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यूपिआर चौठा चक्रके प्रतिवेदन तयारीके लाग सुझाव संकलन

पहुरा | २६ कार्तिक २०८१, सोमबार
यूपिआर चौठा चक्रके प्रतिवेदन तयारीके लाग सुझाव संकलन

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २६ कार्तिक ।
विश्व व्यापी आवधिक समीक्षा (यूपिआर) मे चौठा चक्र प्रतिवेदन तयारीके लाग सोम्मारके रोज धनगढीमे सुदूरपश्चिम प्रदेश स्तरीय परामर्श कार्यक्रम कैगिल बा ।

चौठा समिक्षाके लाग सरोकारवाला निकायसे सन २०२५ के जुन महिनामे प्रतिवेदन पठाई पर्ना ओ सरकारसे अक्टोवरमे पठाई पर्ना ओरसे मानव अधिकार तथा सीमान्तकृत समुदायके अधिकारके क्षेत्रमे कार्यरत सरोकारवाला निकाय संघसंस्थाके संयूक्त आयोजनामे प्रतिवेदन तयारीके लाग सवाल ओ सुझाव संकलन कैगिल हो ।

कार्यक्रममे अधिवक्ता सम्झा श्रेष्ठ मानव अधिकारके विश्व व्यापी आवधिक समिक्षा (यूपिआर)बारे प्रस्तुती करल रहिट । यूपिआरके उदेश्य सक्कु राज्यके मानवअधिकार यकर दायित्व ओ प्रतिवद्धता कार्यान्वयनके समीक्षा कैना हो । सक्कु राष्ट्रहे समान व्यवहार, सन्धीजनित निकायहरुको नक्कल नैहुके पूरक बनैना हो ।

यकर सैद्धान्तिक आधारमे संयुक्त राष्ट्रसंघके वडापत्र, मानवअधिकारके विश्वव्यापी घोषणापत्र, पक्षराष्ट्र रहल मानवअधिकार सम्बन्धिी अन्तर्राष्ट्रिय दस्तावेज, स्वेच्छिक प्रतिवद्धता, उच्चस्तरी बैठकमे डेहल मन्तव्य रहठ ।

यूपीआरके प्रकृयामे राज्य ओ अन्य सरोकारवालासे प्रतिवेदन तयारी तथा सुझाव संकलन, यूपीआर कार्यदलमे सम्बन्धित राष्ट्रसंग तीन घण्टा तिस मिनेटके अन्र्तक्रिया रना करठ । कार्यदलसे सम्बन्धित राष्ट्रके समीक्षाबारे निश्कर्ष ओ सुझाव पारित करजाइठ । सम्बन्धित राज्य ओ अन्य सरोकारवालासे सान्दर्भिक अनुगमन ओ कार्यान्वयन करजाइठ .

यूपीआरमे सूचनाके आधारमे तिन ठो मुख्य दस्तावेजमे आधारित रहठ । जेम्ने राज्यसे तयार पारल प्रतिवेदन, संयुक्त राष्ट्रसंघीय मानव अधिकार सम्बन्धी उच्च आयुक्तके कार्यालय (ओएचसीएचआर) के प्रतिवेदन, अन्य सरोकारवाला (राष्टिय मानव अधिकार संस्था, गैसस आदि) से प्रस्तुत विश्वसनीय सूचनामे आधारित हुके ओएचसीएचआरसे तयार पारल प्रतिवेदन रहठ ।
पहिल समिक्षा २५ जनवरी २०११, दुसरा चरणके समीक्षा सन् नोभेम्बर २०१५ ओ टिसरा चरणके समीक्षा सन् २०२१ (र्भचुवल)से हुइल रहे ।

टिसरा चरणके समीक्षाके प्राप्त सुझाव २३३, पूर्णरुपसे स्वीकार करल सिफारिस १९३, कार्यान्वयनमे आइल ३ ओ नोटिसमे लेहल सिफारिस जम्मा ३७ केल रहल बा ।

प्राप्त करल सुझावके संविधान अन्र्तगत मानवअधिकारके संरक्षणसँग अनुकूल हुइना करके नयाँ संविधानके वृहत कार्यान्वयन, शान्ति प्रकृया अन्र्तगत संक्रमणकालिन न्याय, सत्य निरुपण ओ वेपत्ता आयोगहे अन्तर्राष्ट्रिय मापदण्ड बमोजिमके बनैनाके साथे सर्वोच्च अदालतके फैसला बमोजिम थप सवल ओ सक्षम बनैना दण्डहीनताके अवस्था ओ कानूनी राज्य, गैरन्यायीक हत्या, यातना ओ वेपत्ता पर्ना कार्यहे अपराधिकरण कैना लगायत रहल बा ।

मानवअधिकार महासन्धीमे आप्रवासी कामदारके अधिकार संरक्षण सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रिय महासन्धीके अनुमोदन, वेपत्ता पारल नागरिक ओ परिवारके सम्बन्धी महासन्धी अनुमोदन, बालअधिकारके टिसरा ऐच्छिक आलेख, आर्थिक, सामाजिक तथा सास्कृतिक अधिकारके ऐच्छिक आलेख, रोम सन्धीके अनुमोदन, शरणार्थी सम्बन्धी महासन्धीके अनुमोदन ओ तिव्वती शरणार्थीके संरक्षणके सुनिश्चितता रहल बा ।

बालअधिकारमे कानून परिमार्जन, निशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा, निकृष्ट मेरके बालश्रम ओ सक्कु मेरके बालश्रम उन्मूलन कैना लक्ष्ययुक्त योजनाके कार्यान्वयनमे विशेष ध्यान डेना, अनौपचारिक क्षेत्रमे हुइना बालश्रममे बन्देज लगैना, बाल विवाह, अन्य परम्परागत हानिकारक रितिरिवाजमे बन्देज रहल बा ।

मानव बेचविखन तथा ओसारपसारओर महिला ओ बालबालिकाके ओसारपसारके सामना कैना नयाँ विधि भित्रैना ओ ओकर प्रभावकारी कार्यान्वयन कैना दिशामे प्रयास बह्रैना, ओसारपसारसे पीडित बालबालिकासम्बन्धी मुद्दाके सम्बन्धमे समन्वय संयन्त्र गठन कैना रहल बा ।

ओस्टेक करके वातावरणीय ओर वातावरणीय रणनीतिके कार्यान्वयन कैना क्षमता थप सुदृढ कैना ओ प्राकृतिक प्रकोपके सामना करेक लाग योजना बनैना, जलवायु परिवर्तनसम्बन्धी अपन नीति मानवअधिकार प्रतिबद्धता ओ दायित्वसे समर्थित बटै कना बाट सुनिश्चित कैना रहल बा ।

इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खडकराज जोशीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे यूपिआरहे सुझाव डेहक लाग ६ ठो समुहगत छलफल कैगिल बा । जेम्ने समुह नम्बर १ मे संविधानके कार्यान्वयन ओ विभेदकारी कानून, मानवअधिकार रक्षक ओ महिला मानव अधिकार रक्षक, नयाँ कानून बन्ना ओ परिमार्जन, राष्ट्रिय मानव अधिकार संस्था (राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग)बारे सवाल ओ सुझाव डेहल बा ।

समुह नम्बर २ मे संक्रमणकालिन न्याय कार्यान्वयन अवस्था, बलपूर्वक वेपत्ता पारल नागरिक, सशस्त्र द्वन्द पीडितके सवाल ओ सुझाव डेहल बा ।

समुह नम्बर ३ मे बाल अधिकार, समुह नम्बर ४ मे लैंगिक मुद्दा, महिला विरुद्ध हिंसा, महिलाके आर्थिक अवस्था, अपांङता हुइल नागरिक, महिलाके सहभागिता, महिलाके प्रजनन स्वास्थ्यके सवाल ओ सुझाव डेहल बा ।

समुह नम्बर ५ मे मुक्तकमैया, हलिया, कम्लहरीके सवाल ओ सुझाव डेहल बा कलेसे समुह नम्बर ६ मे यौनिक तथा लैगिंक अल्पसंख्यक समुदायके सवाल, धार्मिक अल्पसंख्यक, आदिवासी जनजाती, दलित समुदायके सवाल ओ सुझावबारे छलफल करके यूपिआरके रिपोर्ट तयार कैगिल बा ।

कार्यक्रममे कैलारी गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष भगवतीकुमारी चौधरी, घोडाघोडी नगरपालिकाके उप–प्रमुख गुलियाकुमारी चौधरी, भजनी नगरपालिकाके उप–प्रमुख राजु तिरुवा ओ पुनर्वास नगरपालिकाके नगर उपप्रमुख भुलिया रानाफे समुहगत छलफलमे भाग लेहल रहिट ।

कार्यक्रममे राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेशके निमित्त प्रमुख झंकरबहादुर रावल, ओरेक नेपालके कार्यक्रम व्यवस्थापक सुलोचना खनाल, जिएचआइएफके नेपाल प्रतिनिधि प्रेसिला नोरोना लगायत मन्तव्य व्यक्त करल रहिट । कार्यक्रमके संचालन ओरेक नेपाल कैलालीके जिल्ला संयोजक गीता चौधरी ओ स्वागत मन्तव्य दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे करल रहिट । धन्यवाद ज्ञापन मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चके संस्थापक अध्यक्ष कौशिला चौधरी डेहल रहिट ।

कार्यक्रमके आयोजना इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश, ओरेक नेपाल, दलित महिला अधिकार मञ्च, मुक्तकमैया महिला विकास मञ्च, एकता नेपालके संयूक्त रुपमे करल रहे । कार्यक्रममे लुथ्ररन विश्व फेडरेसन, मुक्त हलिया महासंघकेफे समन्वय रहे ।

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