कैलारीमे लक्ष्यसे ढेर लगागिल दादुरा–रुवेला खोप

९ हजार ७०३ बालबालिका (१०३.६२ प्रतिशत) दादुरा–रुवेला खोप लगैलैं
पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, २३ फागुन । कैलालीके कैलारी गाउँपालिकामे लक्ष्यसे ढेर बालबालिकाहुकनहे दादुरा–रुबेला खोप लगागिल बा ।
राष्ट्रिय खोप अभियान अन्र्तगत कैलारीमे गैल फागुन १५ गतेसे सुरुवाट २२ गतेसम लगागिल दादुरा–रुबेला खोपके अन्तिम रिपोर्ट सार्वजनिक करटी लक्ष्यसे ढेर बालबालिकामे खोप लगाइल कैलारी गाउँपालिका स्वास्थ्य शाखा प्रमुख नरेशकुमार चौधरी उ जानकारी डेहल हुइट । ९ महिनासे १५ बरषसमके ९ हजार ३६४ बालबालिकाहुकनहे दादुरा–रुबेला रोग विरुद्धके खोप लगैना लक्ष्य लेहलमे ९ हजार ७०३ जनहनमे खोप लगाइल उहाँ बटैलै ।
कैलारी सक्कु वडामे एक हप्ता संचालन हुइल दादुरा–रुबेला विरुद्धके खोप अभियानमे ९ महिनासे ५९ महिना उमेरके १४ सय ३ लउण्डा ओ १२ सय ९३ लउण्डी करके कुल २ हजार ७२३ (९८.६९ प्रतिशत) जनहन खोप लगाइल बा । ओस्टेक करके पाँच बरषसे १५ बरस उमेरके ३ हजार ३१७ जाने लउण्डा ओ ३ हजार ६६३ लउण्डी करके कुल ६ हजार ९८० (१०५.६७ प्रतिशत) जनहनहे खोप लगाइल स्वास्थ्य शाखा प्रमुख नरेशकुमार चौधरी बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘खोप अभियानमे ९ महिनासे ५९ महिना उमेरके २ हजार ७२३ जाने पाँच बरषसे १५ बरस उमेरके ६ हजार ९८० करके कुल ९ हजार ७०३ जाने दादुरा–रुबेला रोग विरुद्धके खोप लगाइल बा ।’ कैलारीमे ५० ठो खोप केन्द्रसे खोप लगाइल उहाँ बटैलै । कोई विद्यालयसे बाहेर हुइही कलेसे स्वास्थ्य केन्द्रमे चैत ६ गतेसम खोप लगाई उहाँ बटैलै । खोप अभियानहे सफल बनाइक लाग जनप्रतिनिधि, कर्मचारी, स्वास्थ्यकर्मी, महिला स्वास्थ्य स्वयं सेविका, शिक्षक, शिक्षिका, यूवा क्लव, भल्मन्सालगायतके सहयोग रहल स्वास्थ्य शाखा प्रमुख बटैलै । कैलारीमे खोप अभियान ओराइल बा । गैल बरसके तथ्याङक अनुसार कैलारी गाउँपालिका पूर्ण खोप सुनिश्चितता हुइल उहाँ बटैलै ।
दादुरा रुवेला खोप अभियान २०८० राष्ट्रिय अभियानके रुपमे फागुन १३ से चैत ७ गतेसम जारी रहल बा ।
कैलालीमे दुनु उमेर समुहके २ लाख ४० हजार ७५८ जनहनहे, कञ्चनपुरमे १ लाख ६५ हजार ५३२, डडेल्धुरामे ११ हजार ८२३, डोटीमे १८ हजार २९५, बैतडीमे २१ हजार ३२४, दार्चुलामे १० हजार ४१०, बझाङमे १८ हजार ३७६, बाजुरामे १३ हजार ९४२, ओ अछाममे २३ हजार ३७९ बालबालिकामे खोप लगैना लक्ष्य रहल बा ।
लक्षित जनसंख्या ढेर रहल, आवश्यकता अनुसार कोल्डचेन क्षमताके अभाव रहल, खोप डेना स्वास्थ्यकर्मी आवश्यकता अनुसार प्रयाप्त नइहुके एक चरणमे सम्भव नइहुइलेसे २ चरणमे कार्यक्रम संचालन कैना बा । खोप डेना स्वास्थ्यकर्मी ओ कोल्डचेनके व्यवस्था रहल स्थानीय तह–स्वास्थ्य संस्थासे एक्के दिनमे एक से ढेर केन्द्रमेफे खोप केन्द्र संचालन कैना बा । अभियान संचालनके चरण निर्धारण करेबेर नियमित खोपहे असर नइकैना करके योजना बनाई पर्ना बा ।

दादुरा–रुबेला उन्मूलनके लाग रणनीतिक योजनाः २०२०–२०२४ सम नियमित खोपमे दुई मात्रा तथा अभियान मार्फत खोप प्रदान करके सक्कु तहमे कम्तीमे ९५ प्रतिशत प्रगती प्राप्ती तथा निरन्तरता डेके उच्च कभरेजके अवस्था कायम रख्ना, समयमे हरेक दादुरा, रुबेला ओ सीआरएसके सर्भिलेन्स करके सिफारिस करल सुचांक हासिल कैना दादुरा, रुबेला तथा सीआरएस संवेदनशील खोजपडताल प्रणाली विकास ओ दिगोपना कायम कैना कहल बा ।
दादुरा–रुयेला परिक्षणके लाग प्रयोगशाला प्रणाली विकास करके निरन्तरता डेना, दादुरा–रुबेला महामारीके लाग पर्याप्त पूर्वतयारी तथा समयमे व्यवस्थापन÷सम्बोधन कैना, लक्ष्य प्राप्तीके लाग सहयोग ओ सम्बन्ध मजबुत बनैना बहस, पैरवी, सूचना संचार ओ सामाजिक परिचालनमे विशेष जोर डेहल बा ।
स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालयके सन २०२२ के तथ्याङक अनुसार नेपाल भर १६ प्रतिशत बालबालिका पूर्ण खोपसे बञ्चित रहल ओ ४ प्रतिशत बालबालिका खोप नइपैले हुइट । सक्कु तहमे एकरूपता नइरहल, शून्य खोप तथा ड्रप आउटके संख्या बह्रटी जैना, सुक्ष्मयोजना अद्यावधिक ओ पूर्ण खोप दिगोपना कार्यक्रम प्रभावकारी नइहुइना, खोपसे बचाई सेक्ना रोगके प्रकोप देखा परटी रहना, खोप खेर जैना दर उच्च, सक्कु तहमे खोपके कोल्डचेन व्यवस्थापन ओ गुणस्तर प्रभावकारी नइहुइना, विनियोजित क्रियाकलापके प्रभावकारी योजना, संचालनमे कमि स्वास्थ्य सेवाके कार्यक्रममे स्थानीय सरकारके अपनत्व मे कमि साथे प्राथमिकता नइडेना खोप कार्यक्रमके चुनौती रहल बा ।
