२३ सय ७५ जानेक पुनःस्थापना कहिया ?

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २ सावन । दासताके जन्जीरसे मुक्त हुइल मुक्तकमैयाहुकनके २५ बरस पुगल बा । यी बेला मुक्तकमैयाहुक्रे रहरङगी कैके २५औ मुक्ती दिवस मनैना बेला २ हजार ३ सय ७५ मुक्तकमैयाके जिन्गीमे अभिन खुशी नैआइसेकल हो ।
मुक्त कमैया रहल जिल्लामे अभिन २ हजार ३ सय ७५ जाने अभिन पुनस्र्थापनाके असरामे बैठल बटै । मुक्त कमैया समाजके तथ्याङक अनुसार कञ्चनपुरसे दाड जिल्लामे ओटरा मुक्त कमैया अभिन पुनस्र्थापनाके असरामे बैठल हुइट । २०५७ साल सावन २ गते कमैया मुक्ती घोषणा करल रहे । जौन अब्बे २५ बरस विटल मने सुदूरपश्चिम प्रदेश अभिनसम अभिनसम १ हजार ८२ जाने मुक्तकमैयाहुक्रे परिचय पाके पुनस्र्थापनासे बञ्चित रहल मुक्तकमैया समाज जनैले बा ।
समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष पशुपति चौधरीके अनुसार कैलाली जिल्लामे ९ हजार ७६२ मु्क्तकमैया रहलमे ८ हजार ९७५ जनहनहे परिचयपत्र देहलमे मने जग्गा पाइल मुक्तकमैयाभर ८ हजार २२ जाने केल रहल बटै । ओस्टेक कञ्चनपुरमे ४ हजार ५०६ जाने मुक्तकमैया रहलमे ४ हजार ४१८ जनहनहे परिचयपत्र डेहल बा, ओम्नेसे जग्गा पाइल मुक्तकमैया ४ हजार २८९ केल रहल बटै । चार सय मुक्तकमैयाहे आकाशे कित्ता, १७३ जनहनके मुक्तकमैयाके तथ्याङकसे हटाइल बटै । कलेसे कैलालीमे ९५३ ओ कञ्चनपुरमे १२९ जाने, दाङमे ४८ जाने पुस्र्थापना बाँकी बटै । बर्दियामे सबसे ढेर १२ सय ४५ जाने मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे वञ्चित केन्द्रीय अध्यक्ष बटैलै ।
मुक्तकमैया अभियन्ता बल्लु चौधरी पुनस्र्थापनाके नाउँमे जग्गा नैरहल ठाउँक लालपुर्जा, व्यक्तिके नम्बरी जग्गाके लालपुर्जा, लडिया, खोला रहल ठाउँमे टमान मुक्तकमैयाहुकन जग्गा डेगिल बटैलै ।
कैलाली, कञ्चनपुर, बर्दिया, बाँके ओ दाङ करके पाँच जिल्लामे कुल ३२ हजार ५ सय ९ जाने मुक्तकमैयाके तथ्याङक संकलन करल रहे । जेम्ने जग्गा पाई पर्ना संख्या २७ हजार ५ सय ७० कहलमे जग्गा पाइल संख्या २५ हजार १ सय ९५ केल्ह रहल उहाँ जनैलै ।
ओसिन समस्या सट्टा भर्ना कैना संख्या ६ सय ६१ रहल बा । परिचय बदर हुइल संख्या १७३, जग्गा नइपाइल ४६३, परिचयपत्रसे वञ्चित १ हजार ७८ जाने करके कुल २ हजार ३ सय ७५ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी बटै ।
ओस्टेक करके पाँच जिल्लामे मुक्तकमलरीके संख्या १२ हजार ७६९ जाने रहलमे ४ हजार ९३४ जाने परिचयपत्र पैले बटै कलेसे अभिनसम ७ हजार ८ सय ३५ जाने परिचयपत्र पैनासे बञ्चित रहल बटै । छुट मुक्तकमलरी ३ हजार २९६ ओ अध्ययनरत रहल १२ सय ७४ जाने रहल बटै ।
मुक्त कमैया तथा कमलरीहुकनके माग

नेपाल सरकार ओ कम्लहरी प्रथा उन्मुलनके लाग संयुक्त सघर्ष समिति बीच हुइल १० बुंदे सम्झौता कार्यान्वयन करेपर्ना, नेपाल सरकारसे तयार करल मुक्त कम्लहरीके लाग शिक्षा निर्देशिका, २०६८ समयानुकुल परिमार्जन करके तत्काल कार्यान्वयन करेपर्ना, मुक्त कमलहरीके लाग वितरण कैना छात्रवृतिमे समयानुकुल परिमार्जन करके कार्यान्वयनके व्यवस्था करेपर्ना माग करल बा ।
मुक्त कमैया ओ कम्लहरीके एकिन तथ्यांक संकलन करके परिचयपत्रके ब्यवस्था करेपर्ना माग करल बा ।
ओस्टेक करके नेपाल सरकारसे ‘गठन हुइना टमान आयोग, समिति तथा राज्यके हरेक संरचनामे मुक्त कमैया, कमलहरीहुकनके अर्थपुर्ण सहभागिता कराई पर्ना ।
नेपाल सरकारसे निर्माण करल पुनःस्थापनाके प्याकेज कार्यान्वयन करेबेर मुक्त कमैयाहुकनके सहभागिता ओ स्वामित्व हुइना करके परिमार्जन ओ कार्यान्वयन करेपर्ना ।
हरेक मुक्त कमैया तथा कमलरीके लाग एक घर एक रोजगारीके व्यवस्था करेपर्ना । मुक्त कमैयाके छावाछाई ओ कमलहरीहुकनहे उच्च शिक्षा (स्नातकोत्तर) सम ओ प्राविधिक शिक्षा निःशुल्क करके योग्यता अनुसार रोजगारीके व्यवस्था करेपर्ना माग करल बा । मुक्त कम्लहरीके लाग निर्माण करल छात्राबास समय अनुकुल परिमार्जन करके मुक्त कमलहरीके लाग सीपमुलक तालिम ओ आर्थिक सहयोगके व्यवस्था करेपर्ना, नेपाल सरकारसे मुक्त घोषणा करल मुक्त कमैयाके बालबालिका, कमलहरीहुकनके लाग निशुल्क शिक्षाके ब्यवस्था करेपर्ना माग करल बा ।
दासप्रथाके अवशेषमे रूपमे रहल हलिया, कमैया, कमलहरी प्रथाके विरुद्ध ओइने करल तत् समयके न्यायपूर्ण आन्दोलन पश्चात २०५७ श्रावण २ गते कमैया मुक्तिके घोषणा, २०६५ साल भाद्र २१ गते हलिया मुक्तिके घोषणा, २०७० श्रावण ३ गते कमलहरीके मुक्तिके घोषणा, २०७९ श्रावण २ गते हरूवाचरूवा मुक्तिके घोषणा हुइल रहे ।
राजदेव चौधरीके नेतृत्वमे १९ जाने कमैयाहे लेके कमैया मुक्त हुई पर्ना कहिके आन्दोलन गेटासे सुरू हुइल रहे ।
तत्कालीन गाविस अध्यक्ष सन्तबहादुर कार्की अपन वडामे कमैया मुक्त हुइल घोषण करल पश्चात जिल्ला प्रशासनके अङनामे धर्ना सुरू हुके तत्कालीन प्रधानमन्त्री शेरबहादुर देउवासे २०५७ सावन २ गते कमैया मुक्त हुइल घोषणा करल रहिट ।
२०५८ सालमे कमैया निशेध ऐन जारी हुके २०५९ ओ २०६० सालमे कमैयाके लगत लेहल रहे ।
