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जनसंख्याके आधारमे थारु तथा रानाथारु समुदायसे १८ प्रतिशत समावेशी कोटा सुनिश्चिताके माग

पहुरा | ३२ श्रावण २०८१, शुक्रबार
जनसंख्याके आधारमे थारु तथा रानाथारु समुदायसे १८ प्रतिशत समावेशी कोटा सुनिश्चिताके माग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३२ सावन ।
थारु तथा रानाथारु समुदायसे जनसंख्याके आधारमे १८ प्रतिशत कोटा छुटयाई पर्ना माग कैटी शुकके रोज सुदुरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाहहे ज्ञापनपत्र बुझैले बटै ।

सुदुरपश्चिम प्रदेश सरकारसे प्रदेश निजामती सेवा, २०७९ हे संशोधन कैना बनल विधेयकमे जनसंख्याके आधारमे कोटा निर्धारण करेपर्ना माग राखल नेपाल रानाथारु समाजके केन्द्रीय उपाध्यक्ष कमलसिंह राना बटैलै ।

थारु तथा रानाथारु क्लस्टरके जनसंख्या (१७.८२ प्रतिशतके आधारमे विधेयकमे न्युनतम १८ प्रतिशत समावेशी सुनिश्चिता कैटी ऐन बनाई पर्ना, महिलाके आरक्षण ३३ प्रतिशतमे थारु तथा रानाथारु महिलाके १८ प्रतिशत समावेशी सुनिश्चित करे पर्ना ओ ऐनमे रहल स्थानीय पालिकाहे पदपूर्तिके क्लस्टर मानलमे प्रदेशहे क्लस्टर माने पर्ना माग सहित तीन बुँदे ज्ञापनपत्र मुख्यमन्त्री, विद्यायन समितिहे बुझाइल उपाध्यक्ष राना जानकारी डेलै । यी आघे उ ऐनमे थारु तथा रानाथारु कलष्टरमे १३ प्रतिशत केल उल्लेख करके अन्याय करल कहटी जनसंख्याके आधारमे निर्धारण हुई पर्ना माग करल हो ।

मुख्यमन्त्रीसहित, सभामुख भीम बहादुर भण्डारी, विधायन तथा आन्तरिक मामिला समिति सभापति दिवानसिंह बिष्टहे प्रदेश सरकारके पूर्वमन्त्री रामेश्वर चौधरी, घनश्याम चौधरी, राज्यमन्त्री इन्दिरा गिरी, संविधान सभा सदस्य कृपाराम राना, पूर्वसांसद नेपालु चौधरी, थरुहट थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा कैलाली संयोजक माधव थारु, नेपाल रानाथारु समाजके केन्द्रीय उपाध्यक्ष कमलसिंह राना, ओम प्रकाश राना, महासचिव भक्तराज राना, रानाथारु उत्थान मञ्चके अध्यक्ष धोकेराज राना, धनगढी–७ के निबर्तमान वडा अध्यक्ष सीताराम राना, थारु कल्याणकारिणी सभाके पूर्व केन्द्रीय पार्सद बसन्ती चौधरी, राजकुमारी चौधरी, नेपाल रानाथारु समाज कञ्चनपुरके जिल्ला अध्यक्ष प्रेमवती राना, उपाध्यक्ष मनोहर राना, द्रोपती राना, नन्दलाल राना, लालबहादुर रानालगायत अधिकारवादी संघ संगठनके प्रतिनिधिहुक्रे संयुक्त रूपमे ज्ञापनपत्र बुझैले रहिट ।

ज्ञापनपत्र बुझटी मुख्यमन्त्री शाह राष्ट्रिय तथ्यांक विभागसे तथ्यांक बुझके समिति बनैटी आघे बह्रना आश्वासन डेहल कमलसिंह राना जनैलै ।

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