नियन्त्रणमे नरभक्षी बघ्वा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १८ सावन । शुक्लाफाँटा राष्ट्रिय निकुञ्जके मध्यवर्ती क्षेत्रमे बिफेक रोज एक युवतीहे आक्रमण कैके मारल नरभक्षी बघ्वाहे नियन्त्रणमे लेहल बा ।
शुक्लाफाँटा ओ बर्दिया राष्ट्रिय निकुञ्जसे खटल प्राविधिक टोली शुकके सकारे बघ्वाहे बेहोस बनाके नियन्त्रणमे लेहल हो । बघ्वा दोधारा चाँदनी नगरपालिका–२ मे २३ वर्षीया हीरा शाहहे आक्रमण कैके उहे उहे ठाउँके गन्नक खेट्वामे घुम्टी रहे । बघ्वाहे गन्नाके खेट्वासे नियन्त्रणमे लेहल निकुञ्जके सूचना अधिकारी मनोज ऐर जानकारी डेलै ।
बघ्वाहे बिफेक रोज दिनभर नियन्त्रणमे लेना प्रयास असफल हुइल रहे । शुकके सकारे बघ्वाहे बेहोस बनाके नियन्त्रणमे लेना सफल हुइल निकुञ्जके सूचना अधिकारी मनोज ऐर बटैलै ।
शुक्लाफाँटामे पाटेबाघ बह्रलै, व्यवस्थापनमे चुनौती
शुक्लाफाँटा राष्ट्रिय निकुञ्जमे पाटेबाघके संख्यामे बढोत्तरी हुइलसँगे व्यवस्थापनमे चुनौती थपल बा ।
क्षेत्रफलके हिसाबसे छोट रहल इ निकुञ्जमे बाघनके संख्या ३६ पुगलसँगे व्यवस्थापनमे चुनौती थपल हो । बिफेक रोज बघ्वा निकुञ्जके मध्यवर्ती क्षेत्रमे पर्ना दोधारा चाँदनी नगरपालिका–२ के २३ वर्षीया हीरा शाहके ज्यान लेहलपाछे स्थानीय त्रसित बाटै । यद्यपि, महिलाके ज्यान लेहुइया बघ्वा निकुञ्ज वा भारतसे दोधारा चाँदनी पुगल हो कना यकिन हुइल नैहो । बघ्वाहे निकुञ्जसे नियन्त्रणमे लेसेकल बा ।
सन २०२२ के राष्ट्रिय बाघ गणनाके तथ्यांक अनुसार शुक्लाफाँटामे बाघ दोब्बर वृद्धि होके संख्या ३६ पुगल बा । उहीसे आघे सन २०१८ के गणनामे यहाँ १६ ठो बाघ अभिलेख हुइल रहिट ।
निकुञ्जके घाँसे मैदान ओ चौधर लडियाके किनारमे बाघनके घनत्व ढेर डेखल निकुञ्ज कार्यालय जानकारी डेले बा । “बाघनके घनत्व ढेर रहल क्षेत्र निकुञ्जके बिच क्षेत्रमे परठ्”, निकुञ्जके सूचना अधिकारी मनोज ऐर कहलै,“संख्या बह्रलेसे फेन हमार यहाँ मानव ओ बाघनबिचके द्वन्द्वके घटना औरे ठाउँके जस्टे भयावह नैहो ।”
निकुञ्जभित्रे बाघनके आहारा प्रजाति ढेर रहल कारण बाघ निकुञ्जसे बाहर निक्रना सम्भावना कम रहल उहाँ बटैलै । सन् २०२२ मे करल राष्ट्रिय बाघ गणनाके तथ्यांक अनुसार शुक्लाफाँटा राष्ट्रिय निकुञ्जमे पाटेबाघके आहारा प्रजातिके घनत्व प्रति वर्ग किलोमिटरमे १४६.२ रहल बा । जौन नेपालमे पाटेबाघ पैना तराईके निकुञ्जमध्ये सबसे ढेर हो । पाटेबाघके आहारा चित्तल हुइट ।
सङ्ख्या बह्रलसँगे चुनौती थपल ओरसे बाघ संरक्षण ओ व्यवस्थापनके लाग निकुञ्जसे पञ्चवर्षीय रणनीति अनुसार काम कैना तयारी करटी रहल जनैले बा । जौन अन्तर्गत निकुञ्ज ओ मध्यवर्ती क्षेत्रमे काम हुइना जनाइल बा । बाघनके सङ्ख्या बह्रल ओरसे संरक्षण ओ व्यवस्थापनके कार्यक्रम उहे अनुसार आघे बह्रैना आवश्यक रहल ऐर बटैलै ।
