वन, वातावरण तथा जैविक विविधता संरक्षणबारे छलफल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २० फागुन । मंगरलबार धनगढीमे कैलाली–कञ्चनपुरमे वन, वातावरण तथा जैविक विविधता संरक्षणमे डेखाइल समस्याबारे सरोकारवालासँग छलफल हुइल बा । कार्यक्रम एफएमडीसी विकास ओ सामाजिक परिवर्तनके लाग सञ्चारके आयोजना तथा तराई भू–परिधि कार्यक्रम(ताल)के सहकार्यमे हसइल रहे ।
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश उद्योग, पर्यटन, वन तथा वातावरण मन्त्रालयके प्रवक्ता भरत श्रेष्ठ कानुनी अन्योलताके कारण वन संरक्षणमे चुनौती थपल बटैलैं । उहाँ सरकारबीच कानुनी जटिलता नाबह्राके सहकार्य करटि आगे बह्रना योजना रहल जानकारी डेलैं । सामुदायिक वनहे सहयोग करना घुम्ती कोषके व्यवस्था करल ओ वन डढेलो नियन्त्रणके लाग बजेट विनियोजन करल उहाँ बटैलैं ।
छलफलके क्रममे टमान सामुदायिक वनके प्रतिनिधि वन संरक्षण करल अनुभव सुनाइल रहे । कञ्चनपुरके कृष्णपुरस्थित वनदेवी सामुदायिक वनके फूलकुमारी चौधरी उ वनसे महिनामे करिब ३० हजार रुपैयाँ बराबरके दुन–टपरी उत्पादन हुइल जानकारी डेलैं । त्यस्तै, ओहे सामुदायिक वनके सचिव यशोदा रावल वनमे चोरी तस्करी बह्रल गुनासो करलि ।
सिंहापुर सामुदायिक वनके प्रतिनिधि शारदा राना वन संरक्षणके भारी समस्या डढेलो रहल बटैलैं । चैतसे सुरु हुइना डढेलो नियन्त्रण करना आर्थिक स्रोत अपरिहार्य रहल फेन आवश्यक बजेट अभाव होके वन विनाश हुइल उहाँक कहाइ बा ।
सिएफसीसी कञ्चनपुरके अध्यक्ष तथा फेकोफनके केन्द्रीय सचिव यादवप्रसाद ढुंगाना वन संरक्षणमे सामुदायिक वन उपभोक्ता समूहके योगदान उल्लेखनीय रहलेसे फेन कानुनके कार्यान्वयन कमजोर रहल टिप्पणी करलैं । उहाँ सुदूरपश्चिमके वन क्षेत्र व्यवस्थापनके लाग प्रदेश सरकारसे एकीकृत कार्यविधि बनाइ नैसेकल गुनासो करलैं ।
अस्टेक, कार्यक्रममे सामुदायिक वन उपभोक्ता महासंघके केन्द्रीय सचिव डन्डीराज सुवेदी नेपालमे वन अतिक्रमण समस्या बह्रल ओ सीमावर्ती वन क्षेत्रमे अतिक्रमण हुइटिरहल बटैलैं । कार्यक्रममे वन संरक्षणके चुनौती समाधान करना स्थानीय सरकार, सामुदायिक वन उपभोक्ता समूह ओ सरोकारवाला निकायबीच सहकार्य आवश्यक रहल एफएमडीसीके कार्यकारी प्रमुख उमिद बागचन्द बटैलैं । उहाँ चारकोसेझारी क्षेत्र घटल ओ वैज्ञानिक वन व्यवस्थापनके अवधारणा कार्यान्वयनमे असफल हुइल बटैलैं ।
कार्यक्रममे नेपाल पत्रकार महासंघके केन्द्रीय सदस्य योगेन्द्र बलायर, पत्रकार पुष्पराज जोशी, वीरेन्द्र भट्ट, रन्जना विसी, सुशील ढुंगाना, कमला गुरुङ, माया कुँवर, शारदा रानालगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं । कार्यक्रमके सञ्चालन निराजन परियार करले रहैं ।
