कैलारीमे १० बर्षे कृषि विकास योजना बन्टी
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पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १३ कार्तिक । कैलाली जिल्लाके कैलारी गाउँपालिकामे १० बर्षे कृषि विकास योजना निर्माणके लाग छलफल कैगिल बा ।
जिटुजि कार्यक्रम अन्र्तगत कैलारी गाउँपालिकामे आर्थिक २०८१÷८२ से २०९१÷९२ समके लाग कृषि विकास योजना बने लागल हो । कृषि क्षेत्रके आधुनिकरण एवं व्यवसायीकरण मार्फत उत्पादन ओ उत्पादकत्व वृद्धि करके आत्मनिर्भर,खाद्य तथा पोषण सुरक्षा टेवा पुगैना उद्देश्य लेहल बा ।
उ कार्यक्रमसे स्थानीय संभाव्यताके आधारमे कृषि उत्पादन कृषि उत्पादन विविधकरण करटी मुल्य श्रृखला अभिवृद्धि ओ बजारीकरण सृध्ढ करक थप रोजगारीके अवसर सृजना कैना, रैथान विविधताके संरक्षण एवं दिगो उपयोग कैनाके साथे वातावरणमैत्री प्रविधि तथा अभ्यास अनुसरण करके जलवायु उत्थानशिलता अभिवृद्धि कैना, पालिकाके सक्कु वर्ग, क्षेत्र, लिङ ओ समुदायहे कृषि क्षेत्रके विकासमे न्यायपूर्ण सहभागिता सुनिश्चित कैना, सक्कु सरोकारवाला एंव संस्थागत क्षमता सुधार करके सुशासन हासिल कैनामे टेवा पुगैना उद्देश्य लेहल बा । उ योजनामे कृषि ओ कृषि वन, पशुपक्षी ओ मत्स्य विकासहे प्रथामिकता डेना रहल बा ।
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योजना निर्माणके लाग छलफल कार्यक्रम कैलारी गाउँपालिका अध्यक्षता राजसमझ चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कार्यक्रममे सम्बोधन करटी कैलारी गाउँपालिका बाढ, डुबान, कटानलगागत टमान प्रकोपके उच्च जोखिममे रहल ओ यहाँके किसान मारमे परल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘खुला सिमानाकासे जोरल कारण यहाँके कृषकसे उत्पादन करल बस्तु मोल नैपैना, भारतसे उत्पादन हुइल बस्तुसे प्रतिस्पर्धा करेपर्ना अवस्था रहल बटैलै ।
गाउँपालिका उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरी जिटुजी कार्यक्रम लागु हुइलपाछे पालिकाके सक्कु वर्ग, क्षेत्र, लिङ ओ समुदायहे कृषि क्षेत्रके विकासमे न्याय पूर्ण सहभागिता हुइना अवसर प्रदान हुइना बटैली । उहाँ यी कार्यक्रमहे लागु करेक लाग सक्कु जाने आ आपन ओरसे मजा भूमिका खेल्ना आग्रहफे करली ।
उ कार्यक्रमके प्रतिफल नम्बर १ मे उत्पादन ओ उत्पादकत्वमे वृद्धि हुइना, १.१ नम्बरमे स्रोत केन्द्र स्थापना ओ प्रवद्र्धन रहल जेम्ने सहकारी ओ निजी क्षेत्रके संलग्नतामे प्रमुख खाद्यान्न बालीके उन्नत बीउ उत्पादन श्रोत केन्द्र स्थापना, टिना ओ फलफूलके बीउ÷बेर्ना उत्पादन कैना हाईटेक नर्सरी स्थापना, जडिबुटी ओ वनजन्य विरुवा उत्पादनके लाग नर्सरी स्थापना, वीउ÷बेर्ना उत्पादन कैना समूह÷सहकारीहे कृषि यन्त्र ÷ उपकरण सहयोग, बीउ÷बेर्ना उत्पादक लक्षित कृषक पाठशाला सञ्चालन, निजी फार्म ओ समुदायमे आधारित श्रोत केन्द्र स्थापना (बङ्गुर, छेगरी, भैंसी ओ माछा), छेगरी ओ बङ्गुरके ब्रिडर ओ मल्टिप्लायर हर्ड स्थापना, घाँसेवाली श्रोत केन्द्र स्थापना, डुअल पर्पस कुखुरा ह्याचरी तथा बुडिंग सेन्टर सञ्चालन, श्रोत केन्द्रसे बिक्री हुइल गुणस्तरीय पशुपन्छी, माछाभूरा ओ बिरुवामे आधारित प्रोत्साहन, कृषकहुकनके अन्तर प्रदेश भ्रमण कैना रहल बा ।
१.२ नम्बर प्रतिफलमे उन्नत जातके विस्तार ओ उत्पादकत्व सुधार अन्र्तगत धान, गहुँ, मकै, तरकारी ओ फलफूलके पकेट ओ ब्लक उत्पादन कार्यक्रम, जैविक खेती, माटो परीक्षण तथा बाली संरक्षण शिविर संरक्षण कैजैना बा ।
ओस्टेक कृषि यान्त्रिकरण, बड्गुर, छेगरी, भैंसी ओ माछाके व्यावसायिक उत्पादन पकेट ओ ब्लक विकास, मुक्त कमैया, कम्लहरी, एकल महिला आ युवा लक्षित कृषि, पशुपन्छी तथा मत्स्य विकास, भैंसी, छेगरी ओ बङ्गुरमे कृत्रिम गर्भाधान सेवा, कृत्रिम गर्भाधान सेवा विस्तारके लाग आवश्यक सामग्री व्यवस्थापन, पालिका भिटरके श्रोत केन्द्र ओ नर्सरीसे उत्पादित उन्नत जातके बीउ÷बेना ओ पशुनश्ला पकेट ओ ब्लकमे वितरण, नदी उकास ओ बगरमे खेती प्रवर्द्धन, लिज ओ करारके जग्गामे पशुपन्छी पालन, घाँस खेती ओ कृषि वन प्रवर्द्धन कैजैना बा ।
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१.३ नम्बर प्रतिफलमे आधुनिक प्रविधि विस्तार ओ अनुसरण अन्र्तगत नाकेसे विकसित कृषि बाली उत्पादन प्रविधि विस्तार तालिम, उन्नत प्रविधिके परीक्षण आ प्रदर्शन, नार्क, कृषि ज्ञान केन्द्र, पशुपंक्षी बिज्ञ केन्द्र, प्रदेश स्थित अन्य निकाय ओ कृषकबीच प्रविधि प्रसार अन्तरक्रिया, पशुपन्छी उपचार घुम्ती शिविर, विषय विज्ञ सम्मिलित पशु स्वास्थ्य शिविर, प्रजनन विकृति तथा बाँझोपन निवारणके लाग विशेषज्ञ सहितके डोर टु डोर कार्यक्रम, संक्रामक पशुपन्छी रोग नियन्त्रणके लाग अभियानमुखी खोप सेवा, व्यावसायिक फार्ममे बायोसेक्युरिटी प्रवर्द्धन, संक्रामक पशुपन्छी रोग ओ जुनोटिक सम्बन्धी स्कूल शिक्षा, एण्टिबायोटिक रेजिड्यु ओ रेसिस्टेन्स सम्बन्धी सचेतनानविनतम प्रविधि अनुसरण प्रवर्द्धनके लाग कृषकके अवलोकन भ्रमण कैजैना योजनामे बा ।
१.४ नम्बर प्रतिफलमे उत्पादन सामग्रीके आपूर्ति सुनिश्चितता अन्र्तगत पालिका भिटरके श्रोत केन्द्र ओ नर्सरीसे उत्पादित उन्नत जातके बीउ÷बेर्ना ओ पशुनश्ला पकेट ओ ब्लकमे वितरण, एग्रोभेटके दर्ता, नवीकरण, अनुगमन ओ परिचालन, कृषक समूह, सहकारी ओ निजी प्राविधिकके दर्ता, अभिलेखीकरण ओ परिचालन, सामुदायिक बिड बैंक स्थापना ओ घुम्तीकोषके व्यवस्था, प्राङगारिक मल (भर्मि कम्पोष्टिङ ओ केचनासे मल) उत्पादन, माटी सुधारके लाग कृषि चुन वा जिप्सम सहयोग,छोट स्तरके माटी परिक्षण तथा बाली संरक्षण प्रयोगशाला स्थापना, भ्याक्सिन भण्डारणके लाग रेफ्रिजरेटर, भ्याक्सिनेशन कार्यमे ग्रा.प.स्वा.का. ओ प्राविधिक परिचालन, पशुपालन सहकारी संस्था मार्फत दाना ओ भेटेरिनरी औषधी,आपूर्ति तथा प्राविधिक परिचालन, आन्तरिक ओ बाह्य परजीवी नियन्त्रणके लाग औषधी वितरणः भेटेरिनरी प्रयोगशालाके स्तरोन्नती ओ सुदृढीकरण कैना रहल बा ।
प्रतिफल नम्बर २ के कृषि क्षेत्रके व्यावसायिक रूपान्तरण, २.१ नम्बरमे व्यावसायिक फार्म स्थापना ओ प्रवर्द्धनके आधार तयार कैना, २.२ नम्बरमे नव प्रवर्तन ओ जलवायु उत्थानशिलता पवद्र्धन कैना, २.३ नम्बरमे सहकारी, निजी ओ सामुदायिक क्षेत्र सवलीकरण ओ उपयोग कैना रहल बा ।
प्रतिफल नम्बर ३ क मूल्य श्रृंखला विकास ओ बजारीकरण अन्र्तगत ३.१ नम्बरमे कृषि पूर्वाधार विकास ओ पहुँच विस्तार, ३.२ नम्बरमे बजार लक्षित उत्पादन ओ बजारीकरण, ३.३ नम्बरमे रैथाने जातके संरक्षण, दिगो उपयोग ओ प्रवद्र्धन कैना योजनामे समेटल बा । ओम्ने रैथााने थारू परिकारमे आधारित होमस्टे सञ्चालन, रैथाने पशुपन्छी तथा मत्स्य संरक्षणमे संलग्न कृषकहे प्रोत्साहन, रैथाने जातके संरक्षण ओ विकासमे नार्क सँग समन्वय ओ सहकार्य, रैथाने पशुपन्छी तथा मत्स्यजन्य उत्पादनके प्याकेजिङ्, ओ वाण्डिंग प्रवद्र्ध्धन, रैथाने पशुपन्छी तथा मत्स्यजन्य उत्पादन ओ खाद्य परिकार मेला महोत्सव आयोजना, रैथाने पशुपन्छी तथा मत्स्यजन्य उत्पादन ओ उपभोग प्रवद्र्धनके लाग प्रचार पसार कैजैना बा ।
३.४ नम्बरमे गुणस्तरीय उत्पादन ओ पालिका प्रमाणीकरण ओर आईपिएम कृषक पाठशाला सञ्चालन, असल कृषि अभ्यास सम्बन्धी तालिम सञ्चालन, पालिकाके कृषिजन्य उत्पादन ब्राण्डि, ओ प्रमाणीकरण सहित बेचविखन प्रवर्दन, पशुपन्छी तथा मत्स्य पालनमे असल अभ्यास अवलम्बन सम्बन्धी अभिमुखीकरण, स्वच्छ, स्वस्थ एवम् गुणस्तरीय दूध तथा दुग्धजन्य पदार्थ ओ मासु तथा मासुजन्य पदार्थ उत्पादन कैना बा ।
प्रतिफल ४ नम्बरके सक्षमता अभिवृद्धि ओ सुशासन अन्र्तगत ४.१ नम्बरमे संरचनागत ओ नीतिगत सुधार तथा कृषक वर्गीकरण,४.२ मे सूचना प्रविधिके प्रयोग ओ कार्य सवलीकरण, ४.३ मे क्षमता विकास ओ सशक्तीकरण, ४.४ नम्बर प्राविधिक सेवा टेवा विस्तार ओ सवलीकरण कैजैना १० बर्षे योजनामे समेटल बा ।
उ कार्यक्रममे आर्थिक विकास समितिके संयोजक तथा कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ के वडा अध्यक्ष विष्णु प्रसाद चौधरी अब्बे यूवाहुक्रे रोजगारीके लाग घर छोरके बाहेर जाई पर्ना अवस्था रहल ओर यी कार्यक्रमके गतिविधिसे ढेर जाने फाइदा लेहे सेक्ना अवस्था रहल बटैलै । उहाँ कहलै, योजनामे ढेर चिज समेटल बा । योजनाके लक्ष्य अनुसार यूवाहुक्रे कार्यक्रमके गतिविधिमे संलग्ना हुइलेसे आत्मनिर्भर ओ र्आिर्थक पाटो बल्गर बनाई सेक्जाई ।’
कार्यक्रममे एसआरडीसीके विशेषज्ञ डा. एमपी अर्याल, गणेशराज जोशी १० बर्षे कृषि विकास योजनासे कृषि क्षेत्रके समग्र उन्नती, कैलारीके समृद्धि हुइना बटैलै । कार्यक्रममे पारदर्शि महिला बहुउद्देश्यीय कृषि कृषि सहकारीके व्यवस्थापक कौशि बोहरा, कृषक नाथुराम चौधरी, विन्तीराम चौधरी, सन्जु चौधरीलगायत सुझाव डेहल रहिट ।
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कार्यक्रममे कैलारी गाउँपालिकाके प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत खगेन्द्रराज जोशीलगायत सक्कु वडाके अध्यक्ष, विषयत शाखाके प्रमुख, कृषक समुह लगायतके सहभागिता रहे । कार्यक्रमके संचालन कैलारी गाउँपालिका सामाजिक विकास शाखा प्रमुख यगम कलेल करल रहिट । ओस्टेक यी संयन्त्रहे पालिकास्तरमे गाउँपालिका अध्यक्षके अध्ययक्षतामे २१ सदस्यीय रना करके कार्यान्वयन तथा समन्वय समिति गठन कैगिल बा ।