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बाल संरक्षणके सवाल सम्बोधनके लाग एकजुट हुइपर्ना

पहुरा | ११ कार्तिक २०८१, आईतवार
बाल संरक्षणके सवाल सम्बोधनके लाग एकजुट हुइपर्ना

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ११ कात्तिक ।
बाल संरक्षणके सवालहे लेके यहाँके सरोकारवाला निकाय चिन्ता व्यक्त करले बाटै ।

सिविन नेपाल धनगढीके आयोजनामे अँट्वारके धनगढीमे हुइल ‘बालबालिका सम्बन्धी नीति २०८० ओ कार्यान्वयन’ ओ ‘बालअधिकार संरक्षण ओ प्रवद्र्धनमे सरोकारवालाके भूमिका’ विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रमके सहभागिहुक्रे चिन्ता व्यक्त करल हुइट ।

बाल अधिकारके संरक्षणमे आवश्यक नीति तथा कार्यक्रम प्रभावकारी रुपमे कार्यान्वयन नैहोके समाजमे बाल विवाह, छाउपडी, बालयौन दुव्र्यवहार, बेचबिखन, श्रमशोषण, शारीरिक तथा मानसिक समस्या विकराल रुप लेहल कहटी उहाँहुक्रे चिन्ता व्यक्त करल हुइट । कलेसे उ सवालहे सम्बोधनके लाग उहाँहुक्रे बालिका सम्बन्धी योजना तथा कार्यक्रम सक्कु निकायमे एकरुपता हुइ पर्ना फेन औँल्याइले बटै ।

कैलालीके सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण जोशी बाल संरक्षणके समस्या तथा सवालहे लेके चिन्ता व्यक्त करले बटी । यकर साथे उहाँ उ समस्या तथा सवालके सम्बोधनके लाग घरपरिवार, तीनु तहके सरकार ओ सरोकारवाला निकाय जिम्मेवार हुइ पर्नाके साथे बालबालिकाहुक्रनमे लगानी करे पर्ना औँल्याइल रही ।

ओस्टके उहाँ सरकारी तथा गैरसरकारी निकायसे लेके बालबालिकाके क्षेत्रमे काम करुइया सक्कु निकाय एकआपसमे समन्वय सहकार्य कैके आघे पह्रे पर्ना फेन बटैले बटी ।

‘सबसे पहिले टे घरपरिवार आपन बालबच्चनके मजासे हेरचाह करे पर्ना, ओइनके आनीबानीमे सुधार करेपर्ना आवश्यक रहल बा’, उहाँ कहली, ‘बालबालिका मजा हुइले काल्ह जाके हमार देश मजा हुइना हो, हमार भविष्य मजा हुइना हो, हमार परिवार मजा हुइना हो । ओहेमारे सबसे पहिले हम्रे बालबच्चनमे लगानी करे पर्ना आवश्यक रहल बा । यकर लाग तीनु तहके सरकार ओ सरोकारवाला निकाय सक्कु जाने समन्वय सहकार्य कैके एकजुट होके आघे बह्रे पर्ना आवश्यक रहल बा ।’

सहायक प्रमुख जिल्ला अधिकारी जोशी सरकारी निकाय अकेली बालबालिकाहुक्रनके सवालहे सम्बोधन नैकरे सेक्ना फेन बटैले बाटी । उहाँ बालबालिकाहुक्रनके हक अधिकारसे लेके ऐन कानून निर्माणहे प्रभावकारी रुपमे कार्यान्वयके लाग सरकारी तथा गैरसरकारी निकायके साथ सहयोगके फेन खाँचो रहल बटाइल रही ।

उहाँ कहली, ‘हमार सरकारी निकाय किल सक्कु चिजके सम्बोधन करे सेक्ना अवस्था नैहो । हम्रे आभिन फेन अतिकम विकसित राष्ट्रमे परठी, हमारठन श्रोतसाधनके फेन कम रहल बा आहेमारे उ सवालहे सम्बोधनके लाग सरोकारवाला निकायके साथ सहयोगके खाँचो रहल बा ।’

यहोर फाया नेपालके अध्यक्ष गोमा आचार्य समाजमे बह्रटी रहल बालबालिकाके समस्याहे सम्बोधनके लाग सरकार जिम्मेवार बनेपर्ना औँल्याइल रही । उहाँ सरकारके तीनु तह संघ, प्रदेश ओ स्थानीय सरकार सहित महिला तथा बालबालिकाके क्षेत्रमे काम करुइया सक्कु सरकारी तथा गैरसरकारी संघसंस्था एकजुट होके आघे बह्रे पर्ना बटाइल रही ।

उहाँ कहली, ‘समाजमे दिनप्रति दिन बालबालिकाहुक्रनके समस्या बिकराल रुप लेटी रहल बा, इ समस्या पाछे जाके आउर बिकराल रुप लेहे सेकी । यकर समयमे रोकथाम तथा बालबालिकानके हक अधिकारसे लेके ओइनहे सही डगरा डेखाइक लाग सरकारी तथा गैरसरकारी निकाय सरोकारवाला सक्कु निकाय समन्वय सहकार्य कैके आघे बह्रे पर्ना आवश्यक रहल बा ।’

सिएसएसडीके क्रिम चौधरी बालबालिकाहुक्रनके हकअधिकार तथा बालबालिका विरुद्ध हुइना लैङ्गिक हिंसा लगायत विषयबस्तु स्कुलके पाठ्यक्रममे अनिवार्य रुपमे राखे पर्ना औँल्याइल रहिट ।

उहाँ कहलै, ‘खास कैके नेपालके शिक्षा नीतिमे त्रुटी रहल बा, यकर जिम्मेवार सरकार रहल बा । बाल अधिकार, बाल संरक्षणके समस्या ओ सवालहे सम्बोधनके लाग स्कुले पाठ्यक्रममे अनिवार्य रुपमे राखे पर्ना आवश्यक रहल बा ।’

सिविन नेपालके सागर भण्डारी बाल अधिकार सुनिश्चिताके लाग बाल अधिकारके विषयहे मूल प्रवाहीकरण कैनाके साथे बालबालिकाके सम्बन्धी योजना तथा कार्यक्रम सक्कु निकायके एकरुपता हुइ पर्ना जरुरी रहल बटाइल रहिट ।

कार्यक्रममे सिविन नेपालके भगवती श्रेष्ठ, टमान संघसंस्थाके प्रतिनीधि, बाल क्लबके प्रतिनीधि लगायत सरोकारवाला निकायके सहभागिता रहल रहे । कार्यक्रमके सहजीकरण सिविन नेपाल कैलालीके कार्यक्रम अधिकृत हरिलाल चौधरी करले रहिट ।

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