वैदेशिक रोजगारीसे लौटल महिलाके लाग पुनःएकीकरण कार्यक्रम ल्यानी

नेपाल सरकारके २०७९ असार २१ गतेक बैठल मन्त्री परिषदके बैठकसे नेपालमे बहुप्रतिक्षित वैदेशिक रोजगारीसे लौटल व्यक्तिके लाग पुनःएकीकरण कार्यक्रम (सञ्चालन तथा व्यवस्थापन) निर्देशिका, २०७९ जारी करले बा । मने यी निर्देशिका वैदेशिक रोजगारीसे लौटल महिलाके लाग बेल पाक्के कौवाहे हर्ष न विस्मात सावित हुइल बा । नौ पानाके निर्देशिकामे कहु कटै फे महिला कना एक शव्दफे अटाइल नैहो । श्रम, रोजगार तथा सामाजिक सुरक्षा मन्त्रालयके अनुसार आर्थिक वर्ष ०७८/७९ मे ३३ हजार ६२ नेपाली महिला वैदेशिक रोजगारीमे जाइक लाग नयाँ श्रम स्वीकृति लेहल रहिट । पछिल्का दशकमे वैदेशिक रोजगारके लाग जैना नेपालीके संख्यामे उल्लेख्य रुपमे वृद्धि हुइल बा । कलेसे वैदेशिक रोजगारमे जैना महिलाके संख्या ७१ प्रतिशतसे बह्रल विल्गाइठ ।
आप्रवासी महिला श्रमिकके सुरक्षाके नाममे नेपाल सरकारसे खाडी मुलुकमे महिला श्रमिकउप्पर लगाइल प्रतिबन्ध ओ संरक्षणवादी दृष्टिकोणसे प्रेरित नीतिगत व्यवस्थासे महिलाहुक्रे अवैधानिक तरिका (अनौपचारिक तवर) से वैदेशिक रोजगारमे जैना विकल्प रोज्न बाध्य हुइल बटै । सन् २०१८ मे नेपालसे विदेश गैल २५ लाख महिला मध्ये ९० प्रतिशत महिला अनौपचारिक तवरसे विदेश गैल रहिट । नेपाल सरकारसे वैदेशिक रोजगारीसे लौटल व्यक्तिके लाग पुनःएकीकरण कार्यक्रम (सञ्चालन तथा व्यवस्थापन) निर्देशिका, २०७९ अनुमोदन करले बा । यकर उद्देश्य ओइनके सामाजिक आर्थिक पुनःएकीकरणमो सहजीकरण कैना ओ सन्तोषजनक जीवनस्तरके प्रत्याभुती कैना रहल बा । मने यी वैदेशिक रोजगारसे लौटल महिलाहुक्रे वा आप्रवासी महिला कामदारके विशेष आवश्यकताहे पहिचान कैना, स्वीकार कैना वा सम्बोधन कैना असफल विल्गाइठ । वैदेशिक रोजगारसे लौटल महिलाके लाग स्थानीय तहसे बनाई पर्ना नीति नैहुके ओइनके चुनौतिहे प्रभावकारी रुपमे सम्बोधन कैनामे अवरोध सृजना करठ ।
महिलाके गतिशीलताके अधिकारहे महिलाके यौनिकतासंग जोरके हेर्ना सामाजिक परम्परा/मनोवृत्ति ओ पितृसत्तात्मक सोचके कारण महिला अपने समुदायमे लौटसेकलपाछेफे घृणा ओ हेलाके पात्र हुइना करल बटै । पैसा कमैना विदेश गैल ओरसे असल गोसिनीय वा हुई नैसेकल, घर बिगारल वा समाजके मूल्य मान्यता विपरित जाके समाज भाँरे खोजल कहिके टमान लाञ्छना ओ हिंसाके समेत सिकार हुई परल बा । वैदेशिक रोजगारीसे लौटल एक पुरुषहे समाजमे फेर अन्तर्घुलन हुइना सहज बा महिलाहे उहीसे कैयौँ गुणा गाह«ो बा । यी बाटके हेक्का नैराखल ओरसे यी पुनःएकीकरण निर्देशिका समस्याके सही विश्लेषण कैना चुकल बा । समस्याके सही विश्लेषण नैहुके करल योजना तथा कार्यक्रमसे सफलता पैना बाट असम्भवप्राय बा ।
वैदेशिक रोजगारीसे लौटल महिलाके हकमे विदेशमे कमाइल रकमके भारी हिस्सा घर खर्च, लर्कनके पढाइ, परिवारके स्वास्थ्यउपचार वा घर व्यवहारमे खर्च हुइठ । ओइने सिखल सीप, ज्ञान ओ अनुभवके आधारमे स्वउद्यम सञ्चालन करे खोजेबेर आवश्यक सहयोगी सयंन्त्रके अभाव बा । उद्यम सञ्चालन कैना आवश्यक विउँ पूँजी वा ऋण सहुलियत वा बिना धितो पैना व्यवस्था हुई नसेकल हो । ऋण लेना महिलाके नाउँमे सम्पत्ति नैहो । बचत कैना ओ कमाइके सही सदुपयोग कैना क्षमता महिलामे रह रहटीफे प्रोत्साहन कैना ओ सहयोगी संयन्त्रके अभावमे ओइने परिवार, समुदाय ओ राष्ट्रहे अपन सीप, ज्ञान ओ अनुभवके सही सदुपयोग करके समृद्धिओर लैजैनासे वञ्चित बटै । वैदेशिक रोजगारसे लौटल महिला राज्यसे प्राप्त हुई पर्ना सामाजिक आर्थिक पुर्नएकीकरणके कार्यक्रमके पहुचसे बञ्चित बटै । ओइनके सीपके उचित मुल्याकंन नैहुके बेरोजगार बैठे परल बा । समाज ओ परिवारसे ओइनहे हेर्ना दृष्टि कोण विभेदकारी बा । कतिपयहे परिवार ओ समाजसे जबरजस्ती पाखा लगाइल बा ।
