थारु टरतिहुवारमे एकरुपता ल्यानी

थारु समुदाय भाषा कला, संस्कृति ओ परम्पराके धनी समुदाय हो । थारु समुदायके पुर्खाहुक्रे अपन मनोरन्जनके लाग बाह्रै महिनामे गैना गित, चाड पर्व, भोजकाजके परम्परा नन्लै । पुर्खानसे सृजना करल पौराणिक गीतबाँस, कला, संस्कृति, भाषा, टर टिहुवार अब्बे विस्तारे लोप हुइटी गैल बा । बहुट जैसिन टरटिहुवारमे अपने मौलिकता हेराई लागल बा । टरटिहुवार केल नाही । भाषा, गितबाँसमे मौलिकता नइहो । आधुनिकीकरण हुई बेला हमार खास पहिचानफे गुम्ना अवस्थामे बा । प्रत्येक टरटिहुवारमे परिमार्जित हुइल अवस्था बा । नइमजा पक्षहे परिमार्जित कैना मजा बाट हो मने आवश्यकतासे ढेर परिमार्जित हुईबेर परम्परागत मौलिकताफे हेरावाई नइपरल, उहीहे विस्राई नइपरल ।
समाज परिवर्तन हुइटी गैल बेला थारु समुदायके बहुट जैसिन दैनिक बेल्सना चिज लोप हुइल बा । पहिले थारु समुदाय ढेकीमे कुटल धानक भात खाइट उ लोप हुइल बा । कोल्हमे पेरल तेल खाइट उ लोप हुइल बा । ढेकीमे कुटल धान भात खैलेसे स्वास्थ्यके लाग बहुट मजा हो । पहिले थारु समुदायसे अपनही हरसे जोटके खेतीपाती करिट । ओकरलाग भैसगोरु पाल जाए । जोटना, मालि डैना करजाए उ स्वास्थ्यके लाग बहुट मजा हो । पहिले पहिले थारु समुदायमे प्रेसरके विमारी कबु नइसुनमिले । अब्बे मोटापन, सुगर, प्रेसरके विमारी बह्रल सुनजाइठ । परम्परागत खेतीपाती कैना प्रणालीफे हेराइल बा । रातिसे माली डैना, हर जोटना, ढेकी कुटना करलपाछे उहीसे मर्निङ वाक होए । मालि डाँयबेर बेररी बनाजाए उ लोप हुइल बा । बाँस ओ पटियक छटरी हेरागिल बा ।
थारु समुदायमे मनाजैना गुरही टिहुवार लोप टे नइहुइल मने एकरुपताके कमी डेखल बा । गाउँघर मनैना गुरही राष्ट्रियकरण हुइल बा । माघ महोत्सवके जस्टे यिहीहे अन्तर्राष्ट्रियकरण कैना जरुरी बा । कैलाली कञ्चनपुरके साथे पश्चिम थारु समुदायसे मनैना गुरही टिहुवा अभिन आघे पाछे मनैना करल डेखगिल बा । उ टिहुवार नागपञ्चमीके दिन मनाई पर्ना हो तर कैलालीके टमान ठाउँमे आघे मनाइल भेटजैटी बा । ओस्टेक करके अटँवारी पर्व मनैनामे कौनो कौनो बाट नइमिलल हो । कलेसे रानाथारु समुदायसे मनैना तिजमे ओइनके एकरुपता नइडेखल हो ।
थारु समुदायमे भजहर दुई चो मनैना करठै एक चो डेवारी पाछे ओ दुसर होलीपाछे ओम्ने एकरुपता डेखल नइहो । टिहुवार उहे हो, विधि प्रक्रिया पुजा उहे हो, मने आघे पाछे मनैना करल विल्गाइल बा । जिहीहे उ टिहुवार कब पर्ना कना प्रश्न खडा हुइल बा । एक्के दिन मनैलेसे सरकारहे संस्कृति संरक्षण प्रवद्र्धनके लाग दबाव डेहे सेक्ना रहे । मने समुदाय समुदाय विच अक्के टिहुवार फरक फरक दिन मनाइबेर एकरुपता नइविल्गाइल हो । थारु समुदाय कला, संस्कृति, भाषाके धनी समुदाय हो । टबमारे विधि प्रक्रिया, अक्के टिहुवार हो कलेसे मनैना समयमे एकरुपता नानेपर्ना जरुरी बा ।
