मानवअअधिकार रक्षक सम्बन्धी ऐनके मस्यौदाबारे छलफल

समयसापेक्ष कानून बनैना कानूनमन्त्री सार्कीसे प्रतिवद्धता
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १८ कुँवार । सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार मानव अधिकार रक्षकहुनकके हक अधिकारसहितके समयसापेक्ष कानून बनैनामे सकारात्मक रहल आन्तरिक मामिला तथा कानूनमन्त्री हिरासिंह सार्की बटैले बटैं ।
अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयसे शुकके रोज धनगढीमे आयोजना करल सुदूरपश्चिम प्रदेशमे मानव अधिकारके अवस्था तथा मानव अधिकार रक्षकसम्बन्धी मस्यौदा कानूनके बारेमे प्रदेश सभा सदस्य तथा मानव अधिकार रक्षकहुकनबीच हुइल अन्तरक्रिया कार्यक्रममे कानूनमन्त्री सार्की मानव अधिकार रक्षकसम्बन्धी मस्यौदा कानूनहे पास कैके प्रभावकारी रूपमे कार्यान्वयन करना फेन प्रतिवद्धता व्यक्त करले रहैं ।
उहाँ मानवअधिकार रक्षकसम्बन्धी मस्यौदा कानूनहे मजासे अध्ययन ओ छलफल कैके विधेयकके रुपमे संसदमे लैजैना बटैलैं । उहाँ कलैं, ‘मस्यौदाके अध्ययन कैके सुधार करेपर्ना विषयबस्तुहे सुधार करना ओ थप करेपरना विषय हेरके थप कैके कानून बनाइक परी ।’
प्रदेशमे रहल जातीय छुवाछुत, अपांगतालगायतके कानून फेन प्रभावकारी कार्यान्वयन करे परना बटैटी लावा कानून बनाके फेन काम आघे बह्रैना उहाँक कहाइ रहे ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश सभा सदस्य धर्मराज पाठक मानवअधिकार रक्षकसम्बन्धी कानून बनाके किल नही कानूनहे प्रभावकारी ढंससे कार्यान्वयन कराइ परना बटैले । उहाँ कहलै, ‘कौनो फेन कानून बनाइबेर सरोकारवालाहुनहे सहभागी कराके बनैलेसे उ कानून सार्थकता पाई सेकठ । लौवा बनाजैना कानूनहे बारम्बार संशोधन कैनासे मजा सरोकार निकाय विच गहन छलफल करके बनैलेसे मजा रहठ ।’
उहाँ प्रदेशके लगानी निर्माण हुइना भारी संरचनाके लिष्टिंग करे परना ओ आवश्यकताके आधारमे उहीके आघे बहैना जरुरी रहल बटैलैं । आपन गैससके क्षेत्रओर ढेर अनुभव रहल सुनैटि गैसससम्बन्धी ऐन कानून बनाई पर्ना रलेसे अपनहे जिम्मेवारी डेलेसे ओकर भूमिका निर्वाह करना अप्ने तयार रहल उहाँ उहीहे समयमे निर्माण कैना प्रतिवद्धताफे व्यक्त करलैं ।
प्रदेश सभा सदस्य रक्षा महरा मानव अधिकारके अवस्था तथा मानव अधिकार रक्षकसम्बन्धी ऐनके मस्यौदा प्रदेश सरकारके सदनमे दर्ता हुइल मने सदनमे छलफल नैहुइ सेकल बटैलि । दर्ता प्रक्रियामे किल गैल ओरसे यिहिहे सदनमे हलि पेश कैके पास कैना आवश्यक रहल जनैली ।
उहाँ कहली, ‘जनता डगरघाटके माग करठैं, मानव अधिकारकर्मी जनताके सरोकार सम्बन्धी ऐन बनैना माग करठैं ।
अस्टेक, प्रदेश सभा सदस्य सन्तोषकुमारी शर्मा अभिनसम बहुत ऐन कानून बनल मने कार्यविधि नैबन्के कार्यान्वयन हुइ नैसेकल बटैली । अप्ने प्रदेश सार्वजनिक लेखा समिति सदस्यसमेत रहल बटैटी आर्थिक वर्ष २०७६÷०७७ सालमे प्रदेश सरकारसे विनियोजित बजेटसे भौतिक संरचना निर्माण सुरु करल मने अभिनसम अधुरा रहल ओ भवन अधुरा रलेसे फेन बजेट भर निकासा होसेकल ओरसे ओरक छानबिन कैटि हाली सार्वजनिक कैना बटैली । मानवअधिकार रक्षकसम्बन्धी ऐन बनाइक लाग सरकार तदारुकताके साथ लागे परना उहाँ कहाइ रहे ।
प्रदेश सभा सदस्य शिवसिंह ओली जनतासँगके जनजीविकासँग जोरल ऐन कानून बनैनामे ढिलाइ हुइल बटैलैं । यी कार्यकालके प्रदेश सभा सदस्यहुक्रे ढेर जैसिन युवा रहल मने बाहेरसे आइल जनगुनासो अनुसार अल्छि बिल्गाइल बाटहे उहाँ स्वीकरले रहैं ।
प्रदेश सरकारसे और प्रदेशके ऐन कानूनहे कपिपेष्ट कैना परिवाटी रहल कहटी उहीहे कार्यान्वयन करेबेर अप्ठ्यारो होके टमान फेरा संशोधन करना अवस्था सिर्जना हुइल उहाँ बटैलैं ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायाधिवक्ता ठेकेन्द्रराज जोशी कारागार प्रदेश कि संघ सरकारमे परना कना द्विविधा रहल ओरसे कैलालीके कारागारके स्तरोन्ती नैकरे सेकल कारण क्षमतासे ढेर कैदी बन्दी ढरेपरना रहल अवस्था रहल बटैलैं ।
अस्टेक, कार्यक्रममे प्रदेश सरकारके पूर्व मुख्य न्यायाधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय मानव अधिकारके अवस्था तथा मानव अधिकार रक्षकसम्बन्धी ऐनके मस्यौदा प्रस्तुतीकरण करल रहिट । उहाँ मानवअधिकार रक्षकहुकनके सुरक्षा ओ अधिकार संरक्षणके लाग कानून निर्माणके अपरिहार्यता रहल बटैले रहैैं । उहाँ मानवअधिकार मानव जीवनके लाग अपरिहार्य, प्राकृतिक, नैसर्गिक ओ अपरिवर्तनीय अधिकार रहल ओरसे मानवअधिकार रक्षकके अधिकार संरक्षण ओ पहिचान आवश्यक रहल बटैलैं ।
उहाँ कलैं, ‘मानव अधिकार रक्षक ओ नागरिक समाजके भूमिकाहे और चाकल ओ स्वीकार्य बनाइक लाग कानूनमे उहाँहुकनके अधिकारके संरक्षण ओ पहिचान आवयश्क बा ।

कार्यक्रममे इन्सेक धनगढी कार्यालयके अधिकृत कृष्णबहादुर विश्वकर्मा सुदूरपश्चिम प्रदेशके मानव अधिकारके वर्तमान स्थितिके बारेमे जानकारी करैले रहैं । उहाँक अनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे सन २०२४ जनवरीसे जुनसम पाँच सय ४८ ठो मानवअधिकार उलंघनके घटना हुइल बा । उ मध्ये महिला अधिकारके सबसे ढेर चार सय ९३ ओ बालबालिकाके अधिकारके ३२ ठो मानवअधिकार उलंघनके घटना हुइल तथ्यांक बा ।
अस्टेक, ११ ठो घाहिल, ७ ठो हत्यालगायतके घटना दर्ता हुइल बा । उहाँ यी बरस संक्रमणकालीन न्याय, मौलिक हक कार्यान्वयनके अवस्था, नेपाल सरकारके अन्तर्राष्ट्रिय प्रतिवद्धता, राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग, थुनामे रहल नागरिकके अधिकार, बाल अधिकार, अपांगता रहल व्यक्तिके अधिकार, जातीय विभेदके अवस्था, जेष्ठ नागरिकके अधिकारके अवस्थालगायतके मानव अधिकारके मुख्य सवाल रहल बटैलैं ।
कार्यक्रममे गैरसरकारी संस्था महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेशके अध्यक्ष देवीलाल खनाल, अधिवक्ता पुष्प विक्रम शाही, गीता चौधरी, पत्रकार अर्जुन शाहलगायत सल्लाह तथा सुझाव डेहल रहिट । डीसीएके सहकार्यमे हुइल कार्यक्रममे इन्सेकके सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खड्कराज जोशी कार्यक्रममे सहजीकरण करल रहिट । कार्यक्रममे प्रदेशसभा सदस्य, मानव अधिकार रक्षक संजालके प्रतिनिधिहुक्रनहे सहभागिता रहे ।