यूपियार चौठा चरणके प्रतिवेदनबारे छलफल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १८ बैशाख । मानव अधिकारके विश्वव्यापी आवधिक समिक्षा (यूपियार) चौठा चरणके लाग गैरसरकारी संस्था महासंघसे तयार पारल प्रतिवेदनबारे प्रदेश स्तरीय कार्यशाला हुइल बा ।
संयुक्त राष्ट्र संघमे जुन २६ तारेकमे बुझैना मानव अधिकारके विश्वव्यापी आवधिक समिक्षा (यूपियार) चौठा चरणके लाग तयार पारल प्रतिवेदनबारे इन्सेक प्रदेश कार्यालयके आयोजनामे प्रदेश स्तरीय छलफल हुइल हो । इन्सेकके एडभोकेशी डिपार्टमेन्टके सम्झा श्रेष्ठके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे उहाँ (यूपियार) चौठा चरणके लाग गैरसरकारी संस्था महासंघसे तयार पारल प्रतिवेदनहे अन्तिम रुप डेहक छलफल आघे बह्राइल बटैली ।
मानव अधिकारके स्थितिमे सुधार, राज्यके मानव अधिकार दायित्व ओ प्रतिवद्धताके कार्यान्वयन, सकारात्मक विकास ओ चुनौतीके मूल्याङकन, राज्यके क्षमता ओ प्राविधिक सहयोगके अभिवृद्धि करेक लाग यूपियार चौठा चरणके लाग प्रतिवेदन बुझैना उहाँ बटैली ।

छलफल कार्यक्रममे अनुसन्धानकर्ता ओ कानून तथा नीति विश्लेषक अधिवक्ता डा. विद्या चापागाई विश्व व्यापी आवधिक समिक्षा (यूपियार) ओ नागरिक समाजके भूमिका विषय प्रस्तुतीकरण करल रहिट । उहाँ यूपियारमे समेटल विषयबस्तु प्रस्तुतीकरण करल रही ।
कार्यक्रममे प्रमुख अतिथि सुदूरपश्चिम प्रदेश सभा सदस्य तथा सामाजिक विकास समिति सभापति धर्मराज पाठक पहिलेक तुलनामे विकास हुइटी रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘अब्बे नेपालमे कुछफे नैहो, यहाँटे खतम बा कना मानसिकता बह्रल बा । यहाँके यूवा विदेश पालन हुइना क्रम बह्रल बा । मनै गाउँ छोरके शहर केन्द्रीत हुइल बटै ।’
उहाँ कहलै, ‘नेपालीमे इच्छा शक्तिके कमी बा । मनै जहाँफे जाके कमाई सेक्ठै । आपन जीवन निर्वाह करे सेक्ठै । नेपालमे दुई दशक आघेक अवस्था कल्पना करी ओ अब्बेक अवस्था कल्पना करी मुलुक कहाँसे कौन अवस्थामे पुगल बा । अब्बे सडक बत्ती विस्तार हुइल बा । प्रतिव्यक्ति आम्दानी बह्रल बा ।’
राष्ट्रिय मुक्त हलिया महासंघ कार्यक्रम संयोजक हरि सिह बोहरा मुक्तहलिया, मुक्तकमैयाहुकनमे कृषिमे आधारित कृषि बँधुवा मजदुर उल्लेख करेपर्ना सुधाव डेलै ।
निरङ चौधरी समलिङगी भोजहे स्थायी कैना ओ पहिचानके आधारमे नागरिकता उपलब्ध कराई पर्ना बाट राखल रहिट । आरडिएनके केन्द्रीय सदस्य प्रेम विक अन्तरजातीय विवाह करुइया सुरक्षित नैरहल बटैलै । उमेरके हदबन्दी समस्याके डेखल उहाँ बटैलै ।

रुपा राई, अपाङताके मुद्दा छुटाई नैहुइना बटैली । राष्ट्रिय अपाङता महासंघके सचिव नरदिप धामी जग्गा प्लाटिङके कारण खेती योग्य जमिन ओरैटी गैल बटैलै । उहाँ वातावरणीय प्रदुशनफे बह्रल ओरसे रोकथाम ओ ध्यान बटैलै । एडभोकेसी फोरमके पुप्पविक्रम शाही बालबालिकामे जन्मदर्तामे समस्या आइल बटैलै । उहाँ कहलै, जेकर बाबाके ठेकन नैहो उ बालबालिकाके जन्मदर्तामे समस्या आइल बा । अव्यस्थित बसाई सराई, यूवा विदेश पलायन हुइनाके कारण गाउँघर जेष्ठ नागरिक केल रहल उहाँ बटैलै ।
गैसस महासंघ प्रदेश अध्यक्ष देवी खनाल करागारके अवस्था नाजुक बनल, किसानके उत्पादन करल बस्तुके बजारीकरणमे समस्या, गैससहुकनहे हेर्ना दृष्टिमे फरक रहल बटैलै ।

डब्लुएचआर वेद अवस्थी एकल महिलाके मुद्दा समेट पर्ना बटैली । ओरेक नेपाल कैलालीके जिल्ला संयोजक गीता चौधरी हिंसामे परल महिला न्याय नैपैटी मिलापत्र कैना ओरसे समस्या झन बह्रटी रहल बटैली । दलित महिला अधिकार मञ्चके जिल्ला अध्यक्ष सवित्रा घिमिरे, नेफिन प्रदेश अध्यक्ष दलबहादुर घर्ती मगरफे सुझाव राखल रहिट । कार्यक्रमके सहजीकरण इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी करल रहिट ।
विश्वव्यापी आवधिक समीक्षा का हो ?
विश्वव्यापी आवधिक समीक्षा (यूपीआर) मानव अधिकार परिषद स्थापना कैना संयुक्त राष्ट्रसंघीय महासभाके प्रस्ताव नं. ६०÷२५१ से स्थापित एक ठो नयाँ संयन्त्र हो । यी संयन्त्रसे संयुक्त राष्ट्रसंघके सक्कु १ सय ९३ ठो देशके मानव अधिकारसम्बन्धी दायित्व ओ प्रतिवद्धताके कार्यान्वयन अवस्थाहे नियमित रूपमे समीक्षा करठ ।
प्रस्ताव नं. ६०÷२५१ मे महासभासे मानव अधिकार परिषद्हे निम्न अधिकार प्रदान करले बा । “प्रत्येक राष्ट्रसे मानव अधिकारसम्बन्धी दायित्व ओ प्रतिवद्धता पूरा करल–नैकरल सम्बन्धमे वस्तुगत ओ विश्वसनीय सूचनाके आधारमे विश्वव्यापी आवधिक समीक्षा कैना अन्तरक्रियात्मक सम्वादमे आधारित, सम्बन्धित राष्ट्रके पूर्ण संलग्नतासहित ओ यकर क्षमता अभिवृद्धिके आवश्यकताहे मध्यनजर कैना यी समीक्षा सहयोगात्मक संयन्त्र रही, यैसिन सयत्न्त्र सन्धिजनित निकायके नक्कल कैना नैहुके पूरकके रूपमे रही ।” १८ जुन २००७ मे सम्पन्न परिषद्के पाँचौं सत्रसे प्रस्ताव नं. ५÷१ मार्फत यूपीआर संयन्त्रसम्बन्धी विस्तृत स्वरूप जारी करल रहे ।
