आठौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलनमे ९ बुँदे घोषणापत्र जारी
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १ फागुन । सुनसरी जिल्लाके गढी गाउँपालिका २ गढीनाथमे आठौँ राष्ट्रिय थारू साहित्य सम्मेलनसे ९ बुँदे घोषणापत्र जारी करले बा ।
थारु लेखक संघ नेपाल ओ हौली परिवारके आयोजना तथा नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान, एआईपीपीके सहकार्यमे २०८० माघ २६ से २७ गतेसम हुईल आठौँ राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलन हुइल रहे ।
थारु साहित्य राष्ट्रिय सम्मेलनके सहभागिहुक्रे प्रतिवद्ध हुके ९ बुँदे घोषण पत्र जारी करले बटै । जेम्ने थारु भाषा, साहित्य, सस्कृति, उत्थानके लाग थारु साहित्यिक संघ सस्था, लेखक, साहित्यकर, सम्पादकहुक्रे एकजुट होके सहकार्य कैना निर्णय करल बा ।
ओस्टेक करके थारु मातृभाषमे पठनपाठन कार्यान्वयनके लाग थरुहट क्षेत्रके विद्यालयमे पालिकाहुकनसे पहल कर्ना, थारु लोक साहित्यकार हुकनके सुचिकरण कैके पाण्डुलीपी प्रकाशनके लाग संयोजना कर्ना, थारु भाषाके थप सम्वृद्धिके लाग अनुवाद साहित्यहे जोर डेना, थरुहट क्षेत्रके प्रत्येक पालिकाहुकन थारु भाषा, साहित्य ओ संस्कृतिक संरक्षण, विकासके लाग रकम छुट्याइक लाग पहल कैना तथा दवाव डेना हुईल बा ।
आठाँैँँ राष्ट्रिय थारु साहित्य सम्मेलनके स्मारिका प्रकाशित कर्ना, आगामी नवौँ थारु साहित्य राष्ट्रिय सम्मेलन बर्दिया जिल्लामे २०८१ वैशाख मसान्तम आयोजना कर्ना, थारु लेखक संघ नेपालसे स्थापित थारु भाषा ओ साहित्यक क्षेत्रमे महत्वपुर्ण योगदान डेना, स्रष्टाहुकन सम्मान ओ पुरस्कारके लाग अक्षय कोष रकम बह्रैटी लैजिनाके सँगे यी वर्ष पुरस्कृत स्रष्टा रामसागर चौधरी आप्न पैलक सुरस्कार रकममे थप कैके और पुरस्कार स्थापनाके लाग घोषणा कैलकमे धन्यवाद ज्ञापन कैगिल बा ।
सुनसरीमे निम्जलक आठाँै थारु साहित्य राष्ट्रिय सम्मेलन भव्य सभ्य एवम् सफलतापुर्वक निम्जैना सहयोग पुगैना स्थानीय तह अन्र्तगतक गढी गाउँपालिका ओ वडा न २ कार्यालयहे नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान एआईपीपी, हौली परिवारके आजिवन सदस्यता लेके कार्यक्रम सफल बनैना आजिवन सदस्य तथा आर्थिक भौतिक सहयोग कर्ना सक्कु सुभेच्छुक, मिडिया, सुरक्षाकर्मी लगाएत मेह्रमेह्रीक जिल्लासे कार्यक्रम सहभागि सक्कुहुकन धन्यवाद ज्ञापन कैगिल बा ।
सम्मेलन थारू भाषा, साहित्य, कला, संस्कृति प्रवद्र्धनम सहयोग पुगैना उद्देश्यले हुइल सम्मेलनके मूल आयोजक समितिक संयोजक एवं थारु लेखक संघक केन्द्रीय संयोजक डा. कृष्णराज सर्वहारी जनैल बटै । जेम्ने टिपटिप राणा थारु तथा लोककथा संग्रह, लंवागी वार्षिक पत्रिका, हौली पत्रिका, पुर्विय थारु हरिनाम गित, थारु संस्कृति तुलनात्मक अध्ययन, खोजखवर, मेचिमहाँकाली थारु भाषा विश्लेषण, धुमरु गित, थारु कहकुट, थारु ढमार गित ओ थारु बल्हा झुल्ना गितक विमोचन कैगिल रह ।
हरेक साल हुइना साहित्य सम्मेलन पहिल साहित्यिक सम्मेलन दांगके घोराहीमे, दुसरा कैलालीके पटेलामे, टिसरा बर्दियाके बह्रैयातालमे, चौठा रुपन्देहीके उचडिहुवामे, पाँचौ सुर्खेतके वीरेन्द्रनगरमे छैठौ कञ्चनपुरके कृष्णपुरमे आो सातौँ बाँकेके राप्तोसोनारी २०७९ माघ २०–२२ गते हुईल रहे ।


