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टिना खेतीसे मनग्य आम्दानी

पहुरा | १० चैत्र २०८१, सोमबार
टिना खेतीसे मनग्य आम्दानी

केशव विक/गीता राना
धनगढी, ११ चैत ।
कैलाली जिल्लाके धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ७ मनेहराके हरिचन्द राना २५ वर्षसे व्यावसायिक टिना खेती करटी आइल बटै ।

उहाँ आपन ९ कटठा ओ १८ कटठा भाडामे लेके टिना खेती करटी आइल बटै । हरिशचन्द कहठै, ‘जाँगर, अनुभव ओ मेहनत करलेसे टिना खेतीमे कौनो घाटा नइहो । एक सिजनके आम्दानी ४ लाख रुप्यासम हुइठ ।’

मौसमी तथा बेमौसमी टिनामे काउली, ब्रोकाउली, लौका, करेला, खिरा, कब्ली, भन्टा, धनिया, प्याज, पालंग, बोडी, भिन्डी, मिर्चाखेती करटी आइल बटै ।

हरिचन्द्र कहलै, ‘पहिले–पहिले आपन तौर तरिकासे अपन जग्गामे केल्ह आधुनिक तथा परम्परागत रुपसे टिना खेती सुरु करल रहुँ । गाउँमे आइल कृर्षि तालिममे सहभागी हुके झन आउर अनुभव हुइल उहीसे ठप जग्गा भाडामे लेके व्यावसायिक रुपमे टिना खेती विस्तार करनु ।’

उहाँ कहलै, ‘मै फे एक ठो उपभोक्ता हुँ टबमारे मानव स्वास्थ्यहे विशेष ध्यान डेटी रासायानिक मलसेफे प्राङगारिक मलके प्रयोग करके विषादीमुक्त आर्गनिक टिना उत्पादन करटी आइल बटु । भारतसे अइना टिना ढेर रासायानिक मल ओ विषादी प्रयोगके करके उत्पादन कैगिल रहठ जौन मानव स्वास्थ्यमे मन्द पोइजनके रुपमे काम करठ ।

हरिचन्द्र कहलै, ‘पुर्खाफे टिना खेती करटी आइल रहिट । मै फे उहाँहुकनके पेशाहे निरन्तरता डेटी अपन खेतीवारीमे अपनही मेहनत करके टिनाके सुरुवाट करनु । पाछे ठप विस्तार करके ढेर मात्रमे उत्पादन करके थोकमे विक्री करटी आइल बटु । टिना खेतीके आम्दानीसे लर्कनहे उच्च शिक्षासम पह्रैना ओ सहजुले घरपरिवारके खर्च पुगल बा । यी पेशासे मै सन्तुष्ट बटु ।’

केक्रोफे जीवन जिएक लाग कुछ न कुछ आधार चाहठ,’ उहाँ कहलै, ‘मोर आधारशिला टिना खेती हो । मै उमेरसे जटरा छिप्टी जाइटु मोर अनुभव ओटरे बह्रटी जाइटा । अपन खेतवारीमे मेहतन करके काम करलेसे दुसरके जाके एक÷दुई पैसाके लाग हात कबुफे फैलाई नैपरठ ।’

उहाँ मौसमी तथा बेमौसमी टिना करके बार्षिक ८/९ लाख रुप्या आम्दानी कैना सफल हुइल बटैठै । टिना खेतीसे आम्दानीसे असहायहुकनफे सहयोग करल राना बटैठै ।

अपने लम्मा समयसे व्यवसायिक टिना खेती करटी आइल मने कहु सहयोग, अनुदान नैपाइल बटैठै । उहाँ कहलै, अनुदान पैलेसे टिना खेतीहे ठप विस्तार कैना सहजुल हुइट ।’

नेपालके यूवा एक÷दुई पैसा ढेर मिली कहिके लोभमे परके विदेश जैना करठै । नेपालमेफे ढेर जमिन बाँझ बा । यिहे जमिनहे भाडा लेके टमान मेरिक खेती करलेसे विदेशसे ढेर पैसा स्वदेशमे कमाई सेक्ना उहाँ बटैठै ।

(प्रशिक्षार्थी पत्रकार, बीए सातौं सेमेस्टर, कैलाली बहुमुखी क्याम्पस धनगढी कैलाली)

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