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[ वि.सं ३० आश्विन २०८२, बिहीबार ]
[ 16 Oct 2025, Thursday ]

कैलालीके स्वास्थ्यकर्मी आन्दोलित

पहुरा | ३० आश्विन २०८२, बिहीबार
कैलालीके स्वास्थ्यकर्मी आन्दोलित

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३० कुवाँर ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके अस्थायी राजधानी तथा स्वास्थ्य सेवाके मुख्य केन्द्र बन्टी गैल धनगढीमे कार्यरत निजी अस्पतालके स्वास्थ्यकर्मी आन्दोलनमे उटरल बटै ।

चिकित्सक बाहेकके स्वास्थ्यकर्मीहे न्यून पारिश्रमिक डेना ओ श्रम शोषण बह्रटी गैल कहटी उहाँहुक्रे सामूहिक आन्दोलन सुरु करल हुइट । धनगढी, अत्तरिया तथा आसपासके अधिकांश निजी अस्पतालमे कार्यरत स्टाफ नर्स, अनमी, ल्याब सहायक लगायतके स्वास्थ्यकर्मी सरकारी मापदण्डअनुसारके पारिश्रमिक नैपाइल गुनासो कैटी प्रदर्शनमे उटरल हुइट । उहाँँहुक्रे जिल्ला प्रशासन कार्यालय आघे धर्ना डेहल रहिट कलेसे माग पूरा नैहुइटसम आन्दोलन जारी रख्ना चेतावनी समेत डेले बटै ।

स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालयसे गत अगहन २७ गते सचिवस्तरीय निर्णय कैटी स्वास्थ्य संस्थामे कार्यरत स्वास्थ्यकर्मीहे न्यूनतम सरकारी मापदण्डअनुसारके पारिश्रमिक डेहे पर्र्ना निर्देशन जारी करल रहे ।

उ निर्देशनमे करार सम्झौतामार्फत किल स्वास्थ्यकर्मी राखे पैना, ज्यालादारी प्रणाली अन्त्य करे पर्र्ना, सक्कल शैक्षिक प्रमाणपत्र कार्यालयसे राखे नैपैना, टोकल समयसे ढेर काम कराइलमे अतिरिक्त भत्ता डेहे पर्ना ओ पारिश्रमिक बैंकिङ प्रणालीमार्फत किल उपलब्ध कराइ पर्ना उल्लेख बा ।

निर्देशनअनुसार नर्सिङ तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मीके न्यूनतम पारिश्रमिक ३४ हजार ७३० रुपैयाँ हुइपर्र्ना व्यवस्था रलेसे फेन, धनगढी ओ अत्तरियाके महँगा निजी अस्पताल भर १२ से १८ हजार रुपैयाँ किल डेटी रहल बटै । स्टाफ नर्स आस्मा नेगी कहली “हम्रे सरकारी मापदण्डअनुसारके पारिश्रमिक पाइ पर्र्ना माग करल हुइटी, मने अस्पताल ओइसीन सुविधा डेना तयार नैहो ।”
आन्दोलनरत स्टाफ नर्स आरती भट्टके अनुसार, ओइनके मुख्य मागमे सरकारी सरह पारिश्रमिक, करार सम्झौतामार्फत किल नियुक्ति, सक्कल प्रमाणपत्र अस्पतालसे राखे नैपैना व्यवस्था, अतिरिक्त समय काम करलमे भत्ता ओ बैंकिङ प्रणालीमार्फत तलब वितरण अनिवार्य कैना समावेश बा ।

उहाँहुक्रे सुदूरपश्चिम प्रदेशके सामाजिक विकास मन्त्रालय आघे फेन धर्ना डेना तयारी करल बावै । आन्दोलनरत शान्ति चौधरी कहली, “हम्रे श्रम शोषणविरुद्ध आवाज उठाइबर कुछ स्वास्थ्यकर्मीहे जागिरसे निकारल बा । अइसीन अन्याय आब सह्य नैहुइ, सरकार ओ सम्बन्धित निकाय तुरुन्त ध्यान डेहे परल ।”

स्वास्थ्यकर्मीके अनुसार, निजी अस्पतालमे कार्यरत चिकित्सकहुक्रनहे सरकारी मापदण्डसे ढेर पारिश्रमिक डेजाइठ्, मने स्टाफ नर्स, अनमी ओ अन्य सहायक स्वास्थ्यकर्मीहे भर न्यूनतम ज्यालासमेत नैडेजाइठ् । लाखौँ रुपैयाँ खर्च कैके अध्ययन करल स्वास्थ्यकर्मीहे न्यून पारिश्रमिकमे काम र्कैना बाध्य हुइबर उहाँहुक्रनके दैनिकी नै कष्टकर बनल बा । स्वास्थ्यकर्मीहुक्रनके आन्दोलनसे धनगढीके निजी अस्पतालमे सेवा प्रवाहमे फेन असर परे लागल बटाइल बा ।

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