निसर्गमे थाइरोइडके शल्यक्रिया सफल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ९ जेठ । सुदूरपश्चिममे पहिल चो धनगढीके निसर्ग हस्पिटलमे थाइरोइडके सफल शल्यक्रिया हुइल बा ।
नाक, कान तथा घाँटी रोग विशेषज्ञ डा. सुमन थापा, फिजिसियन डा. हितेश जोशी, एनेसथेसियोलोजिष्ट डा. हेमन्त ओझा ओ डा.सुशील भट्टलगायतके टोलीसे सुदूरपश्चिममे पहिल चो सफल शल्यक्रिया करल हुइट ।
यी आघे थाइरोइडके विरामी महँगा पैसा तिरके सुदूरपश्चिम बाहेर तथा भारतके टमान शहर जैना बाध्य रहिट । प्रायःबिरामी भर औषधि सेवन करके रोकथामके उपाय अपनैना करलेसेफे निसर्ग हस्पिटलके विशेषज्ञसहितके चिकित्सक टोलीसे थाइरोइडके शल्यक्रिया सफल रुपमे करलपानछे विरामीमे खुसी सञ्चार छाइल बा ।
‘थाइरोइडके सुरुवाती चरणसे २ वर्षके अवधिसम्म नियमित औषधि सेवनसे थाइराइड ग्रन्थी नियन्त्रण हुइठ, फिजिसियन डा. हितेश जोशी कहलै ‘यदि औषधि सेवनसे नियन्त्रण हुई नइसेकलमे शल्यक्रिया अन्तिम उपाय हो । अभिनसम सुदूरपश्चिमममे थाइरोइड रोगके शल्यक्रिया कौनोफे अस्पतालमे हुई नइसेकल बटैटी उहाँ कहलै, ‘हमार विशेषज्ञसहितके टोली भर पहिल चो सफल शल्यक्रिया निसर्ग हस्पिटलमे करले बा । शल्यक्रियाके लाग चाहना आवश्यक अत्याधुनिक उपकरणसे सहज हुइल उहाँ बटैठै ।
सुदूरपश्चिममे थाइरोइडके बिरामी अत्याधिक बटै । डाक्टरके नियमित परामर्शमे विरामीहुक्रे औषधि सेवन करके थाइरोइडहे नियन्त्रण करटी रहल बटै ।
शरीरके मेटाबोलिजम अर्थात् खानाहे शक्तिमे परिणत कैना प्रक्रिया नियन्त्रण कैना थाइराइड हर्मोन आवश्यक परठ । थाइराइड रोग नइहो । यी हमार घाँटीमे रना ग्रन्थी हो । यी टी ३ ओ टी ४ नामक हर्माेन बनाइठ । यी हर्मोनसे शरीरहे चहना तत्व टमान अंग, कोशिकामे पुगैना सहयोग करठ ओ शरीरसे तागत प्राप्त करठ । मेटाबोलिजम फोक्सा, हड्डी, छाला, मुटुलगायत शरीरके सक्कु अंगहे चाहना बाट हो ।
थाइरोइड का हो ?
थाइराइड ग्रन्थीमे समस्या हुइल कलेसे थाइराइडके समस्या रहल मानजाइठ । हर्मोन ढेर हुइनाहे हाइपर थाइराइडिज्म ओ हर्मोन कमहुनुहे हाइपो थाइराडिज्म कहठै । थाइराइड ग्रन्थीसे मजासे काम करले बा की नइहो कहिके पत्ता पैना थाइराइड फङसन टेस्ट करे परठ । ओम्ने थाइराइड स्टीमुलेटिङ हर्मोन (टीएसएच) जाँच हुइठ । यम्नेसे हर्मोन कम बा की ढेर बा कना पत्ता हुइठ । टीएसएच एकदम घट्े लागल कलेसे हर्मोन ढेर बा कना बुझजाइठ ।
टीएसएचसे थाइराइड हर्माेन ओ थाइराइड ग्रन्थीहे नियन्त्रण कैना काम करठ । यी टेस्ट करलपाछे शरीरमे थाइराइडसे मजासे काम करले बा की नइहो कना पत्ता हुइठ ।
काहे हुइठ थाइराइड ?
हर्मोनके कमीसे हाइपोथाइरिटिजम विल्गैना समस्या ढेर रहठ । ३०–४० वर्षआघे आयोडिनके कमीसे हर्मोन कमी हुए । मने,अब्बे थाइराइड अटो इम्युनके कारणसे हुइठ । प्रतिरोधी प्रणाली (इम्युन सिस्टम) से भिटरसे थाइराइड ग्रन्थी भत्काइठ । लिथियमनामक औषधिसे हर्मोन कम हुई सेकठ । हर्मोन ढेरके समस्यामे झोल आयोडिन डेजाइठ ।
लक्षण
हर्मोन कम ओ ढेर हुके लक्षण अलग–अलग रहठ । कमहुकेः शरीर गलल महसुस हुइना, शरीर सुवैना, भुटला झर्ना, निन्द नइलग्ना वा ढेर लग्ना, छाला फुस्सर हुइना, महिनावारी गडबड हुइना करठ ।
ढेर हुईबेरः तौल घटटी जैना, शरीर तातुल हु्इना, निन्द नइलग्ना, मुटुके धड्कन बह्रल जैसिन हुइना, हात–गोर काँप्न करठ, चिडचिड पसिना अइना, ढेर रिस उठ्ना करठ ।
थाइराइडके समस्या पुरुषसे ढेर महिलामे विल्गाइठ काहेकी अटोइम्युन समस्या पुरुषसे महिलामे ढेर हुइठ ।
ओ हर्माेन कमीके समस्या पुरुषसे महिलामे ढेर विल्गाइठ । थाइराइड जौनफे उमेरके व्यक्तिहेफे हुइना समस्या हो । हर्मोन ढेरके समस्या २० से ४० वर्षके उमेरमे ढेर विल्गाइठ । हर्मोनके कमी जौनफे उमेरमे विल्गैना हुइलेसेफे ३०–४० वर्ष कटलपाछे ढेर विल्गाइठ ।
