थारु भाषा संस्कृतिक प्रगति प्रयास ओ चुनौतीमे प्यानल बाटचित

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २५ चैत । कैलालीके धनगढीमे एक बरस आघे सुरु हुइल बाटचित घरमे शनिच्चरके रोज संविधानसभा सदस्य तथा पूर्व मन्त्री डा. गोपाल दहित ओ थारु आयोगके माननीय सदस्य शान्ती मोदीसे थारु भाषा संस्कृतिके प्रगती प्रयास ओ चुनौतीमे प्यानल बाटचित हुइल बा ।
बाटचित घरके एक बरष पुगलक उत्सवमे उहाँ दुनु जाहनसे इन्दु चौधरी ‘थारु भाषा संस्कृतिक प्रगती प्रयास ओ चुनौतीमे प्यानल बाटचित’ करल रही । डा. गोपाल दहित थारु समुदायके भाषा कला संस्कृति लोप ह्ुइटी गैलक बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘भाषा कला संस्कृति थारु समुदायके पहिचान हो । तर यी अब्बे लोप हुइटी बा यिहीहे बचैना थारु समुदायके जिम्मेवारी हो ।’ ग्रामीण गाउँ ठाउँमे बैठना विपन्न गरिब परिवार थारु भाषा कला, संस्कृति संरक्षण करल तर शहर बजारमे बैठना शिक्षित ओ सम्पन्न थारु परिवार अपन भाषासे ढेर गैरथारु भाषा प्रयोग कैना, अपन लर्कनसे नेपालीमे बोल्न करल डा. गोपाल दहित बटैलै ।
थारु समुदायके माघ अब्बे राष्ट्रिय अन्तर्राष्ट्रियकरण हुसेकल कहटी उहीसे कला, संस्कृति, थारु पहिरन ओ खानाके प्रवद्र्धनमे टेवा पुग्लक उहाँ बटैलै ।
थारु समुदायमे लउण्डाके तुल्नामे लउण्डीनके पह्राई ओ लोकसेवामे प्रवेश करल, बालविवाह बह्रल, राजनितिक चेतना बह्रल बाट बटैलै । समु्दायमे छोटिमसे लिभिङ टुगेदरमे बैठना गलत प्रवृतिके विकास हुइल बटैलै ।
कार्यक्रममे थारु आयोगके माननीय सदस्य शान्ती मोदी आयोगसे भाषा कला, संस्कृतिक दस्तावेजीकरण कैना प्रयास कैटी रहल बटैली । पुवैया थारु समुदायक तुल्ना पश्चिम थारुहुँक्रे भाषा कला, संस्कृति संरक्षणमे आघ रहल उहाँ बटैली । नेपालमे धर्म निरपेक्ष हुइलपाछे थारु समुदाय अपन संस्कृतिहे विस्राके धर्म परिवर्तन करलपाछे संस्कृति लोप हुई लागल माननीय सदस्य मोदी बटैली ।
बाटचित घरक एक बरष पुगलक उत्सव कार्यक्रमके उदघाटन आठ मन्दरीयनसे थारु समुदामे बजाजैन टमान नाँचके मन्द्रक खोट बजाके उदघाटन करल रहे । उदघाटनके सुरुमे ट्रासनके खोट, सखियक पैयाक पाँच खोट, झुम्रा, हुरडुङवा, मघौटा, कठघोरी नाँच, विरहग्या÷विरहन, माँगर, धमारक मन्द्रक खोट बजाके उदघाटन हुइल रहे । ओस्टेक भाषा कला, संस्कृति लगायत टमान क्षेत्रम योगदान करुइयाहुकन सम्मान कार्यक्रम, टमान थारु संस्कृतिक, ओ थारु साहित्य बाचन कैगिल रहे ।
कार्यक्रम बातचित घरके बरघर ठाकुर प्रसाद करिया प्रधानके घर गोस्यामे हुइल रहे । उहे कार्यक्रममे बातचित घरसे प्रकाशित कैसिगल थारु भाषक भितापात्रोफे विमोचनफे कैगिल बा ।
