थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ 19 Jul 2025, Saturday ]
‘ विद्यालय शिक्षा ऐन २०८० के मस्यौदाके विरोध ’

देशभरके शिक्षक, कर्मचारी आन्दोलित

पहुरा | २८ श्रावण २०८०, आईतवार
देशभरके शिक्षक, कर्मचारी आन्दोलित

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २८ सावन ।
नेपाल सरकार संग विगतमे हुइल टमान सहमति ओ सम्भौता कार्यन्वयनके माग करटी कैलाली लगायत देशभरके सामुदायिक विद्यालयमे कार्यरत शिक्षक, कर्मचारी आन्दोलित हुइल बटै ।

सरकारसे नाने लागल विद्यालय शिक्षा ऐन २०८० के मस्यौदा सार्वजनिक हुइलपाछे शिक्षक कर्मचारी आन्दोलित हुइल हुइट । महासंघसे अँटवारके देशभरके ७ सय ५३ स्थानीय पालिकामे जानकारी पत्र सम्बन्धित पालिका प्रमुख ओ प्रमुख प्रशासकीय अधिकृतहुकनहे बुझैटी ३ घण्टा धर्ना समेत डेले बटै ।

नेपाल शिक्षक महासंघ कैलारी गाउँपालिकासे नेपाल शिक्षक महासंघ राष्ट्रिय समिति ओ नेपाल सरकार विच २०७५ फागुन ९ गते सहमति हुइल ३० बँुदे ओ २०७८ बैशाख २० गते सहमति हुइल ५१ बुँदे केन्द्रसे पठाइल छायाप्रति गाउँपालिका अध्यक्ष राजसमझ चौधरीहे बुझैलै बटै । महासंघ कैलारीके अध्यक्ष छेदुराम चौधरी ओ सचिव दामोदर चौधरीसे गाउँपालिका अध्यक्ष सहमतिके छायाप्रति बुझाइल रहिट । सहमति पत्र बुझटी गाउँपालिका अध्यक्ष शिक्षकहुकनके माग अपने सकारात्मक रहल बटैलै ।

नेपाल शिक्षक महासंघ कैलारीसे हसुलिया बजारमे ¥याली ओ धर्ना डेहल महासंघके अध्यक्ष छेदुराम चौधरी बटैलै ।

ओस्टेक करके सरकारसे नानेक लाग तयार करल शिक्षा ऐनमे नेपाल सरकार संग विगतममे टमान समयमे करल सहमति ओ सम्भौता कार्यन्वयन नइहुइल, उ ऐनमे उ सहमति हुइल बुदाँ नइसमेटल ओरसे नेपाल शिक्षक महासंघ लम्कीचुहा नगर समितके अध्यक्ष रामप्रसाद तिमिल्सैना बटैले बटै ।

नेपाली शिक्षक कर्मचारीके पेसागत हकहित ओ उन्नत विद्यालय शिक्षाके विपक्षमे हुइना कौनोफे षडयन्त्र अभियान ओ प्रयत्नके विरोधमे ठरहयइना महासंघके कर्तव्य रहल बटैटी अब्बे सार्वजनिक हुइल विद्यालय शिक्षा ऐन २०८० के मस्यौदामे रहल कुट दफा संविधान प्रदत्त ट्रेड युनियन अधिकार, शिक्षक कर्मचारीके पेसागत सुरक्षा ओ स्वभिमानके खिलाफे रहल तिमिल्सैना बटैलै । बाहेर नानल मस्यौदामे नेपाल शिक्षक महासंघ ओ नेपाल सरकार, शिक्षा विज्ञान तथा प्रविधि मन्त्रालय बीच हुइल ३० बुँदे ओ ५१ बुँदे सहमतिके सक्कु बुँदा उचित ढंगसे समेटल नइहो तिमिल्सैना कहलै ।

“मस्यौदासे स्थायी, अस्थायी करार, राहत साविक उमावि, बालकक्षा, विशेष शिक्षा, शिक्षण सिकाइ अनुदान प्राविधिक धार संस्थागत विद्यालयके शिक्षक लगायत सक्कु खाले शिक्षक ओ विद्यालय कर्मचारीके ढेर माग मुद्दाके सम्बोधन करे नइसेकल हो ।” देशमे पत्रकार, डाक्टर, राजनितिज्ञ, वैज्ञानिक बनैना शिक्षक मने बारबार शिक्षक उप्पर राज्यसे उचित व्यवहार डेखाई नइसेकल नेपाल शिक्षक महासंघ लम्कीचुहा नगर समितके अध्यक्ष रामप्रसाद तिमिल्सैना बटैलै ।
२०७५ साल ओ ओकरपाछे स्थायी रहल शिक्षकहे पुराने प्रणालीसे पेन्सन डेहे पर्ना माग फे यम्ने समेटल नइहो । समग्रमे यी शिक्षक कर्मचारीके मुख्य माग मुद्दा सम्बोधन नइकरल हो, शिक्षण पेसाप्रतिके आकर्षण ओ सम्मानममे समेत गम्भीर प्रहार करल नेपाल राहात शिक्षक समितिके केन्द्रीय सदस्य रंगप्रसाद तिमिल्सैना बटैलै ।

उहाँ कहलै–‘विद्यालयमे पढाई छोरके यैसिन वर्षातके समयमे आन्दोलनमे उत्रना शिक्षकके रहर नइहो बाध्यता हो ।’ स्थायी, अस्थायी करार, राहत मावि, राहात साविक उमावि, बालकक्षा, विशेष शिक्षा, शिक्षण सिकाइ अनुदान प्राविधिक धार संस्थागत विद्यालयके शिक्षक लगायत सक्कु खाले शिक्षक ओ विद्यालय कर्मचारीके ढेर माग मुद्दा विगतके सहमति ओ सम्झौता अनुसार सरकारसे ऐनमे समाबेश नइकरल ओरसे अपनेहुक्रे आन्दोलित हुई परल बटैलै ।

बाल विकास शिक्षाके अवधारणा सरकारसे नानसेकलपाछे मासिक ५ सय रुप्याके दरसे सेवाके रुपमे करटी आइल शिक्षण पेसा अब्बे लोकतान्त्रिक गणतन्त्रके स्थापना हुसेक्लेसेफे एक सामान्य मजदुरसे पैना ज्याला बराबरके अपनेहुकनके पारिश्रमिक नइरहल, शिक्षक, कर्मचारी सरह सरकारसे अपनहे व्यवहार नइकरल टमान माग रख्टी बाल विकास शिक्षक आन्दोलिन हुइलेसेफे सरकार उ मागप्रति गम्भीर नइरहल बालविकास शिक्षक समिति कैलालीके अध्यक्ष निर्मला तिमिल्सैना बटैली ।
नेपाली शिक्षक कर्मचारी यी मस्यौदामे रहल शिक्षा ओ शिक्षक कर्मचारी विरोधी प्रबन्ध परिर्वतन करके यिहीहे शिक्षा तथा शिक्षक कर्मचारीमैत्री बनाई परठ कना अडानमे बटै ।

संसद पुग्ना पहिल गिजोलल शिक्षा विधेयक

शिक्षा विधेयकके कतिपय व्यवस्था संशोधन करे पर्ना कहटी आन्दोलन हुइटी रहल बा ।
निजी विद्यालय सञ्चालक, शिक्षकके संघसंस्था ओ विद्यालय व्यवस्थापन समिति महासंघ लगायतसे थप आन्दोलनके चेतावनी डेटी विधेयक संशोधन कैना सरकारहे आग्रह करटी आइल बटै ।

सावन १६ गतेके मन्त्रिपरिषद बैठकसे पारित हुइल विद्यालय शिक्षा विधेयक २०८० हे अलगे सदनमे पेश कैना सरकारके तयारी रहे । मने सरोकारवाला चर्को विरोध करलपाछे विधेयक संसदमे पेश हुई नइसेकल ।

सावन २५ गते प्रधानमन्त्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचण्ड’संग शितल निवासमे छलफल करटी राष्ट्रपति पौडेल विधेयकके विरोधमे आन्दोलन हुइना डेखल ओरसे सरकारसे तत्काल सम्बोधन करे पर्ना बटैले रहिट । ओकरपाछे प्रधानमन्त्री दाहालसे निजी विद्यालय सञ्चालकसंग बाटचित कैना कुछ मन्त्रीहे जिम्मेवारी डेलै ।

विधेयकके कुछ व्यवस्था संशोधन कैना सरकार लचिलो डेखल कहटी प्याब्सन, नेसनल प्याब्सन ओ हिसानसे सावन २८ गतेसे कैना कहल अनिश्चितकालीन विद्यालय बन्द स्थगित करले बा । ओइने शिक्षा विधेयक संशोधन कैना माग करटी माइतीघरमे प्रदर्शनसमेत करसेकल रहिट ।

सावन २६ गते प्रधानमन्त्री दाहालके निर्देशनमे उपप्रधानमन्त्री पूर्णबहादुर खड्का, शिक्षा मन्त्री अशोककुमार राई, मुख्यसचिव बैकुण्ठ अर्याल, शिक्षा सचिव सुरेश अधिकारी, कानून सचिव उदयराज सापकोटा, रक्षा सचिव किरणराज शर्मा, शिक्षा मन्त्रालयके प्रवक्ता दीपक शर्मा ओ प्याब्सन अध्यक्ष डीके ढुंगाना, एनप्याब्सन अध्यक्ष पाण्डव हमाल, हिसान अध्यक्ष रमेश सिलवाल लगायतबीच शिक्षा विधेयकबारे वार्ता ह्इल रहे ।

‘प्याब्सन, नेसनल प्याब्सन, हिसानसे राखल माग तत्काल सम्बोधन कैना सरकारके ओरसे प्रतिबद्धता जाहेर हुइल बा,’ प्याब्सन, हिसान ओ एनप्याब्सनसे जारी करल विज्ञप्तिमे कहल बा, ‘विद्यालय बन्दलगायत आन्दोलनके कार्यक्रम स्थगित हुइल बा ।’
विधेयकहे लेके माध्यमिक विद्यालय शिक्षक युनियन, नेपाल शिक्षक महासंघ राष्ट्रिय समिति, सामुदायिक विद्यालय व्यवस्थापन समिति महासंघ, गाउँपालिका महासंघसे विरोध करले बटै ।

माध्यमिक विद्यालय शिक्षक युनियन (हिस्टुन) के अध्यक्ष टीकाप्रसाद न्यौपानेसे शिक्षा विधेयकमे साविक उमावि, अनुदान शिक्षक कनासमेतफे उल्लेख नइकरल बटैले बटै ।

‘साविक उमावि तहमे कार्यरत २ हजार स्थायी दरबन्दीके शिक्षकके बारेमे समेत कौनो व्यवस्था नइसमेटलमे हिस्टुनके ध्यानाकर्षण हुइल बा,’ अध्यक्ष न्यौपाने कहलै । हिस्टुनसे साविक उमावि तहमे कार्यरत शिक्षकहे विस्थापित नइह्इना करके शतप्रतिशत आन्तरिक ओ सामान्य प्रक्रियाहे स्थायी करे पर्ना मागसमेत करले बटै । विद्यालयमे कार्यरत राहत, इसिडी, कर्मचारीके जायज मागप्रति हिस्टुनसे ऐक्यबद्धताफे जनैले बा ।

‘मन्त्रिपरिषदसे पारित शिक्षा विधेयक आजसम सदनमे दर्ता हुई सेकल नइहो । विधेयक सदनमे दर्ता हुके सार्वजनिक हुइलपाछे हमार बाट नइसमेटल पैलेसे तत्काल काठमाडौं केन्द्रित आन्दोलन घोषणा कैजाई,’ न्यौपाने कहलै ।
नेपाल शिक्षक महासंघसे विद्यालय शिक्षा विधेयक २०८० से प्रबन्ध करल कुछ दफा संविधानप्रदत्त ट्रेड युनियन अधिकार, पेशागत सुरक्षा ओ स्वभिमानके खिलाफमे रहल बटैले बा ।

महासंघ अध्यक्ष कमला तुलाधर ओ महासचिव लक्ष्मीकिशोर सुवेदी विज्ञप्ति जारी करटी दुई चरणके आन्दोलनके कार्यक्रम घोषणा करले बटै ।

देशभरके पालिका कार्यालयमे शिक्षक–कर्मचारीसे अँटवारके रोज ११ बजेसे २ बजेसम धर्ना डेले बटै । केन्द्रसे पठाइल ३० बुँदे ज्ञापनपत्र पालिकाके प्रमुखहे बुझैले बटै ।

सावन ३० गते शिक्षा विकास तथा समन्वय इकाइमे शिक्षक–कर्मचारीसे धर्ना डेना, सावन ३२ गते प्रदेश सामाजिक विकास मन्त्रालयममे धर्ना, भदौ १ गते संसद सदस्यहे विद्यालय शिक्षा ओ शिक्षक–कर्मचारीके मागमे. सहयोग कैना आग्रह कैना कार्यक्रम तय हुइल बा ।

दुसरा चरणमे काठमाडौंमे बृहत विरोध प्रदर्शन कैना कार्यक्रम रहल ओइने घोषणा करले बटै । विधेयकसे २०७५ तथा ओकरपाछेक स्थायी रहल शिक्षकहे पेन्सन प्रयोजनमे अन्याय करे खोजलमेफ महासंघ विरोध करले बा ।
ओस्टेक गाउँपालिका महासंघसे विधेयकसे स्थानीय सरकारके अधिकार खोसे लागल कहटी विरोध करले बटै ।
महासंघसे विद्यालय शिक्षासम्बन्धी कानून संशोधन ओ एकीकरण कैना बनल विधेयकके कुछ प्रावधानउप्पर प्रश्न उठाइल हो ।
सरकारसे संघीय शिक्षा विधेयक तयार पारेबेर स्थानीय सरकारके अधिकार हस्तक्षेप हुइना डेखल महासंघके कहाई बा । ‘विधेयकमे व्यवस्था करल कतिपय प्रावधान संघीय प्रणालीहे चुनौती डेना ओ स्थानीय सरकारके एकल अधिकारमे हस्तक्षेप हुइना प्रकृतिके पाइल ओरसे संविधानसे तहगत सरकारहे डेहल अधिकार संकुचन नइहुइना करके विधेयक परिमार्जनसहित पारित कैना सांसदहे अनुरोध करटीं,’ महासंघके केन्द्रीय समिति बैठकपाछे विज्ञप्ति जारी करटी कहले बा ।

ओस्टेक सामुदायिक विद्यालय व्यवस्थापन समिति महासंघके अध्यक्ष गुणराज मुक्तान विज्ञप्ति निकारके चरणवद्ध आन्दोलन घोषणा करले बटै । देशभरके २८ हजार सामुदायिक विद्यालय व्यवस्थापन समितिसंग छलफल नइकरके शिक्षा विधेयक नानलमे उहाँ असन्तुष्टि जनैले बटै ।

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