जैविक खेती आजके आवश्यकता होः गापा उपाध्यक्ष
पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १६ कुवाँर । कैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरी जैविक खेती आजके आवश्यकता रहल बटैले बटी ।
विश्व खाद्य दिवस २०२३ के अवसरमे मंगरके रोज हसुलियामे अर्गानिक कृषक संजाल, यूवा कृषक संजाल कैलारी गाउँपालिकाके आयोजना तथा सामाजिक सेवा अध्ययन केन्द्रके सहयोगमे हुइल ‘जैविक खेती ओ यकर महत्व विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रममे उहाँ उ बाट बत्वाइल रहिट ।
पहिलेक पुर्खा जैविक मलके प्रयोग कैके अर्गानिक खाद्यन्न उत्पादन करिट, जौन खाद्यन्न सेवनसे शरिरमे ओटरा असर परल नइविल्गे,’ गाउँपालिका उपाध्यक्ष कहली, ‘अब्बे ढेर उत्पादन कैना लोभमे मेरमेराइक राशायनिक मलके प्रयोगसे मानव शरिरमे बहुट असर विल्गाइठ । पहिले पुर्खाके बच्ना क्षमता ढेर रहे । अब्बे अपनही मुल्याङकन करी । पहिलेक तुलनामे असरमेफे ढेर परल बा ।’
कम जग्गामे ढेर उत्पादन कैना लोभमे थारु समुदायसे लगैना परम्परागत रैथाने विउ, खाद्यन्नवाली लोप हुइल उहाँ बटैली । थारु समुदायमे पहिले टमान मेरिक धानवाली, दल्हन वाली ओ तेलहन वालीके मेरमेराइक खेती खेती होए उ लोप हुके अब्बे धानवालीमे अण्डी केल बँचल गाउँपालिका उपाध्यक्ष बटैली ।
उहाँ कहली, ‘थारु परिकारके बेल्गलै स्वाद बा, मने रैथाने बाली हरेराइलसंग्गे परिकार बनेफे छुटल अवस्थामे बा, पहिलेक खानाहे बचैटी रहेक लाग रैथाने धानवालीहे प्रवद्र्धन कैना जरुरी विल्गाइठ ।’
राशायनिक मल तथा किटनाशक औषधीके प्रयोगसे दैनिक रुपमे खेतीयोग्य जमिन कंक्रिटमे परिणत हुइटी गैल, माटीके उत्पादन शक्ति दिनप्रति ह्रास हुइटी रहल रहल उहाँ बटैली । राशायनिक मल तथा किटनाशक औषधीके प्रयोगसे माटीमे पैना ओ उत्पादनमे वृद्धिमे सहयोग करुइया जीवफे लोप हुइटी गैलफे गाउँपालिका उपाध्यक्ष बटैली ।
कैलारी गाउँपालिकाके महिला तथा बालबालिका शाखा प्रमुख बालकुमारी चौधरी कैलारी गाउँपालिकामे गठन हुइल अर्गानिक कृषक संजाल, यूवा कृषक संजालहे सदैव सहकार्य ओ समन्वय कैके आघे बह्रना बटैली । उहाँ कहली, ‘पालिकासे कृषकहुकनके लाग टमान मेरिक योजना रहठ । पालिका ओ वडा कार्यालयसे सूचना प्रकाशित हुइठ मने संजालसे समन्वय सहकार्य नइकरल बटैली । पालिकासे अर्गानिक खेतीके लाग सक्कु वडामे ब्लक बनाइल ओरसे सदा समन्वय ओ सहकार्य कैना उहाँ आग्रह करली ।
सामाजिक सेवा अध्ययन केन्द्रके परियोजना अधिकृत केशवराज घिमिरे जैविक खेती ओ यकर महत्वबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करल रहिट । उहाँ विगतके समयमे थारु समुदायके पहिचानसे जोरल धानवाली, दलहन बाली ओ तेलहन बाली रहलमे अब्बे सक्कु लोप हुइल बटैलै । हाईव्रेत धान, हाइब्रेत गोँहु, हाइब्रेत लाही आइल कारण रैथाने बाली लोप हुइल उहाँ बटैलै ।
उहाँ कैलारीमे जैविक कृषिके लाग टमान प्रयास करल जनैलै । अर्गानिक कृषक संजाल, यूवा कृषक संजालहे जैविक खेतीके लाग अभिमुखीकरण, जैविक विषादी बनैना तालिम, जिवाअमृत बनैना तालिम जिहीसे माटीक सुधारमे सहयोग पुगठ, छपरा खेतीके अभ्यास, स्थानीय (रैथाने) विउ, प्रवद्र्धन ओ प्रशारणके कार्यक्रम, स्थानीय खानाके प्रवद्र्धनके लाग प्रर्दशन कार्यक्रम, परिक्षण केन्द्र मार्फत, स्थानीय विउ विजनके परिक्षण, सफल विउके किसान विच प्रवद्र्धन, सहभागितामुलक गुणस्तर निर्धारण प्रणालीके अभिमुखीकरण कार्यक्रम ओ संरचना तयार कार्यक्रम करल उहाँ जनैलै ।
ओस्टेक करके कृषि ज्ञान केन्द्र कैलालीके कृषि अधिकृत कामना कार्की जैविक खेतीके लाग ज्ञान केन्द्रसे करटी रहल गतिविधिबारे प्रस्तुतीकरण करल रहिट । कार्यक्रममे अर्गानिक कृषक संजालके सदस्य उजेली चौधरी अपनेहुक्रे अर्गानिक खेतीमे लागल बटैली । जैविक खेतीसे उत्पादन हुइल खाद्यन्न मानव स्वास्थ्यके बहुत मजा रहल मने अब्बे जानजानके राशायन प्रयोग बरहल बटैली ।
कैलारी गाउँपालिकास्तरीय अर्गानिक कृषक संजालके अध्यक्ष धर्मराज चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे संजालके सचिव रामप्रकाश चौधरी स्वागत मन्तव्य व्यक्त करल रहिट ओे सचालन कमला चौधरी करल रही ।
कार्यक्रममे कैलारी गाउँपालिका प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत विरबहादुर ऐर, कृषि शाखाके रामचन्द्र चौधरी, सामाजिक सेवा अध्ययन केन्द्र कैलालीके संयोजक भक्तबहादुर खातीलगायत संजालके सदस्यहुकनके सहभागिता रहे ।