दलित समुदाय उप्पर हुइना हिंसाके घटना बाहेर कम आइठ

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २४ फागुन । ११५औं अन्तर्राष्ट्रिय महिला दिवसके सन्दर्भ नेपालमे जातीय तथा लैङिकके आधारमे महिला ओ बालिकाउप्पर हुइना हिंसा न्यूनिकरणमे संचारक्षेत्रके भूमिका विषय अन्तरक्रियामे उ ओसिन कहिगैल रहे ।
दलित महिला संघ (फेदो) कैलालीके आयोजनामे हुइल कार्यक्रममे फेडोके कार्यक्रम संयोजक विनोद घिमिरे उ बाट बत्वाइल रहिट । उहाँ कहलै, जातीय तथा लैङिकके ढेर घटना अभिन बाहेर नैआइसेकल हो । घटनाहे अभिन लुकाडेना परिपाटी रहल बा । ओस्टेक प्रतिवेदन प्रस्तुत करटी महिला ओ बालिका उप्पर हुइना हिंसाके अवस्था ओ वर्तमान अवस्थाके घटनाक्रम, प्रदेशगत तथ्याङ्क, घरेलु हिंसा, बलात्कार प्रयासके घटनाके विवरण ओ चुनौतीबारे जानकारी कराइल रहिट ।
समग्रमे सक्कु महिला भोग्न हिंसा दलित महिलासेफे भोगे परल बा । ओकर लाग अतिरिक्त दलित महिलासे जातीय, पितृसत्ता, वर्गीय, आर्थिक, सामाजिक कारणसे थप हिंसाके सामना करे परटी रहल टमान अध्ययनसे डेखैले बटै ।
दलित महिला संघ (फेडो) से २०८१ मे करल अध्ययनअनुसार नेपाल प्रहरीके विवरणमे हिंसापीडित दलित महिलाके कुल सङ्ख्या ११ दशमलव ५४ प्रतिशत बा । हिंसापीडित दलित बालिकाके सङ्ख्या १९ दशमलव ४४ प्रतिशत बा । राष्ट्रिय महिला आयोगमे अभिलेख हुइल घटनामध्ये ११ दशमलव ३४ प्रतिशत दलित महिलासंग सम्बन्धित बटै । ओरेक नेपालके अभिलेखअनुसार हिंसापीडित महिलामे दलित महिलाके सङ्ख्या २७ प्रतिशत बा । इन्सेकके अभिलेखमेफे दुसरा ढेर हिंसामे पर्ना महिलामे दलित बटै ।
जेम्ने दलित महिला २२ दशमलव ५८ प्रतिशत बटै । उल्लिखित तथ्याङ्क पीडकके ओरसे उजुरी आइल केल हुइट । थप हिंसाके डर ओ न्यायिक प्रक्रियामे कमजेोर उपस्थितिके कारणफे दलित महिलासंंग जोरल ढेर जैसिन हिंसा घटना गुपचुप रहना करल अधिकारकर्मीहुकनके दाबी बा ।
दलित ओ दलित महिलाहुक्रनप्रति हुइना विभेद ओ दमनके विकराल रुप अन्तरजातीय विवाहमे डेखल फेडो जनैले बा । अन्तरजातीय विवाह करल ७१ दशमलव सात प्रतिशत महिला प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूपमे डर, धाक ओ धम्कीके सामना करे परल बा । साथे सार्वजनिक स्थानमे दुव्र्यवहार ओ अपमान भोगुइयामे ७० दशमलव आठ प्रतिशत बटै ।
कार्यक्रम दलित महिला संघ (फेडो) कैलालीके अध्यक्ष सबिना सुनारके अध्यक्षतामे हुइल रहे । प्रमुख अतिथि पत्रकार महासङ्घ कैलालीके अध्यक्ष श्रवण देउवा रहल रहिट ।
