एकताके भावना रख्ना आग्रह

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३० अगहन । राष्ट्रिय अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशके पाँचौ वार्षिक साधारणसभा शनिच्चरके रोज धनगढीमे सम्पन्न हुइल बा ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्रालयके उपसचिव विश्वदिप बेस्राके वडका पहुनामे हुइल कार्यक्रममे उहाँ राष्ट्रिय अपाङ महासंघ अपाङता रहल सक्कु संस्थाके माउ संस्था रहल ओरसे एकताके भावना रख्टी आघे बह्रना आग्रह करलै ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशम अपाङता नीति सामाजिक विकास मन्त्रालयसे आन्तरिक मामिला तथा कानूनमे राय सुझावाके पुगल ओरसे हलहाली मन्त्रीपरिषदमे पठैना बटैलै । उहाँ कहलै, ‘प्रदेश अपाङता नीति बन्लेसे अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके ढेर अधिकार सुनिश्चित हुइना, उहाँहुकनके बजेट विनियोजना कैना सहजुल हुई ।’
प्रदेश स्तरीय निर्देशक समितिफे अपूर्ण रहल ओरसे हाली पूर्ण कैना उहाँ बटैलै । अपाङता रहल व्यक्ति संघसंस्था एकजुट हुइलेसे सरकारहे दवाव डेना सहजुल हुइनाफे उपसचिव बेस्रा बटैलै । पहिलेक भवन अपाङतामैत्री नइरहल मने आव प्रदेश सरकारसे लौव भवनहे अनिवार्य अपाङतामैत्री कहिसेकल ओरसे भवन, सडक अपाङता मैत्री बन्नाफे उहाँ बटैलै ।
कार्यक्रमके विशिष्ट पहुना राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग प्रदेश प्रमुख हरि प्रसाद ज्ञवाली अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके लाग ढेर कानून ओ संविधानमे हक सुनिश्चित करल मने कार्यान्वयनके कमी रहल बटैलै ।
राष्ट्रिय अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशके निवर्तमान अध्यक्ष उपेन्द्र बहादुर खडायत अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके हक अधिकार सुनिश्चित करटी निशुल्क शिक्षाके व्यवस्था कैना सर्वोच्च अदालतसे आदेश डेहल मने कार्यान्वयन नइहुइल बटैलै । राष्ट्रिय अपाङ महासंघके अगुवाईमे असारमे हुइल आन्दोलन २०६२÷०६३ से कम नइरहल मने ओकर उपलब्धी प्रदेश सरकारसे कार्यान्वयन नइकरल बटैलै ।

फुलवारी अपाङ संघके अध्यक्ष नरराज गिरी अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके मन विभाजित हुइटी रहल ओरसे दवाब डेना अप्ध्यारो हुइटी रहल बटैलै । फुलवारी क्षेत्रमे ढेर अपाङता, अशक्त व्यक्ती रहल ओरसे एक ठो अटोके व्यवस्था कैडेना माग करलै ।
नेपाल दृष्टि विहिन संघके केन्द्रीय सचिव तथा सुदूरपश्चिम प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन रावल राष्ट्रिय अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशसे अपाङता क्षेत्रमे योगदान करल सक्कु जनहनहे समेटके लैजाई पर्ना आग्रह करलै । कार्यसमितिमे कही विवाद वा फाटो अइलेसे बर्तमान ओ निबर्तमान समितिके अगु्वा मिल्के समाधान खोज्ना उहाँ बटैलै ।

धनगढी उपमहानगरपालिका–२ के वडा अध्यक्ष धर्मराज ओझा अपनेफे अपाङ महासंघके डेनसे यहाँसम पुगल बटैलै ।
कार्यक्रममे यूएनडिपीके सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख बैजन्ती गिरी एक थान बैशाखी सहयोग करल रहिट । कलेसे तीन जाने दृष्टिविहिनहे उज्जर लाठी वितरण कैगिल बा । दक्षिणकाली बहिरा आवसिया विद्यालयके विद्यार्थी नृत्य प्रस्तुत करल रहिट ।
राष्ट्रिय अपाङ महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेश अध्यक्ष मानबहादुर साउदके अध्यक्षमे हुइल कार्यक्रममे अपाङता रहल व्यक्ति शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकुद, यातायात क्षेत्रमके पाई पर्ना अधिकारसे बञ्चित हुइल बटैलै ।

कार्यक्रममे स्वागत मन्तव्य महासंघके उपाध्यक्ष विमला चौधरी ओ संचालन सदस्य कुसमा जोशी करल रहिट ।
रास्ट्रिय अपांग महासंघ नेपाल अपांगता रहल व्यक्तीहुकनके हक अधिकार संरक्षण ओ प्रवद्र्धनके लाग वि.स. २०५० सालसे निरन्तर कृयाशिल एक मात्र रास्ट्रियस्तरके छाता सस्था हो । जेम्ने हाल ४०० से ढेर अपांगता सम्बन्धि काम कैना सस्था आवद्ध बटै ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमेफे २०६१ सालसे रास्ट्रिय अपांग महासघ निरन्तर क्रियाशिल बा । हाल यी प्रदेशमेफे ४२ ठो सस्था आवद्ध रहल बटै । २०७८ के जनगणना अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे ७० हजार ८ जाने अपांगता रहल व्यक्ति रहल बटै । जेम्ने कैलालीमे २२ हजार ३६३ जाने अपांगता भएका व्यक्ति रहल बटै ।

सक्कु मेरिक अपांगता रहल व्यक्तिहुकनके सर्वाङिगण बिकास ओ अपांगता समावेशिताके सुनिश्चितता समाजमे रहल मानवीय विविधता बोकल अपाङता रहल नागरिक, सडक बालबालिका, बेसहारा, असहाय, हिंसामे परल महिला, जेष्ठ नागरिक, दलित, मजदुर, किसान, लैंगिक अल्पसंख्यक, राउटे, राजी, बादी सिमान्तकृत समुदाय ओ राज्य विकासके मुलप्रवाहमे आइनइसेकल पाछे पारल, अपन ईच्छा, चाहना माग करे नइसेकल नागरिके समाजमे सम्मानपुर्वक बाँच्न पैना तथ्यमे महासंघ विश्वास रख्टी आइल बा ।
मानवअधिकारके विश्व्यापी घोषणा पत्र, अपाङता रहल नागरिकके अधिकार सम्बन्धी संयूक्त राष्ट्र संघीय महासन्धि लगायत बालबालिका ओ महिला सम्बन्धी टमान अभिसन्धि ओ घोषणा पत्रउप्पर दृढ विश्वास करटी नेपालके संविधानसे प्रदत्त मौलिक हक अधिकारहे आत्मसात करटी, लैंगिकता पक्ष ओ मानवीय विविधतायूक्त नागरिकके शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, आयआर्जन, सीप विकास, सशक्तीकरण ओ पुनस्र्थापना मार्फत राष्ट्रिय नीति निर्माण तथा सर्वाङीण राष्ट्र विकासके मुलप्रवाहमे समान सहभागिता एवं सेवामे सहज पहुँच पुगैना आवश्यक रहल बा ।
