थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ सम्पादकीय ’

मुक्तकमैया पुनर्स्थापनामे चासो डेउ

पहुरा | ३० जेष्ठ २०८१, बुधबार
मुक्तकमैया पुनर्स्थापनामे चासो डेउ

२०५७ साल सावन ४ गते कमैया मुक्ती घोषणा कैगिल रहे । अब्बे २४ बरस विटल बा । मने सुदूरपश्चिम प्रदेशमे अभिनसम १ हजार ८२ जाने मुक्तकमैयाहुक्रे परिचय पाके पुनर्स्थापनासे बञ्चित रहल बटै । कैलाली जिल्लामे ९ हजार ७६२ मु्क्तकमैया रहलमे ८ हजार ९७५ जनहनहे परिचयपत्र देहलमे मने जग्गा पाइल मुक्तकमैयाभर ८ हजार २२ जाने केल रहल कञ्चनपुरमे ४ हजार ५०६ जाने मुक्तकमैया रहलमे ४ हजार ४१८ जनहनहे परिचयपत्र डेहल बा, ओम्नेसे जग्गा पाइल मुक्तकमैया ४ हजार २८९ केल रहल बटै ।

चार सय ६३ मुक्तकमैयाहे आकाशे कित्ताके लागल पुर्जा डेहल बा । ओइने अपन जग्गा कहाँ बा कना पत्ता नइहुइन । सशस्त्र द्वन्दकालमे सूचना प्रकाशन करेबेर ढेर मुक्तकमैया सूचनासे बञ्चित हुईबेर सरकारके सम्पर्कमे नइआइबेर १७३ जनहनके मुक्तकमैयनहे तथ्याङकसे हटागिल । सरकारके तथ्याकके कैलालीमे ९५३ ओ कञ्चनपुरमे १२९ जाने पुस्र्थापना बाँकी रहल बटै । सबसे ढेर बर्दियामे १२ सय ४५ जाने मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे वञ्चित बटै । दाङमे ४८ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी रहल बटै । पुनस्र्थापनाके नाउँमे जग्गा नैरहल ठाउँक लालपुर्जा, व्यक्तिके नम्बरी जग्गाके लालपुर्जा, लडिया, खोला रहल ठाउँमे टमान मुक्तकमैयाहुकन जग्गा डेगिल बा । ओसिन समस्या सट्टा भर्ना कैना संख्या ६ सय ६१ रहल बा । परिचयपत्रसे वञ्चित १ हजार ७८ जाने करके कुल २ हजार ३ सय ७५ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी बटै ।

बनुववाके आगी लागेबेर मुक्तकमैयाके घर जरे पर्ना, लडियामे बाढ आइबेर मुक्तकमैयाके बस्ती डुबान कटान,पटान हु्ई पर्ना यी कैसिन बाध्यता हो । संघीयता लागु हुइलपाछे पुनस्र्थापनाके सक्कु काम ठप्प हुइल बा । आखिर पुनस्र्थापनाके जिम्मेवारी केकर हो टे काहे पन्छना काम हुइटी रहल बा । आब तीन तहके सरकारहे सोचे पर्ना जरुरी रहल बा ।

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