घरेलु हिंसासे चुलियाहे मानसिक स्वास्थ्य समस्या

१३ बर्ष घर लग्गेक झाडीमे निवस्त्र बैठली
प्रेम चौधरी
धनगढी,१८ चैत । चुलियादेवी चौधरीके यौवन अवस्थामे जिउडाल मिलल, गोरहर वर्ण, गुल्यारमुहक डेखलेसे लोभ लक्टीक जवानी रहिन । हुकान भतिज्या कैलाली जिल्लाके धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर १६ भादा निवासी अनिता चौधरी कहठी । घरेक आर्थिक अवस्था कम्जोर हुइलक कारण फुई पह्रना लिख्ना मौका नइपाइल उहाँ बटैली ।
फुइक पहिल भोज गाउँहीमे हुइल रहिस,’ उहाँ कहली, ‘सन्तान नइहुइलपाछे लर्का नइहुइठीस कहिके ससरालर घरसे हेल्हा कैगिलिस जिहीसे हुकानमे मानसिक स्वास्थ्य समस्या डेखा परना सुरु हुइलिन । ससरार घर टमान मेरिक हिंसा हुइलागलपाछे फुई ससरार घर कम, लैहर घर ढेर बैठे लग्ली । मानसिक स्वास्थ्य समस्याबारे गुरुवा बैडवाहे डेखैलेसेफे खासे मजा नइहुइली । समयमे उपचार हुइलेसे मजा हुइटी कि ।’
अनिता कहली, ‘फुइ चुलियादेवी चौधरीके उमेर अब्बे ५५ बरस पुगल बटिन । पहिल भोज हुइल घरसे करिब छुट्टा छुट्टी हुइलबेला अभिन बठिनिया जवाने रही । लैहर घर बैठी । सुर्मीके एक जाने थारु समुदायके भगत रहिट । मै उपचार करम । ठिक पारल कहलपाछे दुसर भोज उहाँहे हुइलिन ।’
लर्का नइहुइठिस कहिके पहिल ससरार हेल्हा करुवा पाइल रहिट चुलिया । सुर्मीमे भोज हुइलपाछे गर्भवती हुइली ओकरपाछे उहाँके खुशीके सीमा नइरहिन अनिता कहली ।
फुइक मानसिक स्वास्थ्य समस्या पूर्णरुपमे ठिक नइहुइल रहिन । लर्का जल्माईबेर स्वास्थ्य संस्थामे नइजाके घरे जल्माईबेर लर्काके ढोरही काटेबेर ढेर रगत बहके लर्काके ज्यान गैल । जिहीहे हुकहिनहे सन्तान पैना आश फेरसे मरगिलिन ओम्ने आउर ढेर तनाव हुइलिन उहाँ कहली ।
सुर्मीक ससरारफे आर्थिक अवस्था कम्जोर हुइलक कारण उहाँहुक्रे दुनु जाने भारतमे रोजगारीके लाग गैलै । तीन चार बर्षंसंगे बैठलपाछे हुकान गोसिया चुलियाहे घर पठाके अपने फेरसे रोजगारीके लाग भारत लग्लैं । भारत गैल हुकान गोसिया नम्मा समयसम नइलौटलपाछे चुलिया जेहोर टेहोर मागके गुजारा करे लग्ली, हुकान भतिज्या अनिता कहली ।
फुई कही आब तोर फुफा नइ अइही रि, मोर मायाफे मारे लग्लै जैसिन बा । महीहे रातदिन चिन्ता लागठ । मागके गुजारा कबसम चली । माग–मागके जमा करल पैसा जे टे लुटलिन, ओहोर फुफा नइआइलपाछे फुईक मन झन विछिप्ट हुके दिमाग आउर काम करे छोरल अनिता कहली । मानसिक स्वास्थ्य समस्या झन–झन बह्रलपाछे अपन नातपातनहे चिन्हे छोरली ।
१३ बर्ष घर लग्गेक झाडीमे निवस्त्र बास
नेपालमे कोरोना महामारी सुरु हुइना आघे करिब ४ बरस आघे चुलिया देवी चौधरीके मानसिक स्वास्थ्य समस्या बहुट ज्यादा विगरगैल रहिन । उहाँ अपन लैहर घरक लग्गे रहल झोरिया (झाँडी) मे झोपरी बनाके निवस्त्र करिब १३ बरस विटैली । जार होए, घाम होए, चाहे पानी बरसे, साप गोजर, मच्छर, किराकाँटीके कुछ मतलब नइरहल ।
हुकान बरका डाडु स्यानु चौधरी कहलै, ‘बहिनीयाहे घरेक नाने चाहली मने घरे नन्लेसे आइक मन नइकर्ना उहे बैठना मन पराए । सरल गलल खैना केल मन पराए । हम्रे खानपिन डेटी आइल रहि, डेहल खाना फेक्डेहे ।’ मानसिक स्वास्थ्य समस्या झन झन बह्रलपाछे चुलियादेवी चौधरी गाउँघरके जेकर टेकर सुरिक बच्चा, मुरगीक बच्चा मुवा डेना नोक्सन करे लागलपाछे हुकहिनहे धनगढीमे रहल दृष्टि फाउण्डेशनमे पठागिल रहे, हुकान डाडु कहलै ।
करिब तीन÷चार बरस दृष्टि फाउण्डेशनमे बैठलपाछे स्वास्थ्य समस्यामे ठोरिक सुधार डेखल परे लागल रहिन । कोरोना महामारीके बेला दृष्टि फाउण्डेशनमेफे आर्थिक अवस्थाके कमी ओ चुलिया चौधरीके डाडु भौजी, भैया बहुरिया रहल बटिन कहटी फेरसे भादा पठागिल ।
घर आइलपाछे हुकान मानसिक स्वास्थ्य समस्या फेरसे डेखा परल भतिज्या अनिता चौधरी कहली । अब्बेफे जेहोर टेहोर मागके खैना मन पराइठ । घरेक डेहल खाना कबु खाइठ । कबु फेकठ । जेहोर टेहोरसे सरल गलल खोजके झिल्लीमे नानठ । पहिले झारीहे बैठे मने अब्बे घारिक पाँरामे सुटठ ।
अनिता कहठी, ‘फेरसे स्वास्थ्य समस्या जटिल हुइटी जाइटीस । लुरगा कपरा नइघल्बे टे फेरसे दृष्टि फाउण्डेशन धनगढी लैजाई कहलपाछे डराके लुगरा घल्ना करठ उहाँ कहठी ।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याके क्षेत्रमे काम कैना संस्था कोसिश नेपाल कैलालीके समन्वय ओ पहलमे धनगढी उपमहानगरपालिकाके महिला तथा बालबालिका शाखासे चुलियादेवी चौधरीहे मानसिक अपाङगताके रातो कार्ड डेना निर्णय करले बा । चुलियादेवी चौधरी रातो कार्ड पैलेसे उपचार खर्च बाफत मासिक करिब चार हजार मासिक पैलेसे उपचार कैना सहजुल हुइना डेखगिल बा ।
कोशिस नेपाल कैलालीके मनोसामाजिक परामर्शकर्ता सीताराम चौधरी कैलाली जिल्लामे मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल ढेर व्यक्ति रहल बटैठै । और मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिहुकनहे और कार्ड पैलेसेफे चुलिया चाही पहिल व्यक्ति हुइट जे रातो कार्ड पैनामे सिफारिस हुइल बटी । उ प्राप्त करलेसे हुकान उपचार कैनामे ढेर मद्दत पुग्ना उहाँ बटैठै ।
नेपालके संविधानसे मौलिक हकके रुपमे प्रदत्त स्वास्थ्य सम्बन्धी हक अन्तरगत प्रत्येक नागरिकहे राज्यसे आधारभूत स्वास्थ्य सेवा निःशुल्क रुपमे प्राप्त कैना तथा स्वास्थ्य सेवामे समान पहुँच हुइना ब्यवस्था करल बा ।
जनस्वास्थ्य सेवा ऐन २०७५ के दफा ३ के उपदफा ४ ९ङ० मे मानसिक स्वास्थ्य सेवाहे आधारभूत स्वास्थ्य सेवाके सुचीमे समावेश करल बा । अपाङता रहल व्यक्तिहुकनके अधिकार सम्बन्धी ऐन २०७४ के परिच्छेद ७ मे मनोसामाजिक अपाङगता रहल व्यक्तिहुकनके स्वास्थ्य, पुनस्र्थापना, सामाजिक सुरक्षा तथा मनोरञ्जनके व्यवस्था समेत करल बा ।
उ ऐनके दफा ३५ ओ ३६ से मनोसामाजिक अपाङता रहल ब्यक्तिहुकनके लाग थप सेवा सुविधाके समेत सुनिश्चितता करल बा । संयुक्त राष्ट्र संघके दिगो विकास लक्ष्य २०१६–२०३० फे मानसिक स्वास्थ्यहे प्राथमिकतामे धारके मानसिक स्वास्थ्यके प्रवर्धन कैना, नइसर्ना रोगसे हुइना मृत्यु एक तिहाइसे कम कैना, लागु पदार्थ दुव्र्यसनीके रोकथाम तथा उपचार एवं पुनस्र्थापनाके लक्ष्य धारल बा ।
