थारु राष्ट्रिय दैनिक
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[ थारु सम्बत ०४ भादौ २६४९, बुध ]
[ वि.सं ४ भाद्र २०८२, बुधबार ]
[ 20 Aug 2025, Wednesday ]

प्रदेशमे बनल ६३ मन्से ४६ कानून केल्ह कार्यान्वयन

पहुरा | ४ भाद्र २०८२, बुधबार
प्रदेशमे बनल ६३ मन्से ४६ कानून केल्ह कार्यान्वयन

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ४ भदौ ।
सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे अब्बेसम बनाइल ६३ ठो कानून मन्से जम्मा ४६ ठो कानून केल्ह कार्यान्वयनमे आइल जनागिल बा ।

इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश ओ अग्रलेख मिडियाके आयोजनामे बुधके रोज धनगढीमे हुइल सुदूरपश्चिम प्रदेशमे कानून निर्माण ओ कार्यान्वयनके अवस्था विषयक अन्तरक्रिया कार्यक्रममे आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्रालयके ओरसे कार्यपत्र प्रस्तुत करती मन्त्रालयके निमित्त सचिव आमोद दाहाल उ जानकारी डेहल रहिट ।

प्रदेश सरकार गठन हुइलपाछे नेपालके संविधानके टमान धारा, अनुसूची–६, अनुसूची–७ ओ अनुसूची–९ मे उल्लेखित अधिकारीहुकनके प्रयोग कैना सिलसिलामे प्रदेश सरकारसे हालसम बजेट सम्बन्धी सालवसाली ऐनसहित ६३ ठो ऐन जारी हुके हाल अस्तित्वमे रहल ऐन जम्मा ४६ ठो केल्ह रहल उहाँ जनैलै ।

स्सबसे सुरुमे बनल प्रदेश नम्बर ७ के आर्थिक कार्यविधि ऐन २०७४ (पहिलो संशोधन) खारेज हुइल बा । स्थानीय तहके कानून निर्माण प्रक्रिया ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, सार्वजनिक, लिखत प्रमाणीकरण(कार्यविधि) ऐन २०७५ (पहिलो संशोधन) पूर्ण कार्यान्यवनमे बा ।

स्थानीय तहके पदाधिकारी तथा सदस्यके पारिश्रामिक ओ सुविधा सम्बन्धी ऐन २०७५ (पहिल सशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे, आर्थिक ऐन २०७५(पहिलो संशोधन) सालवसाली अवस्थामे रहल बा ।

विनियोजन ऐन २०७५ सालवसाली, प्रदेश नम्बर ७ प्रदेश आकस्मिक कोष ऐन २०७५ कार्यान्वयनमे, जिल्ला सभा तथा जिल्ल समन्वय समिति सम्बन्धी ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे बा ।

गाउँ सभा ओ नगर सभा (कार्य संचालन) ऐन २०७५आंशिक कार्यान्वयनमे, मुख्य न्यायधिवक्ताके काम कर्तव्य ओ अधिकार तथा सेवाके सर्त सम्बन्धी ऐन २०७५ पूर्ण कार्यान्वयनमे रहल बा ।

कर तथा गैरकर राजश्व सम्बन्धी ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, वित्तीय हस्तान्तरण व्यवस्था ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, मुख्यमन्त्री ओ मन्त्रीके पारिश्रामिक तथा सुविधा सम्बन्धी ऐन २०७५ (अनुसुची हेरफेर) पूर्ण कार्यान्वयनमे, प्रदेश सभाके पदाधिकारी तथा सदस्यके पारिश्रामिक ओ सुविधा सम्बन्धी ऐन २०७५ पहिलो संशोधन पूर्ण कार्यान्वयनमे रहल बा ।
प्रशासकीय कार्यविधि(नियमित कैना) ऐन २०७५ पूर्ण कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेशके सहकारी ऐन २०७५ पूर्ण कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेश वातावरण संरक्षण ऐन २०७५ खारेज हुइल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश सुशासन ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रदेश सभाके सचिव ओ सचिवालय व्यवस्थापन सम्बन्धी ऐन २०७५ पूर्ण कार्यान्वयनमे, प्रदेश विपद जोखिम न्यूनिकरण तथा व्यवस्थापन ऐन २०७५ (पहिलो संशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे, प्रदेश लोकमार्ग ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वरोजगार विकास कोष ऐन २०७५ पूर्ण कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रादेशिक औद्योगिक व्यवसाय ऐन २०७५ कम्जोर कार्यान्वयनमे रहल बा ।

विनियोजन ऐन २०७६ सालवसाली, आर्थिक ऐन २०७५ सालवसाली, कुछ प्रदेश ऐन संशोधन कैना बनल ऐन २०७६ आंशिक कार्यान्वयन, सुदूरपश्चिम प्रदेशके कृषि तथा पशुपन्छी व्यवसाय प्रवर्धन ऐन २०७६ आंशिक कार्यान्वयनमे रहल बा ।

प्रदेश लोकसेवा आयोग ऐन २०७६(पहिलो, दोस्रो, तेस्रो संशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम आयूर्वेद प्रतिष्ठान ऐन २०७५ आंशिक कार्यान्वयनमे, नीजि व्यवसाय ऐन २०७६ कम्जोर कार्यान्वयनमे रहल बा ।

साझेदारी व्यवसाय एृेन २०७६ कार्यान्वयन हुई नैसेकल, सुदूरपश्चिम प्रज्ञा प्रतिष्ठान ऐन २०७६ (पहिलो संशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेश खेलकुद ऐन २०७६ (पहिलो संशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे रहल बा ।

विनियोजन विद्येयक २०७७ सालवसाली, आर्थिक ऐन २०७७ सालवसाली, प्रदेश रेडियो एफएम ओ टेलिभिजन प्रशारण सम्बन्धी ऐन २०७६ कार्यान्वयन हुई नैसेकल, सुदूरपश्चिम प्रदेश जनस्वास्थ्य सेवा ऐन २०७७ आंशिक कार्यान्वयन, सुदूरपश्चिम प्रदेश अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण प्रतिष्ठान ऐन २०७७ (पहिलो संशोधन) पूर्ण कार्यान्वयनमे रहल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके विउ विजन ऐन २०७७ आंशिक कार्यान्वयनमे, प्रदेश बालबालिका सम्बन्धी ऐन २०७७ आंशिक कार्यान्यनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेश दुग्ध विकास बोर्ड ऐन २०७७ (पहिलो संशोधन) कार्यान्वयन हुई नैसेकल, सुदूरपश्चिम प्रदेश विनियोजन ऐन २०७८ सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक ऐन २०७८ सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश पर्यटन ऐन २०७७ कम्जोर कार्यान्वयन रहल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश वातावरण संरक्षण ऐन २०७७ कम्जोर कार्यान्वयन, सुदूरपश्चिम प्रदेश वन ऐन २०७७ कम्जोर कार्यान्वयन, सुदूरपश्चिम प्रदेश पशु विकास तथा पशु स्वास्थ्य सेवा ऐन २०७८ कम्जोर कार्यान्वयनमे रहल बा ।

द्यलित सशक्तीकरण ऐन २०७८ कार्यान्वयन हुई नैसेकल, सुदूरपश्चिम प्रदेश विनियोजन ऐन २०७८ सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक ऐन २०७९ (पहिलो संशोधन) सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश तथा स्थानीय तह (समन्वय तथा विवाद समाधान) ऐन २०७९ कम्जोर कार्यान्वयनमे रहल बा ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक कार्यविधि तथा वित्तीय उत्तरदायित्व ऐन २०७९ कार्यान्वयनमे रहल, सुदूरपश्चिम प्रदेश सवारी तथा यातायात व्यवस्था ऐन २०७९ कार्यान्वयनमे, सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रहरी ऐन २०७९ कार्यान्वयन हुई नैसेकल हो ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामति सेवा ऐन २०७९ (पहिलो संशोधन) कार्यान्वयनमे रहल, सुदूरपश्चिम प्रदेश विनियोजन ऐन २०८० सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक ऐन २०८० सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक ऐन २०८१ सालवसाली, सुदूरपश्चिम प्रदेश विनियोजन ऐन २०८१ सालवसाली अवस्थामे रहल बा ।

ओस्टेक करके सुदूरपश्चिम प्रदेश सामाजिक राजश्व संकलन सम्बन्धी ऐन २०८१ कार्यान्वयनमे रहल, सुदूरपश्चिम प्रदेश आर्थिक ऐन २०८२ कार्यान्वयनमे अइटी करल, सुदूरपश्चिम प्रदेश विनियोजन ऐन २०८२ कार्यान्वयनमे अइटी ओ स्थानीय सेवाके गठन संचालन ओ सेवाके सर्त सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल ऐन २०८२ कार्यान्वयन संशोधनके क्रममे रहल मन्त्रालयके निमित्त सचिव दाहाल उ जानकारी डेलै ।

नेपाल बार एशोशियसन कैलालीके अध्यक्ष इन्द्र प्रसाद लेखक प्रदेश सरकारसे बनाइल ऐन कानून, सर्वसुलभ रुपमे प्राप्त नैहुइल बटैलै । उहाँ कहलै, कानून बनाके धारल केल्ह बा । जेकर लाग कानून बनल हो ओइने हेरे नैपैलेसे अधिकार कैसिक प्राप्त करही ।

अधिवक्ता प्रयागदत्त भट्ट सांसद ओ नेता कार्यकर्ताहुकनमे बनल कानूनबारे अध्ययनके कमी हुइल बटैलै । उहाँ कहलै, बनल कानूनहे प्रचारप्रसारफे हुई नैसेकल हो । ८० प्रतिशत ऐन सांसदके सेवा सुविधासे सम्बन्धित बा कलेसे आम नागरिकके सरोकारसंग जोरल ऐन कानून अभिन बने नैसेकल हो ।

अधिवक्ता गंगाराा पाध्याय, सिद्धराज ओझा बनल ऐन काहे कार्यान्यवनमे नैआइल कहटी जेकर अस्तित्व नैहो ओसिन ऐन बनाके काम नैरहल बटैलै । प्रेम विक दलित सशक्तीकरण ऐन कार्यान्वयनमे ढिलाई काहे हुइल कहटी प्रश्न करलै । नरदिप धामी अपाङगताके सवालमे बनल ऐन कार्यान्वयनमे करेपर्ना जोर डेहल रहिट । राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके उपसचिव झंकर बहादुर रावल अभिन मानव अधिकारसंग जोरल बहुट ऐन कार्यान्वयन नैहुइल ओ ऐनफे बनैना जरुरी रहल कहलै ।

कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्री हिरा सिंह सार्की प्रदेश रेडियो एफएम ओ टेलिभिजन प्रशारण सम्बन्धी ऐन २०७६ हाली कार्यान्वयनमे ल्यन्ना बटैलै ।

और प्रदेशमे विपद प्राधिकरण गठन हुसेकल ओरसे यी प्रदेशमेफे गठन कैना उहाँ बटैलै । दलित सशक्तीकरण ऐन कार्यान्वयन आघे बह्राडेना आग्रह करलै । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे द्वन्दपीडित परिवारके निशुल्क स्वास्थ्य विमा प्रक्रिया आघे बह्राइल मन्त्री सार्की बटैलै ।

कानून कार्यान्वयनके लाग सक्कु जनहनहे समन्वय करके आघे बह्रना ओ बनल कानून सर्वसाधारणमे पँहुचमे पुगैना उहाँ निर्देशन डेलै ।

प्रदेश सभा सदस्य नरेशबहादुर शाही कार्यान्वयनमे आइनैसेकल ऐन संशोधन कैना झझटिला प्रक्रिया रहल बटैलै । आपन अनुकलके ऐन केल्ह कार्यान्वयनमे बटैलै । सार्वजनिक लेखा समितिके सभापति अक्कलबहादुर रावल यी कार्यक्रमसे प्रदेशके अब्बेक अवस्था कहाँ बा कना बाट प्रष्ट डेखल बटैलै । आम सरोकार हक अधिकारके लाग सक्कु जाने गम्भीर हुइना जरुरी रहल बटैलै । संख्यात्मक रुपमे ढेर कानून बनल मने कार्यान्वयन भर सक्कु नैहुइना दुखद रहल कहटी आवश्यक पर्ना कानून बनैना ढिलाई करे नैहुइना बटैलै । प्रदेशसभा सदस्य पदम बहादुर शाही जनताहुकनठेन आश्वासन केल्ह डेना माग पुरा नैकैना परिपाटीके विकास हुइल बटैलै ।

इन्सेकके कार्यकारी निर्देशक विजयराज गौतमके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी प्रदेशमे बनल कानून ओ ओकर कार्यान्वयनके अवस्था आम समुदायमे पुगैना उद्देश्यसे कार्यक्रम कैगिल जनैलै ।

कार्यक्रममे अधिवक्ता पुष्प विक्रम शाही मानव अधिकार रक्षकके सुरक्षा ओ संरक्षण सम्बन्धी मस्यौदा विद्येयक २०७८ बारे प्रस्तुतीकरण करल रहिट । कलेसे उ मस्यौदा इन्सेकके कार्यकारी निर्देशक विजयराज गौतम प्रदेश सरकारके कानून मन्त्री हिरासिंह सार्कीहे हस्तान्तरण कैगिल रहे । कार्यक्रमके संचालन पत्रकार हरि जोशी करले रहिट ।

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