मदिराके हानिकारक प्रयोगले बालबालिकामे असर

विक्री कैना निश्चित समय ओ ठाउँ तोक्न सुझाव
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १३ जेठ । मदिरा विक्री कैना निश्चित समय ओ ठाउँ तोक्न सरोकारवाला निकायसे सुझाव डेहल बा ।
मदिराके हानिकारक प्रयोगले बालबालिकामे पर्ना असर न्यूनिकरणके लाग सोम्मारके रोज धनगढीमे सरोकारवालाके भूमिका विषयमे अन्तरक्रिया कार्यक्रम उ सुझाव डेहल हो ।
बालबालिकामे मध्यपान, धुम्रपान, सुर्तिजन्य सेवन जैसिन कुलतके प्रभाव परे नैडेना विद्यालय, बालगृह, अस्थायी संरक्षण केन्द्र, बाल सुधार गृहके ५ सय मिटर वरपरके क्षेत्रमे ओसिन वस्तुके सेवन तथा वेचबिखनहे निषेध कैजैना कहल बा । वालबालिकामे मध्यपान, धुम्रपान, सुर्तिजन्य वस्तु वेचबिखनमे सलग्न हुइना निषेध करजाई । ओसिन कार्यमे लगुइयाहे कानूनी कारवाही कैजैना कहल बा ।
नेपाल सरकारके नीतिहे अइसिन कहल बा । मने नीतिके कार्यान्वयन नैहुइल कहटी सरोकारवाला मदिरा विक्री कैना समय ओ स्थान टोके पर्ना सरोकारवाला निकाय कहले बा । जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीके प्रशासकीय अधिकृत शिवराज जोशी कहलै, नेपाल सरकारके नीति बा मने उहीहे कार्यान्वयन कैना जरुरी बा ।
फाया नेपालके अध्यक्ष गोमा आचार्य मदिरा विक्री वितरण कैना लाइसेन्स लेहलसेफे नैलेहल पसलमे विक्री हुइना मदिरासे कारण ढेर असर परल बटैली ।
धनगढी उपमहानगरपालिकाके सामाजिक विकास शाखा प्रमुख टंकबहादुर विष्ट, पिसविनके कमला बुढाथोकी, सामाजिक विकास लागि सचेत समाजके क्रिमलाल चौधरीलगायत मदिराके हानिकारक प्रयोगसे बालबालिका असर परटी रहल ओरसे नीतिके कार्यान्वयनमे जोर डेहल रहिट ।

अधिवक्ता तथा कार्यक्रमके सहजकर्ता सागर भण्डारी नेपालमे मदिराके प्रयोगसे सन् २०१९ के तथ्यांक अनुसार नेपालमे ३० से ७० वर्ष उमेर समूहके व्यक्तिमे नैसर्ना रोगके कारण हुइना अकाल मृत्युदर २२ प्रतिशत रहल बा । यी गम्भीर समस्याके रुपमे डेखा परल बटैलै ।
महिलाके तुलनामे पुरुष मदिरा ढेर सेवन कैना सम्भावना रहठ । ४२ प्रतिशत पुरुष पछिल्का महिनामे मदिरा सेवन करलै । जवकी उहे बर्वाधिमे ११ प्रतिशत महिला मदिरा सेवन करल रहिट । जिहीसे पछिल्का महिनामे मदिरा सेवन करलै, उ मध्ये २०% पुरुष ओ १३ प्रतिशत महिला प्रत्येक दिन ओ लगभग प्रत्येक दिनजैसिन मदिरा सेवन करल उहाँ जनैलै । २१% पुरुष ओ ११% महिला दिनमे तीन वा उही ढेर चो मदिरा सेवन करल रहिट ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ओ नेपाल सरकारसे २०१९ मे करल नेपालमे करल गैर सक्रामक रोग जोखिम कारकके सर्वेक्षण अनुसार १५से ६९ बर्ष उमेर समु्हके व्यक्तिमे मदिरा सेवनके दृष्टान्तमे ७२. २ प्रतिशत वयस्क व्यक्ति ५६ प्रतिशत पुरुष ओ ८६. ५ प्रतिशत महिला जीवरभर मदिरा सेवन नैकरल रहिट । ४ प्रतिशत वयस्क विगतमे सेवन करल मने विगत १२ महिनामे मदिरा सेवन नैकरल पाइल बा ।
२३.९ प्रतिशत वयस्क (३८.६ प्रतिशत पुरुष, १०.८ प्रतिशत महिला बर्तमान समयमे मदिरा सेवन कैना व्यक्ति रहिट । पछिल्का १२ महिनामे मदिरा सेवन करल रहिट । करिब ८ जाने मन्से १ पुरुष ११.७ प्रतिशत दैनिक जैसिन मदिरा पिना करल तथ्याङकमे जनागिल बा ।

नेपालके नीति १७.३.७ मे सघ, प्रदेश तथा स्थानीय तहसे लागू औषध तथा दुव्र्यसनमे परल बालवालिकाहे उपचार, मनोविमर्श, सीपमूलक तालिम तथा पुर्नस्थापनाके लाग सक्कु सरोकारवाला निकायसंग समन्वय तथा सहकार्य करके कार्य कैना कहल बा ।
यिहीसे पहिलेक छलफलमे सचेतना कार्यक्रम समुदायके भाषाके कैना, स्थानीय सरकार आपन अवस्था अनुकूल नीति बनैना, बालबालिकाहे संघरिया संगतिसे बाँचेक लाग जीवनउपयोगी सीप तालिम रुपान्तरण तथा मनोविमर्श, मदिरा पसल कम्तीमे ३ बजेसे पहिले ओ रात अवेरसम खोले नैपैना कहल रहे । तनाव व्यवस्थापनके लाग मनोविमर्श सेवा पुगाई पर्नाफे सुझाव डेहल रहे ।
मदिराके हानिकारक प्रयोगले बालबालिकामे पर्ना असर न्यूनिकरणबारे हुइल छलफल कार्यक्रमके उद्देश्यबारे भगवती श्रेष्ठ ओ कार्यक्रम संचालन जिल्ला संयोजक हरिलाल चौधरी करल रहिट ।
