एचआइभी संक्रमित कठै- ‘बच्ना आधार डेउ’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १० कुवाँर । एचआइझी संक्रमितहुत्रे सरकारसे बच्ना आधार माग करले बटै । एचआईभी एड्स संक्रमित तथा प्रभावितहुकनके अनुगमनके क्रममे प्राप्त प्रारम्भीक तथ्यके आधारमे एचआईभी एड्स संक्रमित तथा प्रझावितहुकनके समस्या सम्बोधनके लाग हुूइल मौजुदा कानून नीति तथा कार्यक्रमके सम्वन्धमे संचारकर्मी तथा संत्रमितसंग कैगिल फरामर्श कार्यक्रममे संत्रमितहुक्रे उ माग करल हुइट ।
आराधना श्रेष्ठ अपने २००६ सालमे खुलके सुदूरपश्चिम प्रदेशमे आइल उ बेलाके अवस्था जर्जर रहल बटैली । उहाँ कहली, ॅसुरुमे खुल्के अइना कर्रा रहे । कोई आगिलेसे समाजमे घुलमिल हुइना कर्रा । समाजसे उपेच्छा हुइना डरसे ढेर जाने रोग च्यापके बैठे अवस्था रहे ।’
एचआइभी रोग कंलकके रुपमे रहल ओरसे अभिनफे समाजमे कोई खुलके आइल कलेसे स्वीकार करे नइसेकल अवस्था रहल उहाँ बटैली । सरकारसे एचआइभी संक्रमितहुकनके बालबालिकाके लाग १८ बरस निशुल्क शिक्षा डेना व्यवस्था मने उहीसे उप्पर पह्रना शिक्षासे बञ्चित हुइल उहाँ बटैली ।
उहाँ कहली, ॅसरकारसे उपचार खर्च कहटी मासिक एक हजार रुप्या उपलब्ध कराइठ । उहीसे छोट–छोट उपचार कैनाफे कर्रा बा । भारी समस्या हुइना बेला खर्च जुटैना कर्रा रहठ ।’
एचआइभी संक्रमितहुकनके आर्थिक अवस्था कम्जोर हुइल कारण सरकारसे सीपमुलक आयमुलक ओ शैक्षिक योग्यताके आधारमे रोजगारी सृजना कैना उहाँ माग करली ।
गोदावरीके एचआइभी संक्रमित पार्वती विक अपनेहुकनके आर्थिक अवस्था कम्जोर हुइलक कारण संघ संस्थाके मुख ताके नइसेक्ना अवस्थामे पुगल बटैली । उहाँ कहली, ॅहमारठेन सीप नइहो, जिन्गी कैसिक धन्ना हो । अभिनसम सरकारसे मासिक रुपमे डेना एक हजार रुप्यासे डवाई करैठी । बाह््रैमास डवाई खैना शरिर आर्थिक अवस्थासंगे शरिरफे कम्जोर हुइल बा । पोषणयूक्त खानासे झन बञ्चित हुइल बाटी ।’
एचआइभी संक्रमितहुकन रोजगारी पैना कर्रा बा,’ उहाँ कहली, ॅसंक्रमितहुइल पत्ता पैलेसे भेटाइल जागिरफे गुमाई सेक्ना आइसेकी । पानीसमेट नइचल्ना अवस्था आई सेकी ।’ अपनेहुकनके लर्का लर्का १८ बरससे उप्पर जाके शिक्षासे बञ्चित हुइल उहाँ बटैली ।
एचआइभी संक्रमित दानबहादुर विक जटिल खालके समस्याके उपचार कैना कर्रा हुइल बटैलै । उहाँ कहलै, संक्रमितके विमा कराइल रहठ मने उहीसे सक्कु मेरिक उफचार नइहुइठ । जेकर कारण संक्रमितहुत्रे अप्थ्यारोमे परल बटैं ।’
विपन्न समुदायके पुरुष पैसा कमाई भारत जैना मने उहाँसे पैसाके सट्टा रोग बोक्के ल्यानल सुदूरपश्चिमके कहानी हुइल बटैलै । संक्रमित एकल महिलाके लर्कनके नागरिक नइरहल कारण विमा कार्डफे बनाइ नइसेकल उहाँ बटैलै । कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेशके कानून महाशाखा प्रमुख झंकरबहादुर रावल ग्रामीण क्षेत्रके महिला तथा किशोरीहुकनहे जनचेतनाके अभाव रहल बटैलै । जनचेतना नइहुइलपाछे बोर्डरमे बेचे सेक्ना सम्भावना रहल उहाँ बटैलै ।
एचआइझी संक्रमितहुत्रे अभिनफे खुलके बाहेर आइ नइचाहल ओरसे तथ्याङक संकलन कैना कर्रा रहल बटैलै । एचआइभी संक्रमण ८० प्रतिशत असुरक्षित यौन सम्पर्कके कारण हुइल उहाँ बटैलै ।
कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके माननीय सदस्य मनोज डुवाडी, नेपाल पत्रकार महासंघके पूर्व केन्द्रीय सदस्य दिल बहादुर छत्याल, प्रदेश अध्यक्ष योगेश रावल, पत्रकार जगत साऊद, नारायण अवस्थी लगागत मन्तव्य व्यक्त करल रहिट । कार्यत्रम राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख हरिप्रसाद ज्ञवाली ओ संचालन अधिकृत पूर्णिमा राणा करल रहिट ।
