आयोगसे प्रदेश प्रमुख मियाँहे प्रतिवेदन पेश
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ११ अगहन । सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख नजिर मियाँसमक्ष राष्ट्रिय प्राकृतिक श्रोत तथा वित्त आयोगसे आर्थिक वर्ष २०८०÷०८१ के वार्षिक प्रतिवेदन पेश करले बा । आयोगके अध्यक्ष बालानन्द पौडेल नेपालक संविधानके धारा २९४ के उपधारा ३ बमोजिम प्रदेश प्रमुख मियाँहे आयोगके वार्षिक प्रतिवेदन पेश करल जनैले रहिट ।
उ क्रममे उहाँ राजश्व बाँडफाँडके आधार ओ ढाँचा, वित्तीय समानीकरण अनुदान, सशर्त अनुदान, आन्तरिक ऋण, सवारी साधन कर, प्राकृतिक स्रोतसे प्राप्त रोयल्टी लगायतके विषयमे प्रदेश प्रमुखसमक्ष संक्षिप्त विवरण पेश करल रहिट ।
अध्यक्ष पौडेल प्रतिवेदनमे ९ बुँदे सुझाव रहल कहटी उ सुझाव कार्यान्वयन कराई पर्ना बटैले रहिट । आयोगके प्रतिवेदनमे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे समयमे बजेट पारित नहुइल विषयफे समेटल बा । स्थानीय तहहुक्रे वित्तीय समानीकरण अनुदानसे प्रशासकीय खर्च करटी रहल, अनुदानके प्राप्ती ओ ओकर प्रयोगके विषयमे स्पष्ट नैपारल, एकमुष्ट शसर्स अनुदान हस्तान्तरण नैकरल लगायतके विषयमे आयोगसे प्रश्न उठैले बा ।
‘प्रतिवदेनमे डेहल सल्लाह कार्यान्वयन हुइना अवस्था अइलेसे सुशासनके एक ठो जग बैठठ । उ सुझाव कार्यान्वयनके लाग माननीय प्रदेश प्रमुखज्यूसमक्ष हम्रे प्रतिवेदन पेश करले बटी अध्यक्ष पौडेल प्रतिवेदन पेश करटी कहले रहिट । प्रतिवेदनमे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे प्राकृतिक स्रोतसे राजश्व संकलन बहुट न्यून रहल उल्लेख करल बा ।
आयोगके प्रतिवेदन बुझ्टी प्रदेश प्रमुख मियाँसे प्रतिवेदनमे उल्लेख हुइल विषयबारे प्रदेश सभामेफे छलफल हुइना बटैले रहिट । अघिल्का प्रतिवेदनमे रहल छलफलपाछे कुछ सुधार हुइल बटैटी प्रदेश प्रमुख यी प्रतिवेदनमेफे गहन छलफल हुइना ओ सुझाव कार्यान्वयनके लाग आवश्यक पहल कैना बटैलै ।
प्रतिवेदन कार्यान्वयनके लाग मुख्यमन्त्रीमार्फत प्रदेश सभामे पठैना बटैटी उहाँ कहलै, ‘प्रतिवेदनमे औँल्याइल विषय बस्तुहे कार्यान्वयनमे लैजैना सक्कुहुनके भूमिका निर्वाह करे परठ ।’
प्रतिवेदन पेश कैना कार्यक्रममे आयोगमे अध्यक्ष पौडेलसहित सदस्य विपिन निरौला, बरिष्ठ तथ्यांक अधिकृत दिनेश भट्टराई, उपसचिव लेबन काश्यप अधिकारी ओ लेखा अधिकृत विपुल भुसाल सहभागी रहिट ।
प्रदेश प्रमुख कार्यालयके ओरसे कार्यालय सचिव नवराज ढुङगाना, प्रदेश प्रमुखके प्रमुख स्वकीय सचिव साबिर अली, कार्यालयके तथा सचिवालयके अन्य कर्मचारीके उपस्थिति रहे ।