थारु राष्ट्रिय दैनिक
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कैलालीके जाँई गाउँमे हरेरी महोत्सव सुरु

पहुरा | ७ भाद्र २०८०, बिहीबार
कैलालीके जाँई गाउँमे हरेरी महोत्सव सुरु

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ७ भदौ ।
परम्परासंगे कला, संस्कृति जोगाइल धनगढी उपमहानगरपालिका–५, जाँई गाउँमे हरेरी महोत्सव सुरु हुइल बा । हरेरी महोत्व २०८० मुल आयोजक समितिसे यिहे भदौ ७ से ९ गतेसम महोत्सवके आयोजना करगिल हो ।

हरेरी महोत्सव २०८० मुल आयोजक समितिके संयोजक तथा जाँईक भल्मन्सा कुलविर चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रमके वडका पहुना रहल धनगढी उमहानगरपालिका वडा नम्बर ५ के वडा सदस्य दत्तुराम पाण्डेय थारु मन्डरा बजाके महोत्सवके उदघाटन करल रहिट ।

कार्यक्रममे बोल्टी उहाँ थारु समुदायभिटर ढेर कला संस्कृति परम्परा रहल मने कतिपय लोप हुइटी गैलक ओरसे संरक्षण कैना आवश्यक रहल बटैलै । उहाँ कहलै, स्थानीय सरकार अंङगनाके सरकार हो । नगरपालिकासे थारु समुदायके संस्कृति संरक्षणसे लेके भल्मन्सा प्रथा जोगाइक लाग सहयोग करटी आइल बा । विगतके दिनसे हरेरी महोत्सवहे संचालन हुइटी आइल ओरसे यिहीहे निरन्तरता डेहक लाग सदैव सहयोग रही ।’

गौरीशंकर मन्दिर व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष घनश्याम ऐर किसान डाडु भैयाके बहुट समस्यामे परल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘किसान डाडु भैया समयमे विउ, मलखाद नइपैठै । समस्या अभिन जस्टेक टस्ते बा ।’

समिति संयोजक तथा जाँई गाउँक भल्मन्सा कुलवीर चौधरी महोत्सव भदौ ९ गतेसम संचालन हुइना बटैलै । उहाँ कहलै, ‘बुधके रातभर दिवाल जगागिल, विफेक रोजसे पूजापाठ सहित टरासन ठोक्के महोत्सवके उदघाटन हुइल बा ।’
कार्यक्रममे स्वागत डेउमति चौधरी ओ संचालन सविता चौधरी÷विनय चौधरी करले रहिट ।

ओस्टेक करके उदघाटन कार्यक्रममे थारु समुदायके महालोक गायक मनिराम करियामघरिया, सिया चौधरीके लगायतके वेजोड प्रस्तुती हुइल बा । महोसत्वमे सखिया नाँच, आधुनिक डाँन्स प्रस्तुत कैगिल बा ।

भाषा संस्कृति कला, भेष हमार पहिचान । हरेरी महोत्सव मनैना सक्कु किसाननके अभियान । हरियर खेती हरियार वन हरियर मैदान बनाई । डहिया महिया किराकाँटी गाँधी फटिङ्गासे विउवाली बचाई कना मुल नाराके साथ हरेरी महोत्सवके आयोजना करल बा ।

महोत्सवके उद्देश्य का हो ?

धनगढी उपमहानगरपालिका–५ जाँई गाउँमे २०७३ सालसे मनैजैटी आइल हरेरी महोत्सवसे थारु समुदायके परापूर्वकालसे पुजजैना ढुरिया पूजा, असारी पूजा, लवाङगी पूजा लगायत हरेरी पूजाके प्रचारप्रसार एवं संरक्षण हुइना आयोजक जनैले बा ।

प्रकृतिके जीवनचक्रहे बचैटी कृषि क्षेत्रके आधुनिकीकरण कर्ना ओ कला संस्कृतिके संरक्षण प्रवद्र्धन कैना, कृषि क्षेत्रके विकास एवं सम्भावनाबारे छलफल ओ हरियर कृषि, बनुवा मैदान बनाके वातावरण सन्तुलन बनैना उद्देश्य लेहल समितिके संयोजक कुलवीर कहलै ।

हरेरी पूजाके महत्व का बा टे ?

थारु समुदाय परम्परासे धानवालीहे किराकाँटीसे जोगाइक अपने टौर तरिकासे औषधि उपचार करटी आइल रहिट उहीहे हरेरी पूजा कैहिके नाउँ डेहल जाँई गाउँक बुद्धिजीवी विनय चौधरी बटैलै ।

थारु समुदाय प्रकृति पुजक रहल कहटी धानवालीमे लग्ना किराकाँटीहे भगाइक लाग जडीबुटिसे तयार पारल औषधि छिटना करल उहाँ बटैलैं । पहिले पुर्खाहुक्रे जडीबुटिसे बनाइल औषधि छिटके धानवालीमे लग्ना किराकाँटी भगाइट,’ उहाँ कहलै, ‘अब्बे मेरमेराइक औषधि, रासायनिक मल आइल बा । जौन औषधि ओ रासायनिक मलसे मानव स्वास्थ्यके लाग एकदम हानिकारक बा ।’

ओस्टेफे, थारु समुदायसे धान, गोहुँक लगायत और खादन्न वालीके वियाहे जोगाइक लाग निमाके पटिया लगायत टमान जडीबुटिके प्रयोग करटी आइल बटैं ।

हरेरी पूजाके कैसिक मनाजाइठ ?

धनगढी उपमहानगरपालिका–५, जाँई गाउँक बृद्धिजीवी धनबहादुर चौधरी हरेरी पूजाके एकदिन आघे रातभर डेशबन्धिया ओ केशौका गुरुवासे दिवाल जगैना करल बटैलै । उहे रात गुरुवासे धानवलीमे लागल किराकाँटी पकरके नानके गुरै करटी किरुवा खैना चालनफे बा ।

विहानहे घरेलु औषधि, दूध पानी खेतुवामे छिटना चलन बा । डेशबन्धिया ओ केशौका गुरुवासे गुरै करटी टरासन ठोक्जैना करल उहाँ बटैलै । जिहीसे धानवलीमे लागल किराकाँटी, रोगव्यधी नइलग्ना जनविश्वास बा । उहे दिनसे बर्कीमार, सखियाके नाँचफे सुरु हुइना उहाँ बटैलै । मने कोई कोई गाउँमे कृष्णाजलम अष्टमीसे सखिया सुरु करल पाजाइठ ।

महोत्सवके आर्कषक का बा ?

यिहे भदौ ७ गतेसे ९ गतेसम संचालन हुइना हरेरी महोत्वमे संस्कृतिक बहससंगे थारु समुदायके लोपोन्मुख मुङ्ग्रहवा नाँच, लाठी नाँच, झुम्रा नाँच, सखिया नाँच, एकल नाँच, बर्कीमार, आधुनिक नाँच, सामूहिक डान्स, राष्ट्रिय तथा स्थानीय कलाकारके प्रस्तुति, सजना, मैना गीता प्रस्तुत, हाँस्या कार्यक्रम प्रस्तुत हुइना आयोजक जनैले बा ।

उहे बीच महोत्सव अवलोकन करे अउइया थारु परिकार ढिक्री, अन्डिक भात, खुर्मा, बरिया, अन्डिक रोटी, गेंगटाके परिकारके स्वाद लेहे सेक्ना आयोजक जनैले बा ।

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