आज डेवारीके कुकुर पूजा ओ लक्ष्मी पूजा
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २६ कार्तिक । यी बरसके डेवारीके कुकुर पूजा ओ लक्ष्मी पूजा आज अँटवारके रोज संगे परल बा । संगे डेवारीक् डिया डेवारी फेन परल हो ।
आज साँझ्याके धनधान्यके देवी लक्ष्मी भगवानके पूजा आराधना करके श्रद्धाभक्तिपूर्वक घर–घरमे डिया बर्ना दिन परल बा । घरके सक्कु पाँजर लिपपोत करके सफासुग्घर कर्ना ओ सक्कु ठाउँमे डिया बारके लक्ष्मीके स्वागत स्वरुप डिया बर्ना दिन परल हो ।
डिया नैबारल घरमे लक्ष्मी बास नैकर्ठै कना् हिन्दु धर्मलम्वीहुकनमे जनविश्वास रहटी आइल बा । हिन्दु धर्म ग्रन्थके अनुसार लक्ष्मीपूजाके रातहे सुखरात्रि फेन कहजाइठ । आज साँझ्याके मूलद्वारसे लक्ष्मी स्थापना कर्ना कोठासम लालमातिसे पोटके चाउरक् पीठा ओ अबिरसे लक्ष्मीके पैलक छाप बनाके केराके बोंगामे डिया बर्ना प्रचलन बा । घरक् जन्नी मनैहुक्रे साँझ्याके दीपावली करलपाछे लक्ष्मीके फोटोमे या मुर्तिमे गरगहना, पैसा, धान, चामल, फलफूल, रोटी ओ फूलमाला चह्राके पूजा करठै ।
लक्ष्मीपूजा संगे लक्ष्मीके प्रतीक मानके लौण्डीहुक्रे फेन पूजा कर्ना प्रचलन बा । लक्ष्मीपूजा करलपाछे उ दिन अपन संग रहल पैसा वा अन्य पदार्थ बाहेर पठैलेसे लक्ष्मी बाहेर जैठै कना लोकोक्ति बा । ओस्टके आज साँझ्याके लौण्डालौण्डीहुक्रे समूह बनाके घरघरमे भैलो खेलके राहरंगी कर्ना फेन प्रचलन बा ।
सत्ययुगमे वामन अवतारके भगवान् विष्णु तीन पाउ भूमि मागल बेला दानवराज बलि भगवानहे सन्तुष्ट पारके दानवीरके अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करटी जौन घरमे यमपञ्चकमे दीपावली करजाइठ, ओकर घरमे लक्ष्मी सदा बास करही कना वर मागल ओरसे यी दिनसे लक्ष्मीपूजाके महिमा सुरु हुइल धार्मिक विश्वास बा ।
डेवारीके कार्तिक कृष्ण चतुर्दशीके दिन घरके रक्षक एवम् द्वारपालक कुकुरिन्के पूजा करके कुकुर तिहार मनैना फेन प्रचलन बा । कुकरिनहे अबिर ओ माला लगा डेना ओ कुकरिन मन पर्ना खैना चीज डेके पूजा करजाइठ् ।
कुक्कुरिनसे घरके रेखदेख तथा हेरचाह हुइना तथा चोरहुकनसे बचैना काम करके मानव जीवनहे सहयोग करटी आइल बाटै । वैवस्वत मन्वन्तरके कुलमे जन्मल कुकरिनसे धर्मराज युधिष्ठिरहे स्वर्ग यात्रामे समेत साथ डेहल धार्मिक विश्वास बा । कुकरिनहे आज्ञापालक ओ सुरक्षामे भरपर्र्ना घरपालुवा जनावरके रुपमे लेजाइठ ।