलासे निकरना प्रत्येक लाभे धानके कलिलो अवस्थामे एक गाभो भित्तर पेलठ ओ गाभाहे बह्रटि डेटि वा मरठ जिहिनसे मृत गावा कहिजाइठ । लाभे बाल निक्रे लागल बोटमे फेन सुरुङ् बनाइठ ओ डाँठ मारठ ओ खेतमे भुस किल हुइल उच्चर बाल डेखाइठ । अइसिके गवारो क्षति कैके डाँठ उखारके सहजिलेसँग आइठ ।

धान बालीके दुई अवस्था ढेर गाँजनासे पहिले ओ बाला निकरना अवस्थामे गभारो संवेदनशील रहठ । यी दुनु अवस्थामे डाँठमे सिलिकाके मात्रा कम रहठ । धानके डाँठमे प्वालमे विष्ठाके थुप्रासे मुखमे लाभ्रे भर्खर पेलल रहठ ।

व्यवस्थापन विधि

  • प्रत्येक बरस धान काटसेकलपाछे रहल सक्कु लरुवा निकारके जरा डेना अथवा खेटुवाहे जोतके पानी पटा डेना अथाव धान काटलपाछे खेटुवाहे जोटडेना ओ पानी पटा डेना । गवारोके लार्भ, धानके डाँठमे जमिनके सतह लग्गे रहल ओरसे जत्रे सेकटसम जमिनके सतह लग्गेसे काटे परठ ।
  • धान खेतीके मेरुवामे भटमास लगैना ।
  • प्रकाश पासोके माध्यमसे वयस्क पुतलीहे आकर्षण कैके मरना ।
  • व्यासिलस थुरिन्जियन्सीस ३ ग्राम प्रति लिटर पानीके दरसे छिट्ना ।
  • गवारोके लार्भ फुलासे निकरना कुछ बेरमे धानके डाँठ भित्तर पेल्ना हुइल ओरसे रासायनिक विषादीके प्रयोगसे अइनके रोकथाम करना गाह्रो बा । थायोडान १–२ मिलिप्रति लिटर पानीमे मिलाके छिट्लेसे कुछ रोकथाम करे सेकजाइठ ।

फड्के किरा

फड्के किरा धान बालीके औरे प्रमुख किरा हो । अइनके रंग ओ आकार टमान रहठ । कौनो हरियर, कौनो उज्जर ओ कौनो खैयर रहठ । कौनो फड्के किरा पातसे चुस्ठैं कलेसे कौनो फड्के किरा पातके आधारसे रस चुस्ठैं । हरियर पातके फड्के, नागवेलीयुक्त पातके फड्के ओ उज्जर पातके फड्के पातसे चुस्ठैं कलेसे खैयर फड्के, छोट खैयर फड्के ओ उज्जर ढाड हुइल फड्के पातके आधारसे चुसठ ।

क्षतिके प्रकार

फड्के किरासे अपन सिउजस्टसे मुखाकृतिसे पात ओ पातके आधारसे रस चुसठ । बोटके खैयर फड्केसे चुसके विरुवामे खाद्यतत्व प्रवाह हुइना एक मेरिक पदार्थ छोरठ जिहिनसे विरुवा मरठल करठ । अइसिके फड्के किराके आक्रमण ढेर रहल ठाँउ ठाँउमे धानके बोट सुकके मरल डेखाइठ यिहिनहे अंग्रेजीमे हपरवर्न कहिजाइठ । अत्रे किल नैहोके अइनसे चुसल विरुवाके तन्तुमे प्रशस्त घाउ लागठ ओ सूक्ष्म जीवाणसे सहजिलेसे विरुवामे प्रवेश कैके टमान मेरिक रोग उत्पन्न कराइठ । पातमे चप्टल यकर गुरि गुहमे करिया ढुसीके पत्र बह्रठ ओ विरुवाके प्रकाश संस्लेषणमे बाधा पुगठ । फड्के किरासे टमान मेरिक भाइरसजन्य रोग फेन सारठ ।

व्यवस्थापन विधि

  • उपयुक्त जातके छनौट करना । ढिल लगैनासे हलि लगैना ओ ढिला पक्नासे हलि पक्ना धान बालीमे फड्के कीराके प्रकोप कम हुइल पाइल बा ।
  • गाँजके घनत्व कम करना । धान लगाइबेर प्रति गाँजमे २—३ ठो से ढेर बेर्ना नैलगैना ।
  • नाईट्रोजनयुक्त मलखादके उचित प्रयोग करना ।
  • समय समयमे गोडमेल तथा सरसफाई कैके कीराके वैकल्पिक आश्रयस्थल नष्ट करना ।
  • ३–४ दिनके फरकमे खेतमे पानीके सतह बह्रैना घटैना ओ सुखाइ परठ ।
  • धानखेतके पर्यावरणमे मित्रजीवके संख्या अत्यन्त कम वा शुन्य ओ शत्रुजीवके संख्या अत्यधिक रहल समयमे अन्तिम विकल्पके रुपमे रासायनिक विषादीके प्रयोग करना । दैहिक विषादी एसीफेट ७५ प्र.एसपी (एसीफेट, आस्ताफ, लेन्सर) २ मिलि वा वुप्रोफेजिन २५ प्र एससी (वुप्रोलोड, डेभिफेजिन) १.५ मिलि वा फिप्रोनिल ५ प्र. एससी (रिजेन्ट, स्टाल्कर, डेभिजेन्ट प्लस) २–३ मिलि वा इमिडाक्लाप्रीड १७.८ एसएल (अनुमिदा, एटम, केमिडा, हिमिडा) १ मिलिप्रति ४ लिटर पानीमे वा कार्वो सल्फान २५ प्र. इसी (मार्सल) १ मिलि प्रति लिटर वा ट्राइजोफोस ४० प्र. इसी (व्राभो, जोस) १.२५ मिलि प्रति लिटर वा एजाडिराक्टीन ०.०३ प्र इसी (निम्वेसिडीन, मल्टीनीम) २ मिलि आलोपालो कैके एक–एक हप्ताके फरकमे छिटे परठ । विषादी छिटेबेर धानके बिरुवा उप्परसे नैकि बिरुवाके जरमे परना मेरिक छिटे परठ ।

धानके पतेरो

धानके माउ ओ बच्चा दुनु हानिकारक रहठ । धानमे फुला फुले लागलबेला ओ दानामे पेललपाछे यी कीरा अपन तिस्लोर सोडसे दानाहे छेडके भित्तेक दूध चुसठ । पातमे ढेर आक्रमण होके बोट पियर ओ वालामे आक्रमण करल बा कलेसे दानामे खैरा दाग डेखैना, दाना फोस्रा हुइना अथवा आधा, फोस्राके दाना हुइठ ।

क्षतिके लक्षण

पातमे ढेर आक्रमण होके बोट पियर हुइठ ओ वालामे आक्रमण करल बा कलेसे दानामे खैयर दाग डेखाइठ, दाना फोस्रा हुइना अथवा आधा फोस्रल दाना हुइना करठ ।

व्यवस्थापन विधि

  • खेटुवा तथा वरपरके झारपात गोडमेल कैके पतेरोके वैकल्पिक आश्रयस्थलहे नष्ट करना ।
  • एकसमय पक्ना धानके जात छनोट कैके लगैना ।
  • प्रकाश पासोके माध्यमसे वयस्क कीराहे मारे सेकजाइठ ।
  • डर्टी ट्रयापके प्रयोग करना । यकर लाग गाई, भैंसके ताजा पिसावमे कपडा वा जुटके बोराहे भिजाके एक घोचोके एक छेउमे बंध्ना ओ उ घोचोहे धानबारीके बीचमे लैजाके गारे परठ । ट्रयापमे आकर्षित होके पतेरोहे बाहेर ओरसे प्लाष्टिकके झोलासे छोपी संकलन कैके मरना ।
  • यी कीराके प्रकोप ज्यादा होके अन्तिम विकल्पके रुपमे कीटनाशक विषादी जस्टे मालाथियन ५० प्र. इसी (साइथियन, अनु मालाथियन, सूर्याथियन) २ मिलि प्रति लिटर अथवा साइपरमेथ्रिन २५ प्र. इसी (अनुकील, साइपरसीड, केआइ साइपर) वा अथवा फेन्भेलेरेट २० प्र इसी (अनुफेन, फेनभल, कीफेन ) ०.५ मिलि प्रति लीटर पानीके दरसे कौनो एक विषादी विरुवा मजासे भिज्ना मेरिक छिटेपरठ ।

मिलि बग

यी किराके प्रकोप सुक्खा पानी नैजम्ना ठाउँमे ओ ढेर झारपात हुइल जमिनमे ढेर रहठ । यी किराके माह ओ निम्फसले धान बालीके पातके ओ गांजके रस चुसके बोट सुखाइठ । यी किरासे धन बालीके पात ओ सरा जोरके ठाउँके भित्रि भागमे उज्जर दुसी जस्टे पदार्थ बनाके बैठल रहठ ।

क्षतिके लक्षण

बिरुवा रोगैना, बह्रे नैसेक्ना, जिङरिंग परके पियर हुइना ओ बिरुवामे बाला लागठ ।

व्यवस्थापन विधि

  • खेतमे पानीके सतह बह्रैना,
  • खेतभित्रे ओ वरपर रहल घाँसपात हटैना,
  • कीराके प्रकोप ज्यादा हुइलमे गवारोमे बटाइल विषादी प्रयोग करना ।
  • खेतमे कार्वोफ्यूरान (फ्यूराडन, डाइफयूरान, की फ्यूरान आदि) वा कारटेप हाइड्रोक्लोराइड ४ प्र.जीआर (अनुदान, विदान, कीटाप, आदि) वा कारटेप हाइड्रोक्लोराइड ४ प्र. जीआर (अनुदान, विदान, कीटाप, आदि) वा फिप्रोनिल ०.३ प्र जीआर (रीफ्री, रिजेन्ट, टाटाजेन्ट आदि) दाना विषादी कौनो एक १.२५ के.जी. प्रति रोपनीके दरसे वा क्लोरानट्रानीलीप्रोल ०.४ प्र जिआर (फेरटेरा) खेतमे छिपछिपे पानी जमाके छिट्ना । विषादी छिटलपाछे ४ दिनसम खेतसे पानी बहे डेहे परठ ।
  • मकरा, लम्मा सिंगे फट्याङग्रा जैसिन मित्रजीवके संरक्षण करना ।

धानके पात बेरुवा

वयस्क पुतली खैरा, नांगा हुइठ कलेसे लार्भा हल्का हरियर रंगके रहठ । पुतलीके पखेटामे दुइठो बांग धर्सा रहठ । यकर लार्भासे धानके पातहे बेरके भित्तर ओर बैठ्के पातके हरियर पदार्थ कोतरके खाइठ ओ पात सुखठ ।

क्षतिके लक्षण

पातहे बेरके भित्तरओर बैठ्के पातके हरियर पदार्थ खाडेहठ ओ पात सुखठ ।

व्यवस्थापन विधि

  • धान लगाइबेर स्वस्थ ओ बलगर बेर्नाके प्रयोग करना,
  • नाईट्रोजनयूक्त मलके उचित प्रयोग करना,
  • धानखेतके मजासे गोडमेल करना,
  • काँडेदार डोरी लेके दुनुओर पकरके खेतके दुई छेउमे बैठ्ना ओ धानहे छुवाके क्रमशः विपरित दिशाओर जैना । अइसिन करलेसे धानके पातमे रहल पात वेरुवाके लार्भा पानीमे गिरके नष्ट हुइठ ।
  • बिटी नामक जैविक विषादी १.५ मिलिप्रति लिटर पानीमे मिलाके खेतमे छिट्ना । अइसिके जैविक विषादी प्रयोग करेबेर प्रतिहेक्टर जमिनमे ५००—६०० लीटर जैविक विषादी ओ पानीके झोल प्रयोग करना ।
  • प्रकोप ढेर हुइलेसे अन्तिम विकल्पके रुपमे बजारमे सहजिलसे उपलब्ध हुइना सम्पर्क विषादी क्लोरीपाइरिफस २० प्र. इसी (डर्सवान, डरमेट, फाइनवेन) १.२५ मिलि प्रति लि वा कार्वो सल्फान २५ प्र. इसी (मार्सल) १ मिलि प्रति लिटर कारटेप हाइड्रोक्लोराइड ४ प्र. जीआर (अनुदान, विदान, कीटाप, आदि) १ मिलि प्रतिलिटर वा लाम्डासहोइलोथ्रिन ५ प्र. इसी (एजेन्ट प्लस, व्राभो ५०००, कराते, सूर्य एजेन्ट) ०.५ मिलि प्रतिलिटर वा अजाडीराक्टीन ०.१५ प्र (मल्टीनेमोर, निकोनिम) ३–५ मिलि प्रतिलिटरके दरसे छिट्ना ।

abhimanyuchaudhary277@gmail.com

जनाअवजको टिप्पणीहरू