थारु राष्ट्रिय दैनिक
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द्वन्द्वपीडित कहलै– ‘सरकार न्याय डेउ’

पहुरा | २ पुष २०८०, सोमबार
द्वन्द्वपीडित कहलै– ‘सरकार न्याय डेउ’

पहुरा समाचारदाता
दाङ, २ पुस ।
लुम्बिनी प्रदेशके द्वन्द्वपीडितहुक्रे अभिनसम अपने न्याय नइपाइल गुनासो करले बटै । सरकारसे पाई पर्ना क्षतिपूर्ति, सेवासुविधा तथा समाजिक सुरक्षा भत्ता नैपाइल गुनासो करले बटै ।

लुम्बिनी प्रदेश द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय सञ्जालके आयोजनामे अँटवारके रोज लमहीमे आयोजित महिला शान्ति सुरक्षा सम्बन्धी दुसरा राष्ट्रिय कार्ययोजना कार्यान्वयन विषयक अभिमुखीकरण कार्यक्रम तथा लुम्बिनी प्रदेश भेलामे सहभागी हुइल द्वन्द्वपीडित उ गुनासो करल हुइट ।

ओइने द्वन्द्वपीडितहुकनके १ सय २५ ओ १८ सय २० के विषयमे स्थानीय सरकार काहे जिम्मेवार नइहुइल सरकारहे प्रश्न करले रहिट । साथे ओइने द्वन्द्वपीडितहुकनके आवश्यकता अनुसारके माग पुरा करडेना सरकारसे आग्रह करले बटै । द्वन्दकालके समयमे वेपत्ता पारल परिवारहे भत्ताके व्यवस्था करडेनाफे सरकारसंग आग्रह करले बटै ।

ओइने द्वन्द्वपीडितहुकनहे प्रकृति अनुसारके परिचयपत्रके व्यवस्था कैना, हरेक निकाय तथा क्रियाकलापमे अर्थपुर्ण सहभागिता करैना, घाहिल, अपाङ, यातना पीडितहुकनके सक्कु उपचार खर्चके व्यवस्था करडेना सरकारसंग ओइन माग करले बटै ।

लुम्बिनी प्रदेश द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय सञ्जालके संयोजक चन्द्रकला उप्रेतीके अध्यक्षता एवम् लुम्बिनी प्रदेशके पुर्व मन्त्री तथा प्रदेश सभा सदस्य इन्द्रजित थारुके वडका पहुनामे हुइल कार्यक्रममे बोल्टी पुर्वमन्त्री थारु समाजमे अब्बेफे द्वन्द जारी रहल बा । उहे बेला सशस्त्र द्वन्द्वमे युद्ध रहल ओ अब्बे समाजिक तथा पारिवारिक द्वन्द्व रहल बटैटी हरेक द्वन्द्वहे सचेतना पुर्वक समाधन खोजे पर्ना बटैले बटै । क्षमता अनुसारके जिम्मेवारी बाँडफाड करके तिनु तहके सरकार कार्ययोजना बनाके बजेटके व्यवस्था करे पर्ना उहाँ बटैले बटै ।

कार्यक्रममे प्रदेश सभा सदस्य सीता चौधरी, घोराही उपमहानगरपालिकाके नगरप्रमुख नरूलाल चौधरी, नेपाल पत्रकार महासंघ लुम्बिनी प्रदेश उपाध्यक्ष चुमा आचार्य लगायतके वक्ता मन्तव्य व्यक्त करल रहिट । यिहे बीच लुम्बिनी प्रदेश द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय सञ्जालसे १३ बुँदे माग राखके लुम्बिनी प्रदेशके पुर्व मन्त्री तथा प्रदेश सभा सदस्य इन्द्रजित थारु ओ दुसर प्रदेश सभा सदस्य सीता चौधरीहे ज्ञापनपत्र बुझैले बा ।

ओइने विस्तृत शान्ति सम्झौता ह्ुइल १७ वर्ष हुसेक्लेसेफे सरकारके ओरसे शान्ति प्रक्रियाके लाग ठोस कदम आघे नइबढाइल ओरसे विगत दश वर्षिय शसस्त्र द्वन्द्वके क्रममे यी क्षेत्रके आम नागरीक, द्वन्द्वपीडित तथा प्रभावित महिला तथा बालिकाहुकनके क्षेत्रमे यी प्रदेशसे करे पर्ना नीतिगत तथा परिपुरणीय अधिकारके लाग द्वन्द्वपीडित महिला राष्ट्रिय सञ्जालके लुम्बिनी प्रदेशस्तरीय भेलासे महिला शान्ति सुरक्षा सम्बन्धी दुसरा राष्ट्रिय कार्ययोजना कार्यान्वयन (संयुक्त राष्ट्र संघके प्रस्ताव नं १३२५ ओ १८२०) के लाग पेश करले बटै ।

जेम्ने सामाजिक सुरक्षा भत्तामे सरकारसे एकल महिलाके स्पष्ट परिभाषा नइकरल ओरसे द्वन्द्वके समयमे वेपत्ता पारल व्यक्तिहुकनके गोसिनीया नइसेमेटल ओरसे वेपत्ता पारल व्यक्तिहुकनके गोसिनीयाहुकनहे समेटना करके सामाजिक सुरक्षा भत्ताके व्यवस्था कैना, साथे द्वन्द्वपीडितहुकनहे परिचयपत्र उपलब्ध कराके अभिभावकत्व ग्रहण कैना माग करले बटै ।

प्रदेश सरकारके नीति निर्माणके प्रक्रियामे द्वन्द्वपीडितके अर्थपूर्ण सहभागिता अनिवार्य सुनिश्चित्त कैना, द्वन्द्वपीडित महिला ओ बालिकाहुकनके लाग निःशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारीसहित आत्म सम्मान सहितके बाँचे पैना अधिकारके व्यवस्था सुनिश्चित कैना, लुम्बिनी प्रदेशके प्रदेश निर्देशक समिति लगायत प्रत्येक जिल्लामे निर्देशन समिति गठन ओ कार्ययोजना कार्यान्वयन स्थानीय समिति समेतके व्यवस्था तत्काल कैना पहल कर्ना, दुसरा राष्ट्रिय कार्ययोजना कार्यन्वयन महिला शान्ती सुरक्षा सम्बन्धी लुम्बिनी प्रदेशके बजेट का कैसिन रहल बा जानकारी उपलब्ध कराके, समग्र द्वन्द्व पीडित एवम् महिला ओ बालिकाहुकनके क्षेत्रमे सम्बन्धित निकायसे आत्मा सम्मान हुइना करके बजेट छुट्याई कार्यान्वयन कैना माग करले बटै ।

हालसम द्वन्द्वपीडित महिला तथा बालिकाहुकनके लाग हु्इल करल कार्य साथे लुम्बिनी प्रदेशको परिपुरणीय नीतिबारे प्रक्रिया कहाँ पुगल बा । जानकारी सार्वजनिक कैना, घाहिल अपाङ, यातना पीडितके अवस्था पहिचान करके ओइनके सक्कु उपचारके व्यवस्था करे पर्ना, साथे लुम्बिनी प्रदेशके सक्कु जिल्लामे निःशुल्क स्वास्थ्य बिमा लागु करके सहज पहुँचके व्यवस्था कैनाफे माग करले बटै । लुम्बिनी प्रदेशस्तरीय द्वन्द्वपीडित महिला सञ्जालके सदस्य लक्ष्मी चौधरीके स्वागत मन्तव्यसे सुरु हुइल कार्यक्रमके सञ्चालन लुम्बिनी प्रदेशस्तरीय द्वन्द्वपीडित महिला सञ्जालके सहसंयोजक सरिता थापा करल रही ।

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