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लागूऔषध दुर्व्यसन नियन्त्रणके लाग सचेतनामे जोड

पहुरा | १ पुष २०८१, सोमबार
लागूऔषध दुर्व्यसन नियन्त्रणके लाग सचेतनामे जोड

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ०१ पुस ।
लागूऔषध नियन्त्रणसम्बन्धी प्रदेशस्तरीय मिडियाकर्मीहसकनके लाग अभिमुखीकरण कार्यक्रममे लागू पदार्थ प्रयोगकर्ताहुकनके मुद्दा तथा मागके विषयमे छलफल हुइल बा ।

धनगढीमे अँट्वारके रोज रिकभरिंग नेपालके आयोजनामे हुइल छलफलमे लागूऔषध नियन्त्रण ओ न्यूनीकरणके लाग सरोकारवाला निकायसे गम्भीर रूपमे लागे परना सहभागीहुक्रे बटैले बटैं ।

कार्यक्रममे रिकभरिंग नेपालके कोषाध्यक्ष दीपक बोगटी लागू पदार्थ प्रयोगहे कम करेक लाग जनचेतना कार्यक्रम करेपरना बटैले रहैं । उहाँ लागू पदार्थ कारोबारकर्ताहे कानूनी कारवाही करटी प्रयोगकर्ताहे उचित उपभार ओ सचेत कराइ सेक्लेसे लागू पदार्थ प्रयोगमे नियन्त्रण हुइना बटैलैं ।

उहाँ कलैं, “लागूऔषध प्रयोग (दुर्व्यसन) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या वा अवस्था हो यकर उपचार सम्भव बा । यी व्यक्तिके मस्तिष्क ओ व्यवहारहे असर करठ, टबेमारे उहाँहुकनहे लागू पदार्थ प्रयोगहे नियन्त्रण करना असमर्थ बनाइठ ।” “लागूऔषध प्रयोगकर्ताहे अपराधीकरण करना वा ठुनामे ढरना ना टे लागूऔषध समस्याके लाग प्रभावकारी रणनीति हो ना टे राज्यके कोष खर्च करना किफायती तरिका हो,” उहाँ कलैं, लागूऔषध प्रयोगकर्ताके उपचार करना लागूऔषध प्रयोग, व्यक्ति ओ समुदायहे हुइना क्षति ओ लागुऔषध सम्बन्धी अपराध न्यूनीकरण हुइ । साथे, उपचारहे प्राथमिकता डेना कलेक लागूऔषध प्रयोगकर्ताके स्वास्थ्य ओ सामाजिक सुधार ओ व्यक्तिके उत्पादकतामे सुधार करेक लाग प्रभावकारी रणनीति हो ।” उहाँक अनुसार नेपालमे अधिकांश (७५ प्रतिशतसे ढेर) लागूऔषध प्रयोगकर्ता १५ से २९ वर्ष उमेर समूहके किशोरकिशोरी ओ युवा बटैं ।

नेपालके लागूऔषध (नियन्त्रण) ऐन, २०३३ ओ लागूऔषध नियन्त्रण राष्ट्रिय नीति, २०६३ लागूऔषध प्रयोग (दुर्व्यसन) हे स्वास्थ्य समस्याके रुपमे मान्यता डेले बा ओ फौजदारी मुद्दा/दण्डके विकल्पके रुपमे उपचार सिफारिस करले बा ।

रिकभरिंगके कोषाध्यक्ष बोगटीके अनुसार मौखिक प्रतिस्थापन उपचार पद्धति ओ लागूऔषध उपचार नथा पुनस्र्थापना केन्द्रके पद्धतिमे लागूऔषध प्रयोग (दुर्व्यसन) हे उपचार कैजाइठ ।

कार्यक्रममे साप नेपालके तपेन्द्र भुषाल सुरुवाती चरणमे रहल लागूऔषध प्रयोगहे बेवास्ता करल ओरसे फेन दुव्र्यसनहे नियन्त्रण करना समस्या रहल बटैलैं । उहाँ कलैं, “एकचो टे जे फेन प्रयोग करठ कना बनी बा । ओहे भविष्यमे जाके दुर्व्यसनमे फसाइठ ।” उहाँ नेपाल–भारत खुला सीमानाके कारण फेन दुव्र्यसन बह्रल बटैलैं ।

ओस्टेक, कार्यक्रममे नेपाल पत्रकार महासंघ जिल्ला शाखा कैलालीके अध्यक्ष हिमालय जोशी सरकारसे बनाइ ऐन, कानून तथा नीति/नियम प्रभावकारीरूपमे कार्यान्यवन नैहुइल कारण फेन लागूऔषध प्रयोग नियन्त्रण हुइ नैसेकल बटैलैं । उहाँ लागूऔषध प्रयोगसे हुइना हानी ओ खतराबारे विद्यालयस्तरसे जनचेतनामूलक कार्यक्रम लागू करेपरनामे जोड डेले रहैं ।

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