थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत ०४ सावन २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं ३ श्रावण २०८२, शनिबार ]
[ 19 Jul 2025, Saturday ]
‘ २९औं विश्व आदिवासीके अवसरमे अन्तरक्रिया ’

‘साझा मुद्दामे साझा स्वर’

पहुरा | २० श्रावण २०८०, शनिबार
‘साझा मुद्दामे साझा स्वर’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २० सावन ।
आदिवासी जनजाती समुदायके अगुवाहुक्रे अधिकार प्राप्तीके लाग साझा मुद्दामे साझा स्वर हुई पर्नामे जोर डेले बटै ।

२९औं विश्व आदिवासी दिवसके अवसरमे शनिच्चरके रोज धनगढीमे हुइल ‘आत्मनिर्णय अधिकारके लाग परिवर्तनके संवाह यूवा हुइट कना मुल नाराके साथ ‘आदिवासी जनजातीहुके पहिचान ओ अधिकारके वर्तमान अवस्था, राज्यके भूमिका ओ आवके निकास सम्बन्धी अन्तरक्रिया कार्यक्रममे आदिवासी जनजाती समुदायके अगुवाहुक्रे जौन पार्टीमे रहलेसेफे साझा मुद्दामे साझा स्वर हुई पर्ना बत्वाइल रहिट ।

आदिवासी जनजाती अगुवा तथा अधिवक्ता नेत्रबहादुर तामाङ संविधानके मौलिक हकमे आदिवासी जनजातीके हक सुनिश्चित करल मने कार्यान्वयन शुन्य रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘मौलिक हकमे उल्लेखित बुँदा हेरेबेर थारु, जनजाती, पिछडा वर्ग, दलित, मुस्लिम, मधेशी, अल्पसंख्यक समुदायके हक अधिकार गजव कना हस लागठ । उ संविधानमे उल्लेखित बुँदा पह्रेबेर सक्कु पुरा हुगैल जैसिन लागठ मने कार्यान्वयनभर शुन्य बा ।’

सविधानसे डेहल अधिकार कार्यान्वयनके लाग लिख्ना, बोल्ना, कानून बनैना ठाउँमे आदिवासी जनजातीके सहभागिता करैना आवश्यक रहल बटैलै ।

थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी आदिवासी जनजाती समुदायके अधिकार प्राप्तीके लाग सामाजिक आन्दोलन आवश्यक रहल बटैलै । आदिवासी जनजाती नेपालके मुल बासी रहल मने यहाँके शासक नइस्वीकरण बटैलै । उहाँ कहलै, थारु समुदायहे २०१९ साल ओ बेचजैना ओ मस्ना जात, २०४६ सालमे दासदासी जाती, २००७२ मे अपराधी जातके विल्ला लगाइल बटैलै ।

आदिवासी जनजाती अपने भुमिके मालिक अर्थात अपने भूमिमे पराधिनता ओ दासस्तके चकियामे पिसे पर्ना अवस्था बा, ओकर अन्त्यके लाग आदिवासी जनजाती एकजुट हुइनाके विकल्प नइरहल केन्द्रीय सदस्य चौधरी बटैलै ।

थारु नागरिक समाज कैलालीके संयोजक दिलबहादुर बहादुर चौधरी नीति निर्माण कैना ठाउँमे हमार समुदायके व्यक्तिके उपस्थिती नइहुईबेर हम्रे कम्जोर बन्टी गैल बटैलै । शासन ओ सत्तामे पहुँच नइपुगल कारण आदिवासी जनजातीके मुद्दा सुनुवाई नइहुइल बटैलै ।

नेपाल मगर संघके केन्द्रीय उपाध्यक्ष मिनबहादुर दर्लामीमगर आदिवासी जनजातीविच एकता नइहुइल कारण प्राप्त उपलब्धीफे गुम्टी रहल बटैलै । आदिवासी जनजाती अगुवा जौनफे पार्टीमे रहल मे अधिकार प्राप्तीके लाग राजनितिक सम्मेलनके आवश्यकता रहल बटैलै । राजनितिसंग्गे कर्मचारीतन्त्र ओर आदिवासी जनजातीके व्यक्तिनहे प्रवेश करैना आवश्यक रहलफे उहाँ बटैलै ।

कार्यक्रममे २९औं आदिवासी दिवस, आदिवासी जनजातीके वर्तमान अवस्था ओ मुक्तीके प्रश्न विषयक कार्यपत्र प्रस्तुत करटी ओम प्रकाश पुन सामानुपतिक सहभागिता सो पिशके रुपमे केल प्रस्तुती कराइल बटैलै । २०६४ सालमे सम्पन्न संविधान सभाके पहिल निर्वाचनमे संविधान सभाके कुल सिट संख्या ६०१ मन्से २१८ जाने आदिवासी जनजाती उम्मेदवार निर्वाचित हुइल रहिट । यिहीहे आदिवासी जनजाती आन्दोलनके ऐतिहासिक उपलब्धी माने सेक्जाई, उहाँ कहलै ।’ अब्बे उ सहभागिता घटटी गैल कारण संविधानसे डेहल उपलब्धीफे कार्यान्वयन करे नइसेक्ना अवस्था रहल पुन बटैलै ।

राष्ट्रिय जनगणना २०६८ अनुसार नेपालमे आदिवासी जनजातीके जनसंख्या ३७.८१ प्रतिशत रहे मने २०७८ के राष्ट्रिय जनगणनासे ३५.५४ केल डेखाइल, जिहीसे घटल विल्गाइल बा । आदिवासी जनजातीके प्रमुख जातीके रुपमे मगर ६.९ प्रतिशत, थारु ६.२, तमाङ ५.६२, नेवार ४.६ ओ राई २.२ प्रतिशत रहल बटै ।

आदिवासी जनजातीके गाउँ बस्ती ओ आदिभुमिमे ओइनके भाषा संस्कृतिमे आधारित नाउँ हटाके अपन अग्रज ओ देवीदेउटाके नाउँ ओ सालिक धारके सांस्कृतिक अतिक्रमण कैना सुरुवाट हुइल उहाँ बटैलै । कैलारीहे कैलाली, घोरीघोरा टलुवाहे घोडाघोडी, जाखौर तालके जोखर ताल, राजी फाँटाहे रानीफाँटा, भुइयाघाटहे घुइयाघाट आदि नाउँ धारके अपभ्रम फैलाइल उहाँ कहलै ।

परापूर्व कालसे बैठटी आइल पुरान बस्तीके नाउँफे आज विकार निर्माण ओ सुकुम्बासीके नाउँमे उजाड पारजैटी बा । दलाल तथा भुमाफियाके हातमे पारजैटी बा । आदिवासी जनजातीसे परम्परागत सुन चन्ना, मच्छरी मर्ना, शिकार कैना, कन्दमुल खैना, मधरी कहर्ना जैसिन प्रकृति निर्भर हुइना पेशा व्यवसायहे जर्वरजस्त ध्वस्त पारजैटी रहल उहाँ कहलै ।

तराईमे थारु जातीसे खेती करटी आइल टमान जातके बासमोती, सौठयारी, सुगापंखी, अन्डी धान उप्पर भारत लगायत सामाज्यवादी शक्ति राष्ट्रसे पेटेन राइट कायम करसेकल बटै । जेम्ने अन्डी बाहेक सक्कु धानके विउ लोप हुसेकल उहाँ बटैलै ।

नेपाल आदिवासी जनजाती महासंघ प्रदेश समन्वय समितिके आयोजना ओ थारु कल्याणकारिणी सभा कैलाली, नेपाल रानाथारु समाज, नेपाल मगर संघलगायत आदिवासी जानजाती समुदायके संस्थाके सह आयोजनामे कार्यक्रम हुइल बा । कार्यक्रम नेपाल आदिवासी जनजाती महासंघ प्रदेश समन्वय समितिके प्रदेश अध्यक्ष दलबहादुर घर्तीमगरके अध्यक्षतामे हुइल रहे ।

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