थारू समुदायद्वारा ‘जितिया पर्व’मा बिदा दिन माग

पहुरा समाचारदाता
भरतपुर, १२ कुवाँर । चितवनके थारू समुदायसे अपनेहुक्रे मनैना सक्कु चाडबाडमे सार्वजनिक विदा डेना माग करले बटै ।
थारु कल्याणकारिणी सभा चितवनसे १३औँ जिल्ला अधिवेशनमार्फत ११ बुँदे ‘भरतपुर घोषणापत्र’ जारी करटी थारु समुदायसे परम्पराकालसे मनैटी आइल ‘जितिया’, यमोशा (पितृऔँशी), फगुवाके धुरहेरीलगायत सक्कु चाडपर्वमे बिदा डेना माग करल हो ।
थारू समुदायके महिलाके मुख्य चाड हो जितिया । यी वर्ष यिहे कुवाँर २० गते जितिया पर्व मनाजैटी बा । यी बार जितिया शनिच्चर परल ओरसे स्वतः बिदा रही । मने और बेला यी चाड मनैना स्थानीय सरकारसेफे बिदा डेना करल नइहो ।
आउर विद्यालयमे उहे बेला परीक्षासमेत हुइना करल बा । यिहीसे युवापुस्तासे अपन चाडपर्व ढुक्कसे मनाई नइपाइल थारु समुदायके गुनासो बा ।
यिहे अवस्थाहे मध्यनजर करटी थारु कल्याणकारिणी सभासे घोषणापत्र मार्फत बिदा डेना माग करल सभा चितवनके सभापति ललित चौधरी जानकारी डेलै ।
ओस्टेक सभासे घोषणपत्रमार्फत अइना प्रदेशके निर्वाचन ओ स्थानीय तहके निर्वाचनमेफे रैथाने थारुहे मेयर, उपमेयर, वडाध्यक्षलगायत महत्वपूर्ण पदमे उम्मेदवार बनैना चितवनके राजनीतिक दलसमक्ष मागसमेत करल बा ।
घोषणापत्रमे स्थानीय तहमे थारु विकास कार्यक्रम लागू करके थारु समुदायके आर्थिक, शैक्षिक, भाषिक, सांस्कृतिक, सामाजिक उत्थानके लाग सम्मानजनक बजेटके व्यवस्था मिलैना, संघीय ओ प्रदेशके कामकाजी भाषाअन्तर्गत बागमती प्रदेशके हकमे चितवनमे बोल्ना थारु भाषाके उपस्थिति १ प्रतिशतसे ढेर हुइल ओरसे प्रदेश ओ स्थानीय निकायमे कामकाजीके भाषाके लाग बहुभाषिक व्यवस्थाअनुरुप चितवनके थारु भाषा कामकाजके भाषाके रुपमे कायम कैना आग्रह समेत करल बा ।
