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मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या रहल प्रविन कठै– अवसरके खोजीमे बटु

पहुरा | ३ पुष २०८०, मंगलवार

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ पुस ।
धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ८ धनगढी गाउँके प्रविन रानाहे १९ बरसके उमेरमे सात बरस पहिले मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या आइल रहिन । मने अब्बे पूर्ण रुपमे मजा हुइलपाछे अपन काम अपनही कैना, घर परिवारहे सघैनाके साथे कहु काम मिल्लेसे करे सेकम कहटी अवसरके खोजीमे रहल बटै ।

कक्षा ३ सम धनगढीस्थित अपि विद्या निकेतनमे अध्ययन कैनु, ओकरपाछे धनगढी नमूना प्राविधिक विद्यालयमे आइलपाछे पह्रटी–पह्रटी संघरीयनके लहलहैमे लागके कक्षा ६ मे पह्राई छोरनु,’ प्रविन कहलै, ‘घरे बेरोजगार बैठलसेफे कुछ काम करु कहिके भारतसे चेन्नाई जाके एक बरष काम कैनु । वहाँसे घर लौटलपाछे एक्कासी चक्कर आके बेहोस हुइनु । टबसे मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या आइल ।’

जारके समय रहे । डाई कहे यिहीहे जार लग्गैलिस की का, कहिके आगी टप्पैलैं, बहुट ठाउँमे गुरुवा बैडवासे हेरवाइलै, कुछ परिवर्तन नइआइल, सेती अस्पतालमे चेक कराइलपाछे दिमागके समस्या बटाइल, कोहलपुरमे लैगिलपाछेफे उहे समस्या रहल बटाइल उहाँ कहलै ।

प्रविनके बाबा नन्दलाल राना कहलै, ‘छावाहे भारतके बरेलीमे अस्पतालमे उपचारके लाग लैगिल रहु । छावाहे कुछ होस नइ रहे, जा पाए उहे करे लागे । छावाके उ हर्कतसे अस्पातलके स्टाफ ओइनसे बहुट नइमजा व्यवहारके सामाना करे परल । हमार बाध्यता रहे । सक्कु सहके बैठनु । छावा पाँच तल्लाके अस्पतालसे टरे कुदगना कोशिस करल, उहीसे बल्ल–बल्ल बँचागिल ।’
नन्दलाल कहलै, ‘छावाहे दिसापिसाव कैनाफे ठेगान नइरहिस । कुछ पत्ता नइपाए । छावा महिहे डाँटे, मै उहीहे डाँटु । औषधी खाई लागलपाछे सुधार हुई लागल । औषधीके असरसे छावा बहुट मोटागिल रहे । कुहीसे नइबोले चुपचाप घरे बैठल रहे ।’
कोशिस नेपाल मनोसामाजिक समस्या रहल व्यक्तिके तथ्यांक संकलन करेबेर हम्रेफे जोरली उहाँ कहलै, मनोसामाजिक परामर्श पाइलपाछे छावा फेरसे बोले लागल ओ गाउँ समाजमे घुलमिल हुइल ।

प्रविन कठै, जबसे मै डवाई खैना सुरु कैनु टबसे बहुट मोटागिल रहु । मोर तौल करिब १०० किलो पुग्गैल रहे । संघरिया महीसे मजाक करिट तोर पेटमे बच्चा बा की का कहिके ।

कोसिस नेपालमे जोरलपाछे परामर्श पैनु, मोर दिमाग ढिरे–ढिरे सन्तुलनमे आइल । सक्कु जनहनसे बोले सिख्नु । कसरत करे लग्नु, घरके काम कैना सुरु करलपाछे अब्बे शरिर ७० किलो पुगल बा ।’

प्रविनफे कठै, ‘मोर संघरीया आब महीहे डेखके अचम्म परल बटैठै । उहाँ कहलै, महीहे मनोसामाजिक समस्या आइलपाछे कुहीसे बोले नइसेक्ना ठरठरैना रहु । मने अब्बे लौव जिन्गी पैलु, आब कुछ करे सेकम आँट आइल बा ।

उहाँ कहलै, ‘अब्बे सकारे–सकारे नियमित रुपमे कसरत कैठु, दोरठु । शरिरफे फुर्ति हुइटी गैल बा । पहिले गोर ओटरा नइचले अब्बे ठिक हुइल बा ।’

बाबाहे दमके समस्या रहल बटीस, घरमे खेतीकिसानी बाहेक आम्दानीके स्रोत नइहो, डाई टिना बेचठ उहीसे घर खर्च ओ औषधी उपचार हुइटी रहल प्रविन बटैलै । उहाँ कहलै, मानसिक स्वास्थ्य समस्या आइलपाछे मै कुछ करे नइसेकु अब्बे अपन काम अपनही करठु, ओटरा केल नाही घरके काम कैना, डाईनसंग बारीबेउरामे टिना लगैना, गोडमेल, पानी डरनामे सहयोग करठु ।

अब्बे कोशिस नेपालके सहयोगमे सेक्यूरिटी तालिमफे लेसेकल ओरसे अवसर पैलेसे काम करे सेक्ना अपन इच्छा रहल प्रविन बटैठै ।

ओस्टेक करके उहे गाउँक श्याम रानाहेफे मनोसामाजिक स्वास्थ्य समस्या रहे । अब्बे औषधी खाइल ओ कोशिस नेपालसे जोरलपाछे बोले सेक्ना हुइल बटै ।

मनोसामाजिक परामर्शकर्ता सरिता चौधरी धनगढी उप–महानगरपालिका–८ मे कोशिस नेपालसे गठन करल संघर्ष साथी समुहमे प्रविन ओ श्याम जोरल बटैली । समुहके बैठकमे ओइनहे मनोसामाजिक परामर्श डेहलपाछे बोले सेक्ना, लिख्न अवस्थामे आइल बटैली । उहाँ कहली, सेक्यूरिटी गार्डके तालिम लेहेबेर प्रविन और जनहन फुर्तिलो डेखलै । अपनहेफे परिवर्तन करेपरल कना सोच अइलिन, ओकरपाछे शारीरिक अभ्यास करे परल कहटी डौरना, योग कैना, घरके काम कैना सुरु करलपाछे अब्बे शरिरमे नइसोचल परिवर्तन आइल बटीन ।’

कोशिस नेपालके मनोसामाजिक परामर्शकर्ता सरिता चौधरी प्रत्येक महिनामे संघर्ष साथी समुहके बैठक हुइना, परामर्श डेटी आइल बटैली ।

विश्व स्वास्थ्य संगठनसे टमान समयमे करल अध्ययन अनुसन्धान अनुसार विश्वमे मानसिक स्वास्थ्य समस्यासे प्रभावित व्यक्तिके संख्या बढटी गैल बा । विश्व स्वास्थ्य संगठनसे करल अध्ययन अनुसन्धान अनुसार विश्वमे मानसिक स्वास्थ्य समस्यासे प्रभावित व्यक्ति करिव २५ से ३० प्रतिशत रहल बटैले बटै ।

मानसिक स्वास्थ्य समस्यासे प्रभावित व्यक्ति तथा ओइनके परिवारके सदस्य टमान खाले समस्या झेल्टी आइल बटै हाल आके औषधी उपचारसे निक हुइटी गैलपाछे अब मानसिक स्वास्थ्य समस्यासे ग्रसित हुइल डाडुभमैया, दिदीवहिनीया लगायत जे कोईफे समाजमे अपहेलित, घृणित जीवनयापनसे गुज्रे नपरे कना शुद्ध सामाजिक भावनासहित मानसिक स्वास्थ्य समस्यासे प्रभावित व्यक्ति तथा परिवारके सदस्य संगठित हुइल बटै ।

नेपालके संविधानसे मौलिक हकके रुपमे प्रदत्त स्वास्थ्य सम्बन्धी हक अन्तरगत प्रत्येक नागरिकहे राज्यसे आधारभूत स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क रुपमे प्राप्त कैना तथा स्वास्थ्य सेवामे समान पहुँच हुइना ब्यवस्था करल बा ।

जनस्वास्थ्य सेवा ऐन २०७५ के दफा ३ के उपदफा ४ (ङ) मे मानसिक स्वास्थ्य सेवाहे आधारभूत स्वास्थ्य सेवाके सुचीमे समावेश करल बा । अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार सम्बन्धी ऐन २०७४ के परिच्छेद ७ मे मनोसामाजिक अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके स्वास्थ्य, पुनस्र्थापना, सामाजिक सुरक्षा तथा मनोरञ्जनके व्यवस्था समेत करल बा ।

उ ऐनके दफा ३५ ओ ३६ से मनोसामाजिक अपाङता रहल ब्यक्तिहुकनके लाग थप सेवा सुविधाके समेत सुनिश्चितता करल बा । संयुक्त राष्ट्र संघके दिगो विकास लक्ष्य २०१६–२०३० फे मानसिक स्वास्थ्यहे प्राथमिकतामे धारके मानसिक स्वास्थ्यके प्रवर्धन कैना, नइसर्ना रोगसे हुइना मृत्यु एक तिहाइसे कम कैना, लागु पदार्थ दुव्र्यसनीके रोकथाम तथा उपचार एवं पुनस्र्थापनाके लक्ष्य धारल बा ।

नेपालसे पक्ष राष्ट्रके रुपमे अनुमोदन करल अन्तराष्ट्रिय महासन्धी जस्टे अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार सम्बन्धी महासन्धी,यातना पिडितहुकनके अधिकार सम्बन्धी महासन्धी, बाल अधिकार सम्बन्धी महासन्धी लगायतमे उल्लेख हुइल बमोजिम मानसिक स्वास्थ्यके प्रवद्र्धन, रोकथाम तथा उपचार एवं पुनस्र्थापना अधिकारके सुनिश्चित कैना राज्यके दायित्व हो ।

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