थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४९, शनिच्चर ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८२, शनिबार ]
[ 26 Apr 2025, Saturday ]
‘ सम्पादकीय ’

अपांता सवाल सरकार काहे नैबुझना ?

पहुरा | १७ मंसिर २०८०, आईतवार
अपांता सवाल सरकार काहे नैबुझना ?

अपाङगता रहल व्यक्तिके अधिकार प्रवर्द्धन तथा समावेशीकरण ओ सशक्तीकरणके लाग सामाजिक चेतना अभिवृद्धि कैना उद्देश्यसे विश्व स्वास्थ्य संगठनके आह्वानमे सन् १९९२ से हरेक वर्ष डिसेम्बर ३ हे अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके अन्तर्राष्ट्रिय दिवसके रूपमे विश्वभर मनैना करल बा । नेपालमे भर सन् २०१३ से यी दिवस मनाई लागल हो । अपांगता रहल व्यक्तिके अधिकारहे विश्वव्यापी रुपमे स्थापित कैना प्रयासके क्रममे सन् १९८१ हे संयुक्त राष्ट्रसंघसे अन्तर्राष्ट्रिय अपांगता वर्षके रुपमे घोषणा करल रहे । ओकर ११ वर्षपाछे विश्व स्वास्थ्य संगठनके आह्वानमे विश्वभर यी दिवस मनाई लागल हो ।

२०७८ के जनगणना अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ७० हजार ८ जाने अपांगता रहल व्यक्ति रहल बटै कलेसे जेम्ने कैलालीमे केल २२ हजार ३६३ जाने अपांगता रहल व्यक्ति बटै । सक्कु मेरिक अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके सर्वाङ्गिण विकास ओ अपांगता समावेशिताके सुनिश्चितता समाजमे रहल मानवीय विविधता बोकल अपाङगता रहल नागरिक, सडक बालबालिका, बेसहारा, असहाय, हिंसामे परल महिला, जेष्ठ नागरिक, दलित, मजदुर, किसान, लैंगिक अल्पसंख्यक, राउटे, राजी, वादी सीमान्तकृत समुदाय रहल बटै । राज्य विकासके मुलप्रवाहमे आई नइसेकल पाछे पारल अपन ईच्छा, चाहना माग करे नइसेक्ना नागरिकहुकनके समाजमे सम्मानपुर्वक बाँचे मानवअधिकारके विश्वब्यापी घोषणापत्रमे उल्लेख बा । अपांगता रहल नागरिकके अधिकार सम्बन्धी संयूक्त राष्ट्र संघीय महासन्धी लगायत बालबालिका, महिला सम्बन्धी टमान अभिसन्धि ओ घोषणापत्र उप्पर दृढ विश्वास कैगिल बा ।

नेपालके संविधानसे प्रदत्त मौलिक हक अधिकारहे आत्मसात करटी, लैंगिकता पक्ष ओ मानवीय विविधतायूक्त नागरिकके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, आयआर्जन, सीप विकास, सशक्तीकरण ओ पुनस्र्थापना मार्फत राष्ट्रिय नीति निर्माण तथा सर्वाङ्गीण राष्ट्र विकासके मुलप्रवाहमे अपांता रहल व्यक्तिहुकनहे समान सहभागिता एवं सेवाममे सहज पहुँच पुगैना सरकारके दायित्व हो । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे रहल अपांता रहल व्यक्तिहुकनके हक अधिकार स्थापित करैना उद्देश्यसे गैल असार १२ से १८ गतेसम्म शान्तिपूर्ण ¥याली, जुलुस, रिले अनसन, सिट्टि फुक्न, मुख्यमन्त्री गेट आघे धर्ना, अनसन, शरीरके कपडा फुकाके प्रदर्शनलगायत टमान विरोधके कार्यक्रम कैगिल रहे । उहे आन्दोलनके क्रममे असार १८ गते साँझ स्वयम माननीय मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाह आन्दोलन स्थलमे पुगके माग सम्बोधन कैना प्रतिवद्धता पश्चात आन्दोलन स्थगित करके वार्तामे गैल रहिट ।

प्रदेश सरकार ओ महासंघ विच हुइल सहमतिमे अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके वास्तविक आवश्यकतामे आधारित स्वास्थ्य पुनस्र्थापना सेवा, सहायक सामग्री उत्पादन तथा मर्मत केन्द्र, अडियो लाईब्रेरी भवन, समावेसी खेलकुद संचालन महासंघके भवन निर्माण, सुप समावेसी विद्यालयके छात्रवास निर्माणके लाग थप पाँच करोड बजेट विनियोजन कैना कहल रहे । मने प्रदेश सरकार ओ महासंघ विच हुइल सहमति अभिनफे कार्यान्वयनमे नइहो । जिहीसे अपांता रहल व्यक्ति स्वास्थ्य शिक्षाके अधिकारके समेट वञ्चित हुइटी गैल बटै । सरकारी कार्यालय, विद्यालय, बैंक अपांतामैत्री बने नैसेकल हो ।

जनाअवजको टिप्पणीहरू