प्रदेश सरकार मुक्तकमैया, हलिया, कमलरी पुनःस्थापना कार्यविधि कार्यान्वयन कैना प्रतिवद्ध बाः मुख्यमन्त्री शाह

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २ सावन । कैलालीके धनगढी ओ लम्की चुहानगरपालिकामे शुकके रोज २५औं कमैया मुक्ती दिवस मनौगल बा ।
मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चके आयोजनामे धनगढीमे मनागिल दिवसमे सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री कमलबहादुर शाह वरका पहुना रहल रहिट । कार्यक्रममे सम्बोधन कैटि उहाँ सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकार मुक्तकमैया, हलिया, कमलरी पुनस्र्थापनाके लाग कार्यविधि २०८० बनाइल ओ उ कार्यविधि कार्यान्वयनके लाग प्रदेश सरकार प्रतिवद्ध रहल बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘यी कार्यविधि प्रदेश सरकार पूर्ण रुपमे कार्यान्वयन कैना प्रतिवद्ध बा, मै अपनेन ठेन विश्वास डेहुवइना चाहटु । कार्यविधि कार्यान्वयन कैना टमान मेरके कार्यक्रमफे आघे बह्रल बा ।’
मुक्तकमैया, हलिया, कमलरीहे पुनस्र्थापित कैनाके साथसाथे ओइनहे आयआर्जन, रोजगारीसे जोरना सन्दर्भमे शिक्षा ओ स्वास्थ्य सेवा निशुल्क उपलब्ध करैना सन्दर्भमे छात्रवृति डेना सन्दर्भमेफे हमार कार्यक्रम आघे बह्रल बा, मुख्यमन्त्री शाह कहलै ।
विशेष करके मै कना चाहटु थारु समुदायमे रहल संस्कार संस्कृति रिति रिवाज ओ हमार टमान मेरिक विचारहे जर्गेना कैना प्रदेश सरकार आघे बह्रल बा ।
यिहे सन्दर्भमे हम्रे यी समुदायमे रहल बडघर भल्मन्सा प्रथाहे कानूनी मान्यता डेहुवाइक लाग विद्येयकके ड्राफ्ट मन्त्री परिषदसे पास कैके सदनमे पुगाइल मुख्यमन्त्री शाह बटैलै । हम्रहिनहे विश्वास बा । जौन ऐन सदनमे पास हुई, हम्रे विश्वास डेहुवइले बटी ।
मुलुकमे डेखल विभेद अन्त्य करेक लाग आर्थिक सामाजिक राजनीतिक रुपान्तरणके लाग हमार अग्र अधिकार स्थापित करेक लाग हम्रे निरन्तर यहाँके शासकहुकनसंग लरल इतिहास जगजाहेर बा । यकरे परिणाम हो । २०४६ सालके जनआन्दोलनसे यी मुलुकमे प्रजातन्त्र स्थापना करल ।
प्रजातन्त्र स्थापना हुकेसेकलपाछे विभेद अन्त्यके नीति निर्माण कैना सन्दर्भमे आघे बह्रल । संगसंगे संघथासंस्था अपन कार्यक्रम आघे बह्राइल फलस्वरुप २०५७ साल सावन २ गते जो बधुवाके रुपमे रहल कमैया प्रथाहे उन्मुलन कैना सन्दर्भमे तत्कालिन पूर्वप्रधानमन्त्री नेपाली काँग्रेसके सभापति शेरबहादुर देउवा निर्णय करके यी मुलुकके सक्कु कमैयाहुकनहे मुक्त घोषणा करलै मुख्यमन्त्री कहलै ।
यी मुलुकके लाग भारी उपलब्धी रहे । संगसंगे हमार लाग पहिचान ओ व्यवस्थापन कैना चुनौतीफे रहे । अब्बेफे उ आवाज उठैटी रहल बटी । यी अर्थमे अभिन कुछ कैना बाँकी बा । टबमारे संघ, प्रदेश ओ स्थानीय सरकार आब एकजुट हुके आघे बह्रना जरुरी रहल उहाँ बटैलै ।
अब्ब प्रदेश सरकार मुक्तकमैयाके घरके आघे खानेपानीके नल्का नैहो कलेसे सहयोग कैना तयार रहल बटैलै । मुक्तकमैयामे पीडा प्रदेश सरकारके पीडा हो कहटी सक्कु जाने मिल्के सम्बोधन कैना जरुरी बा । समाधान खोज्न जरुरी बा कहे चाहटु मुख्यमन्त्री शाह कहलै ।

कार्यक्रममे प्रदेश सरकारके व्यवस्था तथा कृषि सहकारी मन्त्री विरबहादुर थापा मुक्तकमैया हलियाके समस्या समाधन करेक लाग प्रदेश सरकार तयार रहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘पुनस्र्थापना हुइना बाँकी मुक्त कमैयाहुकनहे जग्गा खोजके डेना सम्भव टे नैरहल मने जे जहाँ बैठल बा, ओइनहे सुकुम्बासीके रुपमे उहे ठाउँक जग्गा धनी प्रमाणपत्र उपलब्ध कैना विकल्प बा ।
सामाजिक विकास मन्त्री मेघराज खडका प्रदेश सरकारसे मुक्तकमैया, हलिया, कमलरीहुकनके लाग टमान मेरिक आयआर्जनके लाग कार्यक्रम संचालन करल बटैलै ।
प्रदेश नीति तथा योजना आयोगके उपाध्यक्ष डा. जीवन राना बधुवा मजदुरके रुपमे मुक्तकमैयाहुकनहे मुक्ती घोषणा कैना सबसे भारी उपलब्धी रहल बटैली । उहाँ कहली, मुक्ती घोषणापाछे पुनस्र्थापना कैना कहल रहे । मने अभिनफे ढेर मुक्तकमैया, हलिया पुनस्र्थापनासे बञ्चित बटै । कागजमे मुक्ती घोषणा नाही न्यायिक पुनस्र्थापना कैके समस्या समाधान कैना जरुरी बा ।
नेकपा एमालेके जिल्ला अध्यक्ष यज्ञराज ढुङगना मुक्तकमैया थारु समुदायके रहल ओरसे उहाँहुकनके मुलुकमे विकासमे भारी योगदान रहल रहल बटैलै । थारु समुदायके कृषि पेशामे लागल ओर अन्नादाताके रुपमे रहलफे उहाँ बटैलै
मुक्तकमैया अभियन्ता यज्ञराज चौधरी कहलै, ‘कमैया मुक्ती घोषणापाछे कुछ नैहुइल हो कना नैहो । ढेर मुक्तकमैया पुनस्र्थापना हुइल बटै । जग्गाफे पैले बा । ९० प्रतिशत समस्या समाधन हुइल बा । बाँकी रहल १० प्रतिशत करिब करिब कहु ना कहु बैठल बटेै । जहाँ बैठल बटै उहे ठाउँक लालपूर्जा उपलब्ध करैलेसे ढेर समस्या समधान हुई ।
कार्यक्रम मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चक अध्यक्ष सीमा चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे । ओस्टेक करके कैलालीके लम्कीचुहामेफे २५औं कमैया मुक्ती दिवस मनागिल बा ।

कार्यक्रममे मुख्यमन्त्रीलगायत मुक्तकमैयाके टेवा पुगुइया टमान व्यक्तिहुकनहे सम्मान कैगिल रहे । कार्यक्रमके संचालन मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चके कार्यक्रम संयोजक इन्द्रजीत चौधरी करल रहिट ।
२ हजार ३ सय ७५ मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे बञ्चित
मुक्त कमैया रहल जिल्लामे अभिन २ हजार ३ सय ७५ जाने अभिन पुनस्र्थापनाके असरामे बैठल बटै । मुक्त कमैया समाजके तथ्याङक अनुसार कञ्चनपुरसे दाड जिल्लामे ओटरा मुक्त कमैया अभिन पुनस्र्थापनाके असरामे बैठल हुइट । २०५७ साल सावन २ गते कमैया मुक्ती घोषणा करल रहे । जौन अब्बे २५ बरस विटल मने सुदूरपश्चिम प्रदेश अभिनसम अभिनसम १ हजार ८२ जाने मुक्तकमैयाहुक्रे परिचय पाके पुनस्र्थापनासे बञ्चित रहल मुक्तकमैया समाज जनैले बा ।
समाजके केन्द्रीय अध्यक्ष पशुपति चौधरीके अनुसार कैलाली जिल्लामे ९ हजार ७६२ मु्क्तकमैया रहलमे ८ हजार ९७५ जनहनहे परिचयपत्र देहलमे मने जग्गा पाइल मुक्तकमैयाभर ८ हजार २२ जाने केल रहल बटै । ओस्टेक कञ्चनपुरमे ४ हजार ५०६ जाने मुक्तकमैया रहलमे ४ हजार ४१८ जनहनहे परिचयपत्र डेहल बा, ओम्नेसे जग्गा पाइल मुक्तकमैया ४ हजार २८९ केल रहल बटै । चार सय मुक्तकमैयाहे आकाशे कित्ता, १७३ जनहनके मुक्तकमैयाके तथ्याङकसे हटाइल बटै । कलेसे कैलालीमे ९५३ ओ कञ्चनपुरमे १२९ जाने, दाङमे ४८ जाने पुस्र्थापना बाँकी बटै । बर्दियामे सबसे ढेर १२ सय ४५ जाने मुक्तकमैया पुनस्र्थापनासे वञ्चित केन्द्रीय अध्यक्ष बटैलै ।
मुक्तकमैया अभियन्ता बल्लु चौधरी पुनस्र्थापनाके नाउँमे जग्गा नैरहल ठाउँक लालपुर्जा, व्यक्तिके नम्बरी जग्गाके लालपुर्जा, लडिया, खोला रहल ठाउँमे टमान मुक्तकमैयाहुकन जग्गा डेगिल बटैलै ।
कैलाली, कञ्चनपुर, बर्दिया, बाँके ओ दाङ करके पाँच जिल्लामे कुल ३२ हजार ५ सय ९ जाने मुक्तकमैयाके तथ्याङक संकलन करल रहे । जेम्ने जग्गा पाई पर्ना संख्या २७ हजार ५ सय ७० कहलमे जग्गा पाइल संख्या २५ हजार १ सय ९५ केल्ह रहल उहाँ जनैलै ।
ओसिन समस्या सट्टा भर्ना कैना संख्या ६ सय ६१ रहल बा । परिचय बदर हुइल संख्या १७३, जग्गा नइपाइल ४६३, परिचयपत्रसे वञ्चित १ हजार ७८ जाने करके कुल २ हजार ३ सय ७५ जाने पुनस्र्थापना हुइना बाँकी बटै ।
ओस्टेक करके पाँच जिल्लामे मुक्तकमलरीके संख्या १२ हजार ७६९ जाने रहलमे ४ हजार ९३४ जाने परिचयपत्र पैले बटै कलेसे अभिनसम ७ हजार ८ सय ३५ जाने परिचयपत्र पैनासे बञ्चित रहल बटै । छुट मुक्तकमलरी ३ हजार २९६ ओ अध्ययनरत रहल १२ सय ७४ जाने रहल बटै ।
