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बाध्यकारी श्रम तथा आइएलओ पोटोकल सम्बन्धी अभिमुखीकरण

पहुरा | ७ भाद्र २०८१, शुक्रबार
बाध्यकारी श्रम तथा आइएलओ पोटोकल सम्बन्धी अभिमुखीकरण

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,७ भदौ ।
बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी आइएलओ पोटोकल ओ एकिकृत बाध्यकारी श्रम विद्येयक सम्बन्धी एक दिने दिवसिय अभिमुखीकरण कार्यक्रम विफेक रोज धनगढीमे सम्पन्न हुइल बा ।

राष्ट्रिय हलिया मुक्त समाज महासंघके आयोजना तथा अन्तर्राष्ट्रिय श्रम संगठनके आर्थिक सहयोगमे द व्रिज परियोजना टु अन्र्तगत बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी आइएलओ पोटोकल ओ एकिकृत बाध्यकारी श्रम विद्येयक सम्बन्धी सरोकारवाला निकायविच अभिमुखीकरण कार्यक्रम कैगिल हो ।

राष्ट्रिय हलिया मुक्त समाज महासंघके अध्यक्ष ईश्वर सुनार बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी आइएलओ पोटोकल पि २९ ओ एकिकृत बाध्यकारी श्रम विद्येयक सम्बन्धी सुझाव संकलनके लाग छलफल कैगिल उहाँ बटैलै ।

उहाँ कहलै, ‘बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी कानूनहे संशोधन ओ एकिकरण कैना बनल विद्येयकके डाफ्ट आइल बा ओम्ने बहुट चिज सच्याई पर्ना, ठपे पर्ना अवस्था रहल ओरसे सरोकारवाला निकायसे छलफल कैटी सुझाव संकलन कैगिल बा ।’

कार्यक्रममे आइएलओ के एनपिसी राम चर्मकार आइएलओ महासन्धी १९१९ मे स्थापना हुइल ओ नेपाललगायत १८७ पक्षराष्ट्र यकर सदस्य रहल बटैलै । अन्तर्राष्ट्रिय श्रम मानव व मापदण्ड समावेश हुइल संयन्त्र पोटोकल–६ मे अभिनसम १९१ महासन्धी, ४ ठो सुशासन, १० ठो आधारभूत, १७६ ठो प्राविधिक ओ ६४ आध्यवधिक कैगिल उहाँ बटैलै ।

अध्यावधिक करल उपकरण (कामके क्षेत्रके परिवर्तित ढाँचामे समाधान कैना श्रमिकहुकनके सुरक्षा कैना ओ दिगो उद्यमहुकनके आवश्यकताहे ध्यानमे रख्ना ७८ ठो महासन्धी, ६ ठो प्रोटोकल, ८६ ठो सिफारिस हुइल जानकारी डेलै ।

ओस्टेक उहाँ बाध्यकारी श्रम महान्धी १९३० (नं. २९) सम्बन्धी सन २०१४ के प्रोटोकलके प्रस्तुतीकरण करल रहिट । विश्वमे हाल करिब २ करोड ७६ लाख पुरूष, महिला ओ वालबालिका बेचबिखनमे परल, ऋणके बन्धनमे फसल वा दासत्व जस्टे अवस्थामे काम करटी रहल अनुमान अन्तर्राष्ट्रिय श्रम संगठन (आईएलओ)से करले बा । बाध्यकारी श्रममे रहल २ करोड ७६ लाख मनैन मन्से १ करोड ७३ लाख जाने निजी क्षेत्रमे संलग्न रहिके शोषित हुइल बटै कलेसे ६३ लाख जाने जवरजस्ती व्यावसायिक यौन शोषणमे परल बटै ।

ओस्टेक करके ३९ लाख जाने राज्यसे बाध्यकारी श्रममे लगाइल बा । आजकाल्ह बाध्यकारी श्रमसे प्रत्येक राष्ट्रहे प्रभावित परले बा । ओ यैसिन कार्य अनौपचारिक अर्थ बजारमे लगायत कौनोफे उद्योगमे रहल हुई सेक्ठै । असमान रूपमे महिला तथा बालिका घरेलु कामके साथे व्यावसायिक यौन शोषणके शिकार हुइल बटै । कृषि, मच्छी मर्ना, घरेलु काम, निर्माण, उत्पादन ओ खानी जैसिन क्षेत्रमे समेत बाध्यकारी श्रम ढेर रहल बा । यम्ने बंधुवा श्रमके अवस्थामे रहल, दासत्व जैसिन अवस्थासे गुज्रटी रहल वा वेचबिखनमे परल पुरुष, महिला ओ बालबालिका परठै ।

दिगो विकास लक्ष्यके लक्ष्य नं ८७ से राष्ट्रहे बाध्यकारी श्रम उन्मूलन कैना, आधुनिक दासत्व ओ मानव बेचविखन अन्त्य कैना ओ बाल सैनिकके भर्ती ओ प्रयोग लगायत निकृष्ट मेरके बालश्रम निषेध ओ उन्मूलन कैना तत्काल एवं एवं प्रभावकारी कदम चाल्न ओ सन् २०२५ सममे सक्कु मेरके बालश्रम अन्त्य कैना राष्ट्रहे आह्वान करले बा । उ लक्ष्य नं. ८.७ हासिल कैना हम्रे सक्कु मेरके बाध्यकारी श्रम उन्मूलनके कार्यहे तीव्रता डेना आवश्यक बा ।

अन्तर्राष्ट्रिय श्रम संगठनके बाध्यकारी श्रम महासन्धि, १९३० (नं. २९) से “कौनो सजायके त्रास देखाके तथा कौनो व्यक्तिके इच्छा विपरित निजसे लेना सक्कु काम वा सेवा“हे बाध्यकारी श्रमके रूपमे परिभाषित करले बा । अन्तर्राष्ट्रिय श्रम संगठनसे सन् १९५७ मे बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी दुसरा महासन्धि अर्थात् बाध्यकारी श्रम उन्मूलन महासन्धि, १९५७ (नं. १०५) पारित करल, जौन महासन्धि नं. २९ के पूरक हो ओ दुसरा विश्वयुद्ध पश्चात देखा परल पाँच ठो अनपेक्षित अभ्यासउप्पर केन्द्रित रहल बा । महासन्धि नं. २९ ओ १०५ अन्तर्राष्ट्रिय श्रम संगठनके ११ ठो आधारभूत ओ सक्कुसे उच्च अनुमोदित संयन्त्र (क्रमशः १८१ ओ १७८ अनुमोदन) मध्येमे परठ । नेपालसे २००२ जनवरी ३ मे महासन्धि नं. २९ ओ २००७ अगष्ट ३० मे महासन्धि नं. १०५ अनुमोदन करल रहे ।

कार्यक्रममे राष्ट्रिय म्ुक्त हलिया महासंघ कार्यकारी निर्देशक हरिसिंह बोहरा बाध्यकारी श्रम सम्बन्धी कानूनहे र्सशोधन ओ एकिकरण कैना बनल विद्येयकके ड्राफट छलफलके लाग प्रस्तुत करल रहिट । उ विद्येयकमे ३८ ठो धारा रहल बा ।

सहभागी सरोकारवाला निकायके ओरसे राष्ट्रिय म्ुक्त हलिया महासंघके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनार, मुक्तकमैया महिला विकासके संस्थापक अध्यक्ष कौशिला चौधरी, मुक्तकमैया समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष पशुपति चौधरी, मुक्त कमलरी विकास मञ्चके केन्द्रीय अध्यक्ष हिरा चौधरी, राष्ट्रिय म्ुक्त हलिया महासंघके कार्यक्रम संयोजक चक्र आग्री, निवर्तमान महासचिव मंगल सार्कीलगायतसे प्रस्तावित विद्येयकमे सुझाव डेहल रहिट ।

उ विद्येयकके ड्राफट तयार हुइल ओ छलफलके क्रममे रहल बा । एक दिने छलफल कार्यक्रममे स्वागत मन्तव्य राष्ट्रिय म्ुक्त हलिया महासंघके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनार स्वागत मन्तव्य ओ संचालन महासंघके कार्यक्रम संयोजक चक्र आग्री करल रहिट ।

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