मानसिक स्वास्थ्य समस्याके विमारी बह्रटी

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २४ कु्वाँर । मानसिक स्वास्थ्य समस्याके विमारी बह्रटी गैल डेखल बा । गैरसरकारी संस्थाहुकनसे विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवसके अवसर पारके स्थानीय तहहे बुझाइल ज्ञापनमे मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिहुकनके संख्या बह्रटी रहल डेखल बा ।
दिवसके अवसरमे शुकके रोज टमान संस्थाके धनगढी उपमहानगरपालिकाहे बुझाइल ज्ञापनपत्रमे मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिहुकनके संख्या बह्रल डेखल हो । नेपालके राष्ट्रिय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण २०७७ के अनुसार देशके कुल जनसंख्या के ४ प्रतिशत ओ ठप १३ से १७ वर्षके ५.२ प्रतिशत किशोरकिशोरीहुक्रे मानसिक स्वास्थ्य समस्या भोग्टी रहल पाइल बा ।
यकर साथे ६.५% बयस्कसे तत्कालिन अवस्थामे आत्महत्याके सोच रहल पाइल बा । विश्वभरमे हरेक वर्ष आत्महत्याके कारण ७ लाखसे ढेर मनैनके मृत्यु हुइना करल बा । आत्महत्याके घटना ओ मानसिक स्वास्थ्य एक दुसरमे अन्तरसम्बन्धित बटै । नेपालमेफे आत्महत्या जनस्वास्थ्यके एक समस्याके रुपमे विकराल बन्टी गैल बा ।
नेपाल प्रहरीके तथ्याक अनुसार नेपालमे गैल आर्थिक वर्ष २०८१÷०८२ मे आत्महत्याके कारणसे ७०५५ जाने ज्यान गुमाइल तथ्याङ्क रहल बा । आत्महत्याके सम्बन्ध मानसिक स्वास्थ्यसंग रहल बा । सर्वेक्षणके अनुसार २३ प्रतिशत भारी मनै केल्ह अपनमे लक्षण डेखलपाछे चिकित्सक वा अन्य व्यक्तिसँग सहयोग लेना करल बटै जेम्ने मध्ये ६.५ प्रतिशत मनोचिकित्सक, ८.८ अन्य विशेषज्ञ, ६.७ पराम्परागत पुजाआजा, आछट हेरैना, धामीझाँक्रीसँग सेवा लेना करल पाइल बा ।
संविधानसे स्वास्थ्यहे मौलिक हकके रुपमे परिभाषित करलेसेफे मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिमध्ये ९० प्रतिशतसे ढेर व्यक्ति उपचारसे बञ्चित बटै । सबसे ढेर मानवअधिकार हनन हुइना मध्ये मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल व्यक्तिहरु पर्ना करल डेखल बा । एक अध्ययन अनुसार विश्वमे हरेक आठ जाने मध्ये एक जाने मानसिक स्वास्थ्य समस्यासँग वँच्टी रहल बटै, जिहीसे ओइनके शारीरिक स्वास्थ्य, गुणस्तरीय जीवन, ओइने औरसंगके सम्बन्ध ओ ओइनके जीविकोपार्जनमे असर पारेसेक्ना जनाइल बा । मानसिक स्वास्थ्य अवस्थासे किशोर–किशोरी ओ युवाहुकनके बह्रटी संख्याहेफे असर करटी रहल बा ।
नेपाल लगायत संसारभर मानसिक स्वास्थ्य समस्या रहल मनै मानव अधिकार उल्लङ्घनके टमान घटना भोग्टी रहल बटै । ढेरहे सामुदायिक जीवनसे बहिष्कृत करल बा ओ लाञ्छना, भेदभाव करल बा । ढेर जनहनहे आवश्यक पर्ना मानसिक स्वास्थ्य सेवामे पहुँच नैहो ।
गैरसरकारी संस्थासे नगरप्रमुख ज्ञापनपत्र बुझागिल
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवससे अवसर पारके टमान गैरसरकारी संस्थाहुँक्रे शुकके रोज धनगढी उपमहानगरपालिकाहे ज्ञापनपत्र बुझैले बटै । मानसिक स्वास्थ्य सेवाके पहुँचमे स्थानीय तहके भुमिकाबारे जानकारी करैटी उहाँहुक्रे ज्ञापनपत्र बुझाइल रहिट ।
मानसिक स्वास्थ्य तथा मनोसामाजिक सुस्वास्थ्य प्रवद्र्धनके लाग स्थानीय तहसे भूमिका निर्वाह करेसेक्ना कहटी ज्ञापनपत्र बुझाइल पिसविन कैलालीके कार्यक्रम संयोजक हर्कबहादुर ओली बटैलै ।
ज्ञापनपत्रमे मानसिक स्वास्थ्य, मनोसामाजिक सहयोगके लाग आवश्यक लैङ्गिक उत्तरदायी नीति निर्माण, कार्ययोजना बनैना तथा आवश्यक स्रोतके व्यवस्था कैना कहल बा ।
स्थानीय तहसे मानसिक स्वास्थ्यके लाग आवश्यक बजेट व्यवस्थापन करके स्वास्थ्यकर्मी, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्वयमसेवकके क्षमता अभिवृद्धि (तालीम तथा क्लिनिकल सुपरीवेक्षण), जनचेतनामूलक कार्यकम, आवश्यक औषधी खरिद, प्रेषण सेवा, पुनस्थापना तथा पुनर्मिलन सेवा सञ्चालन कैना बजेट विनियोजन कैना माग करल बा ।
मानसिक स्वास्थ्यके हिसावसे जोखिममे रहल विशेष करके द्धन्द्ध तथा हिंसा प्रभावित, संरक्षणके सवाल ओ विपद्के जोखिममे रहल नागरिकहे अन्य आवश्यक सेवासंगे अनिवार्य रुपमे मनोसामाजिक सहयोगके व्यवस्था मिलाई पर्ना कहल बा । ।
समुदायमे आधारित मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रवद्र्धनात्मक, रोकथाममूलक, उपचारात्मक ओ पुनस्र्थापनात्मक) तर्जुमा ओ कार्यान्वयन कैना नेतृत्वदायि भूमिका निर्वाह करेपर्ना, मानसिक स्वास्थ्य समस्या हुइल व्यक्ति ओ परिवारके सदस्यप्रतिके लाञ्छना, भेदभाव, अवहेलना कम कैना ओ मानवअधिकारके संरक्षण कैना स्थानीय तहमे नीति बनाई कार्यान्वयनमे ल्याने पर्ना कहल बा ।
मानसिक स्वास्थ्य प्रवद्र्धनके लाग एकद्वार नीति अबलम्बन करके स्थानीय स्तरके सरकारी, गै.स.स.÷राष्ट्रिय स्तरके विशेषज्ञ संस्था तथा अन्य सरोकारवालासँग साझेदारी करके एक द्वार प्रणाली मार्फत न्यूनतम मापदण्ड बनाके कार्यक्रम सञ्चालन करेपर्ना ज्ञापनपत्रमे कहल बा ।
केन्द्रिय तथा प्रादेशिक सरकारसँग समन्वय करके मानसिक स्वास्थ्य तथा मनोसामाजिक सुस्वास्थ्य सम्बन्धि कार्यक्रम अपन पालिकामे ल्यन्ना पैरवी करके जनस्वास्थ्यके अन्य कार्यक्रमसंगे यिहीहेफे समायोजन करटी लैजाई पर्ना कहल बा ।
कार्यकमके प्रभावकारिताके लाग स्थानीय स्तरमे अधिकार सम्पन्न समन्वय समिति गठन करके कार्यान्वयन करल कार्यक्रमके प्रभावकारीताके नियमित अनुगमन तथा सुपरिवेक्षण करेपर्ना कहल । उहाँहुक्रे पालिकासँग सहकार्यमे प्राविधिक सहयोग, क्षमता विकास ओ समन्वयके लाग सदा तयार रहलफे बटैले बटै । ज्ञापनपत्र धनगढी उपमहानगरपालिकाके प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत नरेन्द्र बहादुर खातीहे बुझाइल रहिट ।
ज्ञापनपत्र पिसविन कैलाली, एकता नेपाल, सिविन, डब्लुएचआरडी, युनिसेफ, ओरेक, एनइएन, सिडिसीलगायतसे बुझागिल रहे ।
